Group Admins
टेलीग्राम पर राजकीय कार्मिको के हितार्थ पेमेनेजर इन्फो चैनल का निर्माण किया गया है। यह चैनल सीखो और सिखाओ के सिद्धांत पर कार्य करता है। इसमें पेमेनेजर सम्बन्धित लेटेस्ट अपडेट्स के साथ साथ पेमेनेजर विषय आधारित प्रश्नोत्तरी पीडीएफ में शेयर की जाती है|
प्रश्न- कार्मिक को सेकंड ग्रेड से प्रधानाध्यापक पदोन्नति पर रिलीव किया। रिलीविंग रिपोर्ट में पदोन्नति पोस्ट प्रधानाध्यापक के स्थान पर सेकंड ग्रेड आ रही है जबकि प्रधानाध्यापक पोस्ट पर रिलीव किया है। अब ज्वाइनिंग में पोस्ट नोट अवेलेबल हो रहा है तथा ऑनलाइन ज्वाइनिंग नहीं हो रही है अतः समाधान बताएँ।
उत्तर-कार्यमुक्ति मोड्यूल में पदौन्नति पर कार्मिकों को रिलीव करते समय अकसर यह गलती हो जाती है। इसके लिए रिलीविंग पद तथा पदोन्नत पद दोनों में एक समान पद अर्थात जिस पद हेतु कार्यमुक्त किया जा रहा है वह पद सेलेक्ट करें।
यदि गलत कार्यमुक्ति बन गयी है तो अपडेट रिलीविंग टैब से पुनः उपरोक्त अनुसार संशोधन कर सकते है लेकिन यदि कार्मिक को कार्यग्रहण करवा दिया है तो शाला दर्पण प्रकोष्ठ जयपुर से ही संशोधन होगा। इस हेतु शाला दर्पण पर हेल्पडेस्क पर वांछित डॉक्यूमेंट अपलोड कर समस्या की डिटेल सबमिट करनी होगी।
नोट:- वांछित दस्तावेजों में पदोन्नति आदेश, कार्यमुक्ति एवं कार्यग्रहण आदेश अपलोड करें।
प्रश्न:- SHALA DARPAN SMILE 2 के बारे में विस्तृत जानकारी देवे
उत्तर:- सम्पूर्ण जानकारी निम्नानुसार है।👇
सभी अधिकारी वर्ग एवं शिक्षकों के लिए👇
दिनांक 1 फरवरी 2021 से शिक्षक कॉलिंग गूगल फॉर्म बंद कर दिया गया है एवं सभी शिक्षकों की साप्ताहिक अपडेट शाला दर्पण के SMILE 2 मॉड्यूल के माध्यम से रिकॉर्ड हो रही है।
सभी शिक्षक साथी यह करें👇
आज ही अपने शाला दर्पण पर https://rajshaladarpan.nic.in/SD2/Home/Staff/Stafflogin.aspx पर जाकर लॉगिन करें।
ऑप्शन मेनू में SMILE-2 ऑप्शन चुनें –आपको 3 ऑप्शन दिखेंगे।
Smile Class Teacher Details – यहाँ आप संस्था प्रधान द्वारा की गयी मैपिंग की डिटेल देख सकते हैं और जान सकते हैं कि आपको किस कक्षा की डाटा एंट्री करनी होगी ?
Smile Teacher Student Mapping – इस ऑप्शन से आप अपनी Mapped कक्षा का चयन करें और Show क्लिक करें। प्रत्येक विद्यार्थी के लिए शिक्षण सामग्री से अधिगम का माध्यम एवं गृह कार्य प्राप्ति का वास्तविक माध्यम चुनें। यह डाटा आपको एक बार ही चयनित करना होगा।
Student Weekly Detail – इस ऑप्शन से आप अपने Mapped कक्षा का चयन करेंगे एवं उस साल, महीने एवं सप्ताह को चुनेंगे जिसके लिए आप अपडेट भर रहे हैं। यहाँ आप गृह कार्य/अभ्यास की जाँच, संग्रहण, एवं विद्यार्थी से फ़ोन पर जुड़ने की तिथि को चुनें। इस अपडेट से सम्बन्धित जानकारी आप विषय अध्यापकों से प्राप्त करें। यह डाटा आपको प्रत्येक सप्ताह भरना होगा। विषय शिक्षक कक्षा अध्यापक को सारी विवरण प्रेषित करेंगे एवं कक्षा अध्यापक प्रत्येक सप्ताह इस जानकारी को शाला दर्पण पर अपडेट करेंगे।
सभी संस्था प्रधान यह सुनिश्चित करें👇
आज ही अपने विद्यालय के लिए शाला दर्पण पर SMILE-2 मेनू में Class Teacher Mapping ऑप्शन पर जा कर प्रत्येक कक्षा के लिए कक्षाध्यापक का चयन करें और डाटा सबमिट करें। अपने विद्यालय के प्रत्येक कक्षाध्यापक को छात्रों की डाटा एंट्री करने का आदेश दें एवं हर सप्ताह यह सुनिश्चित करें कि वह डाटा भर रहे है।
सभी CDEO/ADPC/CBEO/PEEO एवं अन्य उच्च अधिकारी गण यह सुनिश्चित करें👇
📝 PEEO क्षेत्र में प्रत्येक विद्यालय के संस्था प्रधान महोदय ने शाला दर्पण पर Class Teacher Mapping कर ली है।
📝 परत्येक कक्षा अध्यापक अपने शाला दर्पण Staff लॉगिन का प्रयोग कर SMILE-2 मेनू में SMILE Teacher Student Mapping और Student Weekly Detail ऑप्शन में जाकर छात्रों की अपडेट भर रहे या कोई समस्या है तो समस्या का समाधान भी करें।
📝 आप अपने शाला दर्पण पर Management ऑप्शन में जाए और student tab को चुनें – आपको इस मॉड्यूल की 3 रिपोर्ट मिलेंगी – Smile Student Access Details, Smile Weekly Monitoring Report, Smile Teacher Class Mapping Report.
अपने क्षेत्र की प्रगति को इन रिपोर्ट के माध्यम से जाँचे और उचित कदम उठाएं।
नोट – यह अनिवार्य है कि प्रत्येक विद्यार्थी की अपडेट शाला दर्पण मॉड्यूल पर भरी जाए और सभी कक्षा अध्यापक यह अपडेट साप्ताहिक रूप से अवश्य पूरी करें। आप सब के प्रयास से विद्यार्थियों को उचित सहायता प्रदान की जा सकेगी।
प्रश्न:- चाइल्ड केअर लीव के बारे में संपूर्ण जानकारी देवे तथा शंका समाधान करे।
उत्तर:- वित्त विभाग की अधिसूचना दिनांक 22/5/ 18 द्वारा राजस्थान सेवा नियम 1951 में नियम 103 C के तहत एक महिला कर्मचारी को संपूर्ण सेवाकाल में 730 दिन का चाइल्ड केयर लीव पूर्ण वेतन पर दिए जाने का प्रावधान किया गया जिसे बाद में वित्त विभाग की अधिसूचना दिनांक 31/7/20 द्वारा 365 दिन पूर्व वेतन तथा 365 दिन 80% वेतन पर दिए जाने तथा महिला एवं एकल पुरुष कर्मचारी को दिए हेतु संशोधन किया गया।
1. किसी महिला कर्मचारी द्वारा अपनी दो सबसे बड़े संतान या उनमें से किसी एक की पालन या परीक्षा या बीमारी आदि के समय चाइल्ड केयर लीव हेतु निर्धारित परफॉर्मा में आवेदन किया जा सकेगा।
2. 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों की देखभाल हेतु चाइल्ड केयर लीव के लिए आवेदन किया जा सकता है परंतु मानसिक विमंदता ,एपिलेप्सी दिव्यांगता से प्रभावित बच्चे की देखभाल हेतु चाइल्ड केयर लीव के लिए आवेदन के लिए आयु सीमा 22 वर्ष थी जिसे बाद में हटा लिया गया है।
3. चाइल्ड केयर लीव को उपार्जित अवकाश की तरह एक बार में अधिकतम 120 दिन तक तथा टीबी कैंसर कोढ या मानसिक रोग के निदान के लिए अधिकतम 300 दिन का अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा। न्यूनतम अवधि 5 दिवस होगी।
4. एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम तीन बार चाइल्ड केयर लीव ली जा सकेगी।
हाइकोर्ट जोधपुर के आदेश दिनांक 07/01/19 के अनुसार हाइकोर्ट कर्मचारियों हेतु दो बार चाइल्ड केअर लीव के बीच 3 माह का अंतराल अनिवार्य है जबकि शिक्षा विभाग व वित्त विभाग के आदेश के अनुसार अंतराल अवधि निर्धारित नहीं की गई है।
5. एक महिला कार्मिक द्वारा निम्न कारणों से चाइल्ड केयर लीव की हेतु आवेदन किया जा सकेगा
(1) बच्चे की गंभीर बीमारी अथवा विकलांगता के कारण देखभाल हेतु
(2) सेकंडरी व सीनियर सेकेंडरी परीक्षा के समय देखभाल हेतु
( 3 ) सेकंडरी व सीनियर सेकेंडरी परीक्षा के अतिरिक्त शिक्षण कार्य के समय देखभाल हेतु
( 4) 3 वर्ष तक की आयु के बच्चे के पालन हेतु
6. प्रोबेशन के दौरान किसी कार्मिक का सामान्य परिस्थिति में चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत नहीं की जा सकेगा विशेष परिस्थितियों में चाइल्ड केयर लीव देय होगी परंतु उससे लीव अवधि के समान प्रोबेशन आगे सरकेगा।
विशेष परिस्थितियां परिभाषित नहीं की गई है अतः यह डीडीओ पर निर्भर है कि वह उन परिस्थितियों को विशेष मानता है अथवा नहीं
7. बिना पूर्व स्वीकृति के अवकाश पर जाने पर चाइल्ड केयर लीव बाद में स्वीकृत नहीं की जा सकेगी।
8. चाइल्ड केयर लीव का अवकाश लेखा रखने हेतु पृथक् से एक पृष्ठ सेवा पुस्तिका में चस्पा किया जाएगा।
चाइल्ड केयर लीव आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज
1 निर्धारित प्रपत्र में आवेदन
2.राशन कार्ड अथवा भामाशाह कार्ड की प्रति
3.बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र की प्रति
4. बच्चे के अध्ययन अथवा बीमारी से संबंधित प्रमाण पत्र
डीडीओ द्वारा ध्यान रखने योग्य बिंदु👇
1. निर्देशानुसार 20% से से अधिक महिला कार्मिकों को एक साथ चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत नहीं करें परंतु यदि महिला कार्मिकों की संख्या बहुत कम (जैसे 1से 4) है तथा संस्था की व्यवस्था में बाधा नहीं पड़ रही तो डीडीओ विवेकानुसार अवकाश स्वीकृत कर सकता है।
2. महिला कार्मिक द्वारा अवकाश आवेदन के समय सभी आवश्यक दस्तावेज दिए गए हो तथा मैं स्वप्रमाणित हो।
3. कार्मिक द्वारा आवेदन किये जाने पर डीडीओ चाइल्ड केअर लीव हेतु उसकी पात्रता सम्बन्धी जांच अवश्य कर लें।
4. अवकाश अस्वीकृति की स्थिति में कार्मिक द्वारा अवकाश पर जाने की स्थिति में राजकार्य बाधित होने सम्बन्धी युक्तियुक्त कारण का उल्लेख अवकाश अस्वीकृति के साथ अवश्य करें।
कार्मिक द्वारा ध्यान रखने हेतु बिंदु👇
1. अन्य अवकाश की तरह चाइल्ड केयर लीव अधिकार नहीं है तथा किसी भी परिस्थिति में कार्मिक द्वारा अवकाश उपभोग के पश्चात स्वीकृत नहीं किए जा सकेंगे अतः अवकाश पर जाने से पहले कार्मिक यह सुनिश्चित करले की उसके द्वारा आवेदित चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत कर ली गई है।
2. 3 वर्ष से कम आयु के बच्चे की देखभाल हेतु आवेदन किया जा सकता है परंतु 3 वर्ष से अधिक ऐसे बच्चे जिनकी बोर्ड परीक्षा नहीं है उनकी देखभाल हेतु उनकी बिंदु संख्या 3 के माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक परीक्षा की अतिरिक्त शिक्षण के समय देखभाल हेतु के तहत आवेदन करें।
3. अवकाश आवेदन से पूर्व यह याद रखें कि संस्थान की व्यवस्था ना बिगड़े अतः आपका अवकाश आवेदन अस्वीकृत भी किया जा सकता है।
4. कृपया अन्य कार्यों हेतु चाइल्ड केयर का बहाना बनाकर अवकाश आवेदन ना करें।
प्रोबेशन के दौरान चाइल्ड केअर लीव
1 प्रोबेशन के दौरान चाइल्ड केयर लीव डीडीओ द्वारा स्वीकृत की जा सकेगी।
2 जहाँ तक संभव हो प्रोबेशन के दौरान चाइल्ड केयर लीव नहीं ली जानी चाहिए।
3 यदि 30 दिन से कम अवकाश की आवश्यकता हो तो कार्मिक को चाइल्ड केयर लीव की बजाए अवैतनिक अवकाश हेतु आवेदन करना चाहिए जिससे प्रोबेशन आगे नहीं बढ़ेगा।
अवकाश प्रार्थना पत्र का प्रारूप👇
श्रीमान .....
.........
.....
विषय : दिनांक ..... से ....... दिनांक तक चाइल्ड केअर लीव हेतु
मान्यवर
उपर्युक्त विषयान्तर्गत निवेदन है कि मेरा पुत्र / पुत्री ...... आयु ..... कक्षा ...... में अध्ययनरत है/ मेरा पुत्र / पुत्री ...... आयु ..... अस्वस्थ है जिसकी देखभाल हेतु मुझे वित्त विभाग की अधिसूचना दिनांक 10/09/18 के बिंदु संख्या 4 (1)/4(2)/4(3)/4(4) के तहत दिनांक .......से दिनांक........ तक ...... दिन का अवकाश स्वीकृत कराने का कष्ट करावे। अवकाश के दौरान कभी भी राजकार्य बाधित होने की स्थिति में मेरा अवकाश निरस्त किया जाने पर उसकी सूचना किसी भी माध्यम से मिलने पर उपस्थित होने का दायित्व मेरा स्वंय का होगा।
संलग्न
1 निर्धारित प्रपत्र में आवेदन
2.राशन कार्ड अथवा भामाशाह कार्ड की प्रति
3.बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र की प्रति
4. बच्चे के अध्ययन अथवा बीमारी से संबंधित प्रमाण पत्र की प्रति
भवदीया
...........
(नाम)
पद
अवकाश स्वीकृति आदेश का प्रारूप👇
कार्यालय...….....................
कार्यालय आदेश
वित्त विभाग की अधिसूचना दिनांक 22/5/ 18 द्वारा राजस्थान सेवा नियम 1951 में नियम 103 C के तहत श्रीमती ........(पद) दिनांक .......से दिनांक........ तक ...... दिन का अवकाश अधिसूचना में वर्णित शर्तों के अधीन स्वीकृत किया जाता है। कोई राजकार्य बाधित होने की स्थिति में अवकाश निरस्त किया जा सकेगा उसकी सूचना किसी भी माध्यम से मिलने पर उपस्थित होने का दायित्व
कार्मिक का स्वयं का होगा।
अवकाश अवधि के दौरान राजस्थान सेवा नियम 97(1) के तहत पूर्ण वेतन देय होगा।/ वित्त विभाग की अधिसूचना दिनांक 31/7/20के तहत .... दिवस का 80% वेतन देय होगा /राजस्थान सेवा नियम 97(1) के तहत .... दिवस का पूर्ण वेतन तथा वित्त विभाग की अधिसूचना 31/7/20 दिनांक ....... के तहत .... दिवस का 80% वेतन देय होगा ।
विशेष नोट:-
जिस प्रकार कार्मिक के लिए अवकाश अधिकार नहीं है उसी प्रकार डीडीओ के लिए भी अवकाश अस्वीकृत करने हेतु युक्तियुक्त आधार होना अनिवार्य है।
प्रश्न-पे मैनेजर पर सेवानिवृत कर्मचारियों के माह मार्च 2020 के स्थगित वेतन का बिल कैसे बनाया जाये ?
उत्तर - सर्वप्रथम जिस कर्मचारी का वेतना बनाना चाहते है उस कर्मचारी के निम्नानुसार करेक्सन करें।👇
- उसकी रिटार्यमेन्ट तिथि आज से पूर्व की हो।
- उसका स्टेटस रिटार्यमेन्ट हो। (स्टेटस रिटार्यमेन्ट DDO लाॅगिन से कर सकते है HOD एप्रुव की जरूरत नहीं)
- कर्मचारी की सभी कटौतियां डिलिट कर देवें। (RPMF भी क्योंकि पूर्व में हो चुकी है)
- कर्मचारी को उसी ग्रुप में रखें जिस हैड में पूर्व में वेतन आहरित कर रहा हो।
तत्पश्चात बिल की निम्न प्रक्रिया अपनाए।👇
- माह मार्च 2020 का बिल नम्बर एलोकेशन करें।
- अब सैलेरी प्रोसेसिंग के लिए Bill Processing-> Salary Preparation-> Monthly Salary Deferment पर क्लिक करें।
- यहां माह मार्च 2020 फीड करें। अब आपको आपका बिल दिखाई देगा।
- इन्ड्युजवल बिल पर क्लिक करते हुए अपने बिल को सलेक्ट करें।
- ग्रुप के सभी कर्मचारियों मे से जिस कार्मिक का वेतन बनाना है उसे सलेक्ट करते हुए प्रोसेस पर क्लिक करें।
Document upload में सेवानिृत्ति आदेश, कार्यालय स्वीकृति आदेश व अंतर विवरण पत्र अपलोड करें।
अब आपका बिल प्रोसेस हो जायेगा। अब सामान्य प्रक्रियाओं के साथ रेगुलर बिल की भांति बिल ट्रेजरी फाॅरवर्ड करें।
प्रश्न:-व्याख्याता के पद विरुद्ध कार्यरत वरिष्ठ अध्यापक को कार्यमुक्त कैसे करें ?
उत्तर:- यदि विद्यालय में व्याख्याता कार्यग्रहण करने के लिए आता है किन्तु उस पद एवं विषय पर पद विरुद्ध वरिष्ठ अध्यापक कार्यरत है तो सर्वप्रथम निम्न प्रक्रिया से वरिष्ठ अध्यापक को कार्यमुक्त करना होगा:-
1.सर्वप्रथम शाला दर्पण पर कार्मिक कार्यमुक्ति ऑप्शन में सम्बंधित वरिष्ठ अध्यापक का नाम या Employee ID प्रविष्ट कर उसको Search करें।
2.कार्यमुक्ति के कारण में आदेशों की प्रतीक्षा में (APO) का चयन करें।
3.आदेश कर्ता- निदेशक का चयन करें।
4.आदेश क्रमांक में व्याख्याता के आदेश क्रमांक प्रविष्ट करें।
5.Office Type में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् का चयन करे।
6.Office Name में सम्बंधित संभाग का संयुक्त निदेशक कार्यालय का चयन करें।
तत्पश्चात submit कर कार्यमुक्त करें।
प्रश्न - मेरी सेवानिवृत्ति हो चुकी है। पीपीओ/जीपीओ/सीपीओ प्राप्त हो गए हैं। मुझको कोषालय से इनका भुगतान लेना है। इसके लिए कौन-2 से डॉक्यूमेंट जमा कराने है। मेडिकल डायरी बनाने हेतु क्या करना है ?
उत्तर - पेंशन विभाग से प्राप्त मूल PPO/GPO/CPO के साथ निम्न दस्तावेज कोषालय में जमा करावे -
1. PPO/GPO/CPO मूल कॉपी (फोटो कॉपी करवा कर अपने पास रख लेवे)
2. दो फोटो जो पेंशन कुलक में लगाए थे।
3. आधार कार्ड की फोटो कॉपी
4. 50 रुपए के स्टाम्प पर शपथ पत्र कोषालय द्वारा प्रदत्त निर्धारित प्रारूप में
5. बैंक खाता पासबुक की फोटो कॉपी
6. वोटर आईडी की फोटो कॉपी
7. सेवानिवृत्ति आदेश की प्रति
8. मूल कार्यमुक्ति आदेश शाला दर्पण से
9. मूल अंतिम वेतन प्रमाणपत्र (एलपीसी)
10. जीवित प्रमाण पत्र (कोषालय से मिलेगा)
11. अन्य दस्तावेज कोषालय द्वारा प्रदत्त दिशा निर्देशानुसार
12. नॉमिनी का आधार कार्ड स्वप्रमाणित फोटोकॉपी
जब GPO ,CPO व PPO की राशि स्वयं के बैंक खाते में जमा हो जाए तो कोषालय से अपना मूल PPO प्राप्त कर लेंवे और इसका लेमिनेशन करवाकर अपने पास सुरक्षित रखें।
मेडिकल डायरी हेतु निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र भरकर मय PPO की सत्यापित प्रति के कोषालय में जमा करवाए। कोषालय द्वारा निर्धारित समयावधि में मेडिकल डायरी जारी कर दी जाएगी।
प्रश्न :-अगर किसी कार्मिक की सर्विस बुक खो जाएं तो नई सर्विस बुक बनवाने की क्या प्रक्रिया होंगी ?
उत्तर:- 【1】 सर्व प्रथम सेवा पुस्तिका खो जाने की पुलिस थाने में FIR दर्ज करावे फिर FiR की कॉपी सहित सेवापुस्तिका खो जाने की सूचना Ddo द्वारा अपने नियंत्रण अधिकारी को देनी पड़ती है जिसमे सेवापुस्तिका खो जाने का कारण स्पष्ट लिखा होना चाहिए।
【2】उसके बाद नियंत्रण अधिकारी सूचना मिलने पर एक जांच अधिकारी नियुक्त करते है जो सेवापुस्तिका खो जाने के मामले की गहन जांच करते है एवं सेवा पुस्तिका के खोने के मामले में कौन से अधिकारी/कार्मिक की भूमिका है उसका निर्धारण करते है कि कौन वास्तविक रूप से इस मामले में जिम्मेदार है तथा सूचना में सेवापुस्तिका खो जाने का जो कारण बताया गया है उसकी भी जांच कर तस्दीक की जाती है एवम सेवा पुस्तिका खो जाने का वास्तविक कारण पता कर वह अपने प्रतिवेदन में उस कारण को प्रमाणित करते है।
【3】जांच अधिकारी द्वारा सेवा पुस्तिका खो जाने के लिए जिसकी जिम्मेदारी निर्धारित की है उस कार्मिक/ अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने की अभिशंषा की जाती है एवं नियुक्ति अधिकारी द्वारा उनके विरुद्ध आरोप पत्र जारी कर जांच शुरू की जाती है।
【4】उसके बाद कार्मिक की दूसरी सेवा पुस्तिका बनाने के आदेश नियुक्ति अधिकारी द्वारा जारी किए जाते है जिसकी पालना में वर्तमान Ddo कार्मिक की दूसरी सेवापुस्तिका तैयार करते है।
【5】दूसरी सेवापुस्तिका बनाने में यदि कार्मिक के पास डुप्लीकेट सेवापुस्तिका हो तो उसकी मदद ली जा सकती है एवम उसकी निजी पंजिका तथा जहां जहां वह कार्यरत रहा था वहाँ से रिकॉर्ड प्राप्त कर दूसरी सेवापुस्तिका तैयार की जाएगी।।
नोट:-(1) इस लिए कार्मिक को हमेशा अपनी डुप्लीकेट सेवापुस्तिका हमेशा अपडेट रखनी चाहिए।
(2) आज कल फोटो कॉपी का जमाना है कार्मिक चाहे तो अपने Ddo से सेवापुस्तिका की अपडेटेड फोटोकॉपी करवा कर भी अपने पास सुरक्षित रख सकता है।
प्रश्न:- शालादर्पण पर कार्मिक के नाम में संशोधन कैसे करे ?
उत्तर:-इसके लिए निम्नलिखित प्रोसेस अपनाए।👇
⏭️ सर्वप्रथम अपने विद्यालय की शालादर्पण लागिन करे।
⏭️ तत्पश्चात 'विद्यालय ' टैब पर क्लिक करें
⏭️ फिर Help Centre Module School issues पर क्लिक करें
⏭️ फिर Click here to report an issue/ problem पर क्लिक कीजिए
⏭️ फिर Problem main category के Drop down menu से Staff related issues का चयन करें
⏭️ तत्पश्चात Problem sub category के Drop down menu से Staff name & Emp id Updation का चयन किजिए
⏭️ Problem Description में निम्न विवरण बिन्दुवार अंग्रेजी भाषा के कैपीटल लैटर में लिखे-
➡️ CONCERNING SCHOOL SHALADRAPAN NIC CODE=
➡️EMPLOYEE ID=.................................
➡️AADHAR NO=..............
➡️MOB. NO=....................
➡️DOB=...........................
➡️EMP NAME ON SHALADRAPAN=.................................................
➡️CORRECT NAME ACCORDING TO 10TH CLASS CERTIFICATE =..................................
⏭️ तत्पश्चात 200 Kb में संबंधित कार्मिक की कक्षा 10 की मार्कशीट या प्रमाण पत्र सर्विस बुक के प्रथम पेज की प्रतिलिपि व विद्यालय से फॉरवर्डिग लेटर पीडीएफ *ब्लेक एण्ड व्हाइट* Upload the supporting documents to elaborate Problem के choose file में अपलोड करें।
⏭️ अत में 'प्रोब्लम रिपोर्ट करें' पर क्लिक कीजिए।
वांछित संशोधन दो कार्यदिवस में हो जायेगा
प्रश्न:- स्थाईकरण के बाद स्थाई वेतन पर प्रथम बिल बनाने से पूर्व paymanager पर किए जाने वाले डाटा updation से संबधित कार्य की पूर्ण प्रक्रिया बताये।
➡️ सर्वप्रथम paymanager पर निम्न डाटा अपडेट किए जाने हैं जो कि वर्तमान में HOD से approved के बाद ही चेंज हो सकेंगे।
-Service sub type-Regular
-Status - permanant
-HRA - Eligible
-CCA - Eligible or not eligible
-NPA - Eligible or not eligible
-Pay- pay Leval
-Date of joining- regular service
-Date of increament
उपरोक्त में से Date of joining regular service,
Date of increament को छोड़कर सभी updation का request डीडीओ अपने लेवल पर HOD को फॉरवर्ड कर सकता है।
➡️डीडीओ द्वारा paymanager पर Authorization tab में employee detail updation में जाकर निम्न तीन ऑप्शन में डाटा अपडेट हेतु रिक्वेस्ट जैनरेट कर सकते हैं।
1 Employee status update request
2 Employee pay detail updation
3 employee date update / personal detail update
File upload में स्थाईकरण आदेश अथवा कार्यालय द्वारा जारी वेतन निर्धारण आदेश अपलोड कर सकते हैं।
➡️Date of joining regular service
Date of increament को कार्मिक द्वारा अपनी paymanager आईडी से रिक्वेस्ट जेनरेट कर डीडीओ को forward करना है वहां पर डीडीओ उक्त रिक्वेस्ट की जांच कर HOD को फॉरवर्ड करेगा।
प्रश्न-क्या स्थानांतरण पर मिलने वाले योगकाल के क्रम मे अवकाश ले सकते है ? क्या उक्त अवकाश लेने पर उपार्जित अवकाश मिलेगा ? कृपया नियमानुसार योगकाल सम्बन्धित समस्त जानकारी से अवगत करवाए।
उत्तर - कार्यग्रहण काल नियम 1981 के नियम 4(1) एवं वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 02.08.2005 के बिंदु संख्या (b) के अनुसार किसी कार्मिक का स्थानान्तरण जनहित/लोकहित में होने पर ही कार्यग्रहण काल अनुज्ञेय होगा।
180 दिनों तक के अस्थायी स्थानांतरण हेतु कार्यग्रहण काल देय नही है। ऐसे मामलों में केवल दौरे पर स्वीकार्य वास्तविक यात्रा समय ही अनुज्ञेय होगा।
जब स्थानान्तरण स्वयं कार्मिक के निवेदन/प्रार्थना के आधार पर हो तो कोई यात्रा भत्ता एवं कार्यग्रहण काल स्वीकार नही किया जाएगा। यदि कार्मिक के स्थानांतरण आदेश में लोकहित में स्थानांतरण का उल्लेख नही किया गया हो तो यह माना जाएगा कि स्थानांतरण कार्मिक के निवेदन पर हुआ है, फलस्वरूप कोई यात्रा भत्ता एवं योगकाल देय नही होगा, लेकिन ऐसे कार्मिकों को कार्यमुक्त होने एवं नवीन पद पर उपस्थित होने के बीच की अवधि में पड़ने वाले रविवार/राजपत्रित अवकाशों के उपभोग की अनुमति दी गई है।
वित्त विभाग के स्पष्टीकरण दिनांक 21.08.2007 के अनुसार प्रोबेशनर ट्रेनी कार्मिक का स्थानांतरण परिवीक्षाकाल में होने पर उसे केवल मील भत्ता (Mileage Allowance) एवं आकस्मिक प्रतिपूर्ति व्यय (incidental charges) परिवीक्षाकाल में नियत पारिश्रमिक के आधार पर अनुज्ञेय होगा। उक्त प्रकार के मामलों में कार्य ग्रहण काल नियम 1981 के प्रावधान लागू नहीं होंगे। परिवीक्षाकालीन स्थानांतरित कार्मिकों हेतु आवश्यक यात्रा की वास्तविक अवधि को कर्तव्य अवधि (ड्यूटी) के रूप में माना जाएगा।
वित्त सचिव III - वित्त विभाग राजस्थान के द्वारा अतिरिक्त निदेशक HCM RIPA जयपुर के पत्रांक 17.07.2006 के बिंदु संख्या 1(d)(i) के प्रतिउत्तर में भेजे गए स्पष्टीकरण आदेश दिनांक 30.08.2006 के अनुसार - यदि कोई कार्मिक जो पूर्व में स्थायी सेवा (तीन वर्ष से अधिक) में था, का चयन RPSC से किसी अन्य उच्च पद पर हो जाता है तो ऐसे कार्मिकों को कार्यग्रहण काल एवं कार्यग्रहण काल अवधि का वेतन देय होगा, लेकिन ऐसे कार्मिकों को कार्यग्रहण अवधि समाप्ति से पूर्व कार्यग्रहण करने पर नियम 6(1) के अनुसार योगकाल PL का लाभ देय नही होगा। जिन कार्मिकों की सेवा अवधि 3 वर्ष से कम है और जिनका चयन RPSC से उच्च पद पर हो जाता है तो ऐसे कार्मिकों को केवल कार्यग्रहण काल ही देय होगा। 3 वर्ष से कम सेवा अवधि वाले कार्मिकों को कार्यग्रहण काल की अवधि का वेतन देय नही होगा।
कार्यग्रहण काल नियम 1981 के नियम 5 के अनुसार - यदि प्रभार मध्यान्ह से पूर्व संभलाया गया है तो पुराने पद के प्रभार को त्यागने की तारीख से कार्यग्रहण समय प्रारंभ होगा। मध्यान्ह पश्चात कार्यभार त्यागने/संभलाने पर अगले दिन से कार्यग्रहण समय प्रारंभ होगा।
नियम 6(1) के अनुसार जब पूर्ण कार्यग्रहण समय का लाभ लिए बिना कोई राज्य कर्मचारी पदभार ग्रहण कर लेता है तो अवशेष दिनों के बराबर उपार्जित अवकाश सेवा पुस्तिका में जोड़ दिए जाएंगे।
नियम 6(2) के अनुसार - "कार्यग्रहण समय को आकस्मिक अवकाश को छोड़कर लंबे अवकाश (ग्रीष्मावकाश) या रा.से.नि. 1951 भाग प्रथम के अनुसार देय अन्य किसी भी प्रकार के नियमित अवकाश के साथ निरन्तर लिया जा सकता है।"
योगकाल के साथ अन्य अवकाश का उपभोग करने पर पहले योगकाल अवधि का उपभोग माना जाएगा, बाद में अन्य अवकाश अवधि नियमानुसार समायोजित होगी। योगकाल से अधिक अवधि का कोई भी अवकाश लेने पर योगकाल के एवज में उपार्जित अवकाश (PL) का लाभ देय नहीं होगा।
जितने दिन के अवकाश का उपभोग किया है, उतने ही दिन की PL कम होगी चाहे अवकाश किसी भी प्रकार का लिया हो। जैसे - अगर कोई कार्मिक जिसे 10 दिन का योगकाल देय है वह 15 दिन बाद जॉइन करता है तो 10 दिन योगकाल + 5 दिन का अन्य अवकाश नियमानुसार कटेगा। इस स्थिति में कार्मिक के अवकाश खाते में कोई उपार्जित अवकाश नही जुड़ेगा।
नियम 7 के अनुसार कार्यग्रहण अवधि को कर्तव्य अवधि माना गया है। अतः उक्त अवधि के दौरान कार्मिक को पदभार त्यागने/सौपने से पूर्व आहरित वेतन एवं अन्य भत्तों का भुगतान (वाहन भत्ता/स्थाई यात्रा भत्ता को छोड़कर) अनुज्ञेय होगा।
नियम 8 के अनुसार यदि कोई कार्मिक निर्धारित कार्यग्रहण काल अवधि समाप्ति उपरांत भी कार्यग्रहण नही करता है/नियमानुसार अवकाश आवेदन नही करता हैं, तो उसे उक्त अवधि की समाप्ति श्चात कोई वेतन अनुज्ञेय नही होगा और कार्यग्रहण अवधि समाप्ति पश्चात जानबूझकर स्वेच्छा से अनुपस्थिति अवधि को सेवा भंग माना जाएगा जो पूर्व सेवा की समाप्ति के रूप में उस समय तक रहेगा जब तक कार्मिक द्वारा संतोषप्रद कारण प्रस्तुत नही कर दिया जाता है या कार्यग्रहण अवधि में वृद्धि नही कर दी जाती है या उक्त अनुपस्थिति अवधि को सक्षम प्राधिकारी द्वारा असाधारण अवकाश में परिवर्तित नही कर दिया जाता है।
प्रश्न- राजकीय सेवा संबंधित सामान्य नियम जो दैनिक रूप से उपयोगी हो, संक्षिप्त व परिचयात्मक रूप से बतायें।
उत्तर-
1. लेखा नियम : भुगतान जब करना हो तभी राशि ड्रॉ करे।
2. निजी निक्षेप खाते का पैसा 31 मार्च को लेप्स ना हो इसलिए कोई राशि नियमानुसार ही आहरण करे।
3. बैंक से धन राशि आहरण हेतु अनुमति हो एवम उस हैड में राशि उपलब्ध होनी चाहिए।
4. नियम 10 G&FR का एक मुख्य नियम हैं। सरकार हर अधिकारी से मितव्ययता की अपेक्षा करती है एवम धन इस प्रकार व्यय करे जैसा एक सामान्य बुद्धि का व्यक्ति स्वयम् का निजी धन खर्च करता हैं।
5. जब भी कोई व्यय करे तब मांग के अनुसार ही व्यय करे। मांग से अधिक खरीद नहीं करे।
6. कोई भी व्यय स्वयम् के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष फायदे के लिए ना हों
7. किसी व्यक्ति विशेष के फायदे के लिए व्यय नहीं करे।
8. केश बुक का नियमित संधारण करे।
9. GA 19 तैयार करके नियंत्रण अधिकारी को प्रेषित किया जाना चाहिए। अब पे मैनेज़र द्वारा अब ऑटो तैयार होता है इसे आप प्रत्येक माह की 5 तारीख तक नियंत्रण अधिकारी को भेज दिया जाना चाहिए। इसकी आवश्यकता बजट निर्माण के समय भी रहेगी।
10. आपको अपने कार्यालय की रोकड़ पञ्जिका व वाउचर नियमित/साप्ताहिक रूप से जांच करनी चाहिए।
11. किसी भुगतान को अनावश्यक रूप से नहीं रोका जाना चाहिए। किसी भुगतान को करने हेतु कोई विधिक बाधा है तो ऐसा भुगतान सक्षम स्वीकृति के पश्चात करना अपेक्षित हैं।
12. किसी प्रमाणपत्र पर जब आप हस्तक्षर करते है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी आपकी होती है अतः संतुष्ट होकर ही हस्ताक्षर करे।
13. जब लेखा दल आये तो उसके बैठने, जल पानी, टेबल कुर्सी, विद्युत व अभिलेख उपलब्ध करवाये। आप उन्हें रेकॉर्ड उपलब्ध करने से मना नहीं कर सकते।
14. बिना अधिकार करार नहीं करे।
15. जो भी राशि व्यय करे उसे नियमानुसार उसी दिन लेखो में संधारित करे एवम राशि को बैंक में जमा करवाये।
16. 4 जुलाई 2014 के पश्चात सभी चालान ऑनलाइन जेनरेट हो रहे है । इससे पूर्व बजट कंट्रोल DDO को करना पड़ता था। अब बिना बजट के बिल जेनरेट नहीं किया जा सकता हैं।
17. जब चेक स्वीकार करना हो तो स्थानीय स्तर पर क्लियर होने वाला चेक होना चाहिए। अंतिम दिनांक जब तय हो तो क्लियर होने की अवधि के अनुसार चेक लेवे।
18. जब किसी पार्टी का चेक बाउन्स हो जाए तो उससे पेनल्टी राशि रोकड़ लेकर ही राशि रोकड़ में स्वीकार की जाती हैं।
19. चेस्ट की एक चाबी उच्चाधिकारी के पास जमा करनी चाहिए।
20. आपकी अनुपस्थिति में GA 55 पर हस्ताक्षर हेतु आपको किसी को अधिकृत करना चाहिए, सामान्य स्तिथि में यह कार्य केशियर कर सकता हैं।
21. जिस दिन केश बुक खुले उसी दिन बन्द भी करे व किसी से योग चेक करवाना चाहिए।
22. बिल बनवाने का कार्य पे मेनेजर पर होता है, अपने ID से खाता खोलकर बिल बनवाले और सम्पूर्ण चेक कर ट्रेज़री को फॉरवर्ड कर हार्ड कॉपी पर सील व हस्ताक्षर कर भिजवाना हैं। अब ये कार्य डिजिटल डोंगल से हो रहा है। इसके लिये भी बिल की एक प्रति निकालकर फाइल करें।
23. पे मेनेजर पर ROP recover of payment भी सम्भव हैं।
24. राजस्थान प्रोक्युरमेंट एक्ट के तहत निविदा निकाले तो उसकी भाषा सुस्पष्ट होनी चाहिए। G&FR में इस कार्य हेतु नमूना उपलब्ध हैं। एक बार आदेश निकालने के पश्चात सुपीरियर अधिकारी की अनुमति से ही संशोधन संभव होगा।
25. जब सामग्री किसी दूसरे देश से मंगवानी हो तो दर FOR लेनी चाहिए।
26. भुगतान के समय TDS काटने की सुचना पूर्व में ही अंकित कर देनी चाहिए।
27. कोई भी टेंडर अंनंत काल के लिए जारी नहीं हो सकता हैं। ऐसा टेंडर वित्त विभाग की सहमति से जारी करे।
28. SDP पोर्टल पर लोगिन करके प्रोक्युरमेंट एन्टाइटल फॉर्म प्राप्त करके अपना रजिस्ट्रेशन करवाले। रजिस्ट्रेशन के पश्चात आप निविदा करने तक एन्टाइटल हैं। हम एक वित्तीय वर्ष में 10 हज़ार तक व एक साल में एक लाख तक खरीद बिना निविदा कर सकते हैं।
29. “क्रय समिति” की अनुशंषा पर बिना टेंडर 50 हजार तक खरीद की जा सकती है इसकी एक सत्र में सीमा 3 लाख हैं। क्रय समिति में कार्यालयाध्यक्ष के साथ एक लेखाकार व तकनीकी कार्मिक होना जरुरी हैं।
30. एक साल में 3 कोटेशन लाकर एक लाख तक की खरीद की जा सकती हैं। एक बार में 2 लाख व साल में ऊपरी सीमा 10 लाख के ऊपर खुली निविदा करनी पड़ेगी व SDP पोर्टल पर प्रदर्शन करना पड़ेगा।
31. निर्माण में 10 लाख के ऊपर के आर्डर हेतु P निविदा करनी होती हैं।
32. DSC यानी digital signature certificate ।
33. 5 लाख या उससे अधिक राशि हो तो 10 दिन व स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित करना पड़ेगा। इस समाचार पत्र की न्यूनतम प्रसार संख्या 50 हज़ार हो।
34. अमानत राशि से तात्पर्य टेंडर के साथ जमा कराने वाली राशि से है जबकि उसका टेंडर स्वीकृत होने पर प्रतिभूति राशि ली जाती हैं।
35. यदि किसी सामान की उपलब्धि सरकारी दूकान पर उपलब्ध हो तो उसी दूकान से खरीदनी चाहिए।
36. कपडा, झंडा इत्यादि खादी भण्डार से खरीद करनी चाहिए।
37. D&SG से अप्रवुड माल की खरीद हेतु किसी टेंडर की आवश्यकता नहीं हैं।
38. तोलिये 5 माह, बेड शीट 1 साल, लोहे का पलंग, कांच के ग्लास 5 माह, शेषे का जग 1 साल, गद्दे एक साल, टिया सेट 2 साल, बिजली घंटी 2 साल, साइन बोर्ड, साइकिल, चाट बरसाती, टेबल गिलास , कुर्सी की गद्दी, झंडा, लकड़ी का पायदान 5 साल में। नोटिस बोर्ड, झार , वाटर कूलर, रेडियो ट्रांज़िस्टर , बाल्टी, जाजम, संदूक, इज़ी चेयर 10 साल में अनुपयोगी हो जाती हैं।
39. सामग्री को अनुपयोगी, बेशी या कंडम घोषित करने के बाद फॉर्म SR5 में लिस्टिंग करेंगे। तकनीक वाले सामान के लिए तकनीकी व्यक्ति की राय लेनी पड़ेगी।
40. अनुपयोगी सामग्री की लिस्ट बनने के बाद सामग्री का मूल्य निर्धारण करना पड़ता हैं। सामग्री के मूल्य का आंकलन करने के पश्चात उसकी नीलामी की जाती हैं।
41. 5 लाख से अधिक की नीलामी विभागाध्यक्ष के माध्यम से होगी। विभागाध्यक्ष अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर सकता हैं।
42. एक लाख से ज्यादा व 5 लाख से कम मूल्य की नीलामी हेतु उप विभागाद्यक्ष के माध्यम से होगी।
43. 30000 से कम मूल्य होने पर कार्यालयाध्यक्ष स्वयम् कर सकता हैं।
44. कम्प्यूटर पर डेप्रिशयशन रेट 60% हैं।
45. 10 हजार के मूल्य तक की रद्दी के विक्रय हेतु कमिटी का अध्य्क्ष कार्यालयध्यक्ष होता हैं।
46. G&FR के परिशिष्ट 6 के तहत अभिलेख के संदगरण की समय सीमा हैं। शाळा भवन के कागजात हेतु कोई समयसीमा नहीं हैं।
47. लोन व अग्रिम रजिस्टर व संस्थापन रजिस्टर तथा स्थाई सम्पतियों के कागजात स्थायी रहेंगे।
48. अवकाश अर्जित करना पड़ता हैं।
49. अवकाश अधिकार नहीं हैं।
50. आकस्मिक अवकाश, अवकाश की श्रेणी में नहीं आता है, इसका लेखा सर्विस बुक में नहीं होता।
51. क्षतिपूर्ति अवकाश मंत्रलायिक कार्मिको को राजकीय अवकाश पर कार्य करने के एवज़ में मिलता हैं। इसका बेलेंस फॉरवर्ड नहीं होगा।
52. शिक्षक हेतु आकस्मिक अवकाश का कलेंडर 1 जुलाई से 30 जून तक हैं। अतः जिनके cl शेष है वे 30 जून तक आकस्मिक अवकाश का उपभोग कर सकते हैं।
53. उपार्जित अवकाश- शिक्षक वर्ग हेतु वर्ष के 15 उपार्जित अवकाश देय हैं।
54. अगर किसी कार्मिक ने माह की प्रथम तिथि को कार्यग्रहण नहीं किया है तो उसे उस माह अवकाश अर्जित नहीं होगी।
55. मेडिकल अवकाश स्वयम् में अवकाश नहीं होकर अर्ध वेतन अवकाश होता हैं। पूरे वर्ष सेवा करने पर ही इसे कार्मिक के खाते में जोड़ा जाता हैं।
56. HLP को चिकित्सा या शिक्षा ग्राउंड पर कंम्यूट करवा सकता है।
57. लीव सेंक्शन करवाना आवश्यक है। लीव सेंक्शन करने हेतु कार्यालयध्यक्ष कार्यालय हित में स्वीकार कर सकते हैं।
58. कोई कार्मिक 5 साल से अधिक बिना सूचना अवकाश पर रहे तो उसकी सेवा बर्खास्त की जा सकती हैं।
प्रश्न:- रोकड़ बही संधारण संबंधी समस्त नियमो की जानकारी देवे।
1.विद्यालय में राजकीय व अराजकीय दोनों प्रकार की राशि का लेन- देन होता है। राजकीय राशि के लिए रोकड़ बही निर्धारित प्रारूप GA 48 व अराजकीय राशि का संधारण GA 50 में किया जाता है। *सा.वि.लेखा नियम -1 नियम 48 व 50
2. राजकीय व अराजकीय राशि को मिलाना नहीं चाहिए । नियम -49
3. एक विद्यालय में प्रायः निम्न प्रकार से राशि प्राप्त होती है -
(क) विद्यार्थी कोष (ख) विकास कोष/एसडीएमसी (ग) राजकीय निधि शुल्क - प्रवेश एवं टीसी शुल्क (घ) बैंक ड्राफ्ट/चैक आदि से।
छात्र निधि (विद्यार्थी कोष boy's Fund) और राजकीय निधि की प्राप्ति हेतु रसीद बुक का प्रावधान है तथा विकाश शुल्क प्राप्त हेतु विद्यालय स्तर पर प्रिंटेड रशीद बुक होनी चाहिए जिसमें एसडीएमसी का बैंक अकाउंट संख्या, पैन अंक, 80 जी पंजीयन अंक मुद्रित होना चाहिए।
राजकीय निधि के लिए GA 55 राजकीय मुद्रणालय से प्राप्त होती है। छात्र निधि के लिए GA 56 जो शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित होती है, उपयोग में ली जाएगी।
4. रसीद बुक छपी हुई तथा नंबर लगी होनी चाहिए। काम में लेने से पूर्व पृष्ठों की जांच कर प्रमाणित की जानी चाहिए। नियम 45
5. सरकार ओर से राशि प्राप्त करने वाले सरकारी कर्मचारी भुगतान कर्ता को एक रसीद देगा। रसीद पर कार्यालय अध्यक्ष या उसके द्वारा विधिवत् प्राधिकृत राजपत्रित सरकारी कर्मचारी द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे रसीद पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि प्राप्त राशि का इंद्राज सही रूप से रोकड़ बही में कर लिया है। नियम 46
6. यदि भुगतान कर्ता से रसीद की मूल प्रति खो जाती है तो डुप्लीकेट रसीद जारी नहीं की जाएगी, प्रमाण पत्र दिया जा सकता है । नियम 47
7.रोकड़ बही का संधारण दैनिक (जिस दिन लेन- देन हो) किया जाना चाहिए तथा प्रत्येक लेन देन के सम्मुख लघु हस्ताक्षर करने चाहिए।
8. रोकड़ बही में दैनिक आय व्यय का इंद्राज करने के पश्चात बंद कर देनी चाहिए तथा बंद करने का पश्चात अधिकारी के हस्ताक्षर एवं मुहर लगाना अनिवार्य है साथ ही रोकड़ बही संधारण करने वाले कैशियर/लिपिक/लेखाकार के हस्ताक्षर करना आवश्यक है।
9. रोकड़ बही में प्रविष्ठियों का योग जांच अन्य कर्मचारी से करवाया जाना चाहिए जिसमें वह प्रमाण पत्र अंकित करेगा योग जांचा सही पाया और अपने हस्ताक्षर करेगा।
10. रोकड़ बही में किए गए इंद्राजों के साथ - साथ पिछला शेष, योग, अवशेष की जांच भली भांति की जानी चाहिए।
11. रोकड़ बही में कांट छांट, ऊपरी लेखन, स्वेत स्याही का प्रयोग नहीं करना चाहिए यदि कोई त्रुटि हो जाती है तो अशुद्ध प्रविष्ठी पर पेन से रेखा उन रेखाओं के बीच में लाल स्याही से शुद्ध प्रविष्टि दर्ज कर उसे सही किया जाएगा। ऐसी प्रत्येक शुद्धि पर कार्यालय अध्यक्ष द्वारा लघु हस्ताक्षर किए जाएंगे तथा इन लघु हस्ताक्षर के नीचे दिनांक अवश्य अंकित की जाएगी।
माह के अंत में, हस्तस्थ नकद शेष का मासिक ब्योरा निकाला जाएगा तथा रोकड़ बही में उसे दिखाया जाएगा। सरकारी कर्मचारी को दिए गए अस्थाई अग्रिम का ब्यौरा सरकारी कर्मचारी के नाम के साथ दिया जाएगा तथा इसे अग्रिम के भुगतान की तारीख भी अंकित की जाएगी नियम 48
12. नकद का सत्यापन - प्रत्येक माह के अंत में कार्यालय अध्यक्ष रोकड़ बही एवं अभिलेख में नकद शेष को सत्यापित करेगा तथा इस संबंध में प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर मय दिनांक करेगा ।
कार्यालय अध्यक्ष माह में एक बार आकस्मिक जांच भी करेगा तथा रोकड़ बही एवं अभिलेख में नकद शेष का सत्यापन करेगा एवं उस संबंध में प्रमाण पत्र पर अपने हस्ताक्षर मय दिनांक करेगा । नियम 51
13. यदि किसी अधिकारी/कर्मचारी को राशि अग्रिम दी जावे तो उसका इंद्राज रोकड़ बही के विवरण कॉलम में लाल स्याही से करना चाहिए, रोकड़ बही के शेष में कम नहीं करना चाहिए। जब अधिकारी / कर्मचारी द्वारा अग्रिम का हिसाब दिया जाए तो उस दिन प्राप्ति की तरफ विवरण के कॉलम में दिए गए हिसाब का अंकन लाला स्याही से किया जाना चाहिए तथा वास्तव में व्यय की गई राशि का लेखा भुगतान पक्ष में करना चाहिए। जब तक अग्रिम का हिसाब प्राप्त न हो जावे कैश बैलेंस में उसे अग्रिम रूप में दर्शाया जाता रहेगा जैसे दिनांक 21.01.2021 का रोकड़ बही शेष 8000 हजार और अग्रिम 2000 रू. है तो रोकड़ बही बंद करने पर ऐसा इंद्राज करना चाहिए -
नकद शेष 6000
----------------------
अग्रिम 2000
योग। 8000
14. सुरक्षा व्यवस्था - कार्यालय अध्यक्ष/आहरण वितरण अधिकारी राशि जमा करवाने हेतु बैंक में लेे जाने हेतु समुचित सुरक्षा प्रबंधों की व्यवस्था करेगा। चपरासियों को बैंक में राशि लेे जाने अथवा राशि को बैंक से लाने की अनुमति नहीं दी जाएगी । जब किसी चतुर्थ श्रेणी को इस प्रयोजन हेतु लगाना परम आवश्यक हो, तो केवल एक ऐसे स्थाई कर्मचारी को ही चुना जाएगा जो विश्वास करने योग्य सिद्ध हो चुका हो । नियम -52
15. नकद राशि की अभिरक्षा - अलमारी या लॉकर दो भिन्न चाबियों वाला होगा जिसकी एक चाबी संबधित प्रभारी एवं दूसरी कार्यालय अध्यक्ष के पास होगी । नियम 53
अन्य बिन्दु
1. भुगतान किए गए वाउचर को *भुगतान कर निरस्त किया* की मोहर से निरस्त कर देना चाहिए ताकि दोहरे भुगतान की संभावना न रहे।
2. वाउचर पर पास ऑर्डर अंकित करना चाहिए *इस बिल की राशि - 500 ₹ (रुपए पांच सौ मात्र ) भुगतान हेतु पारित की जाती है
3. व्यय के प्रत्येक बिलों (छात्र कोष/विकास कोष ) के बिलों पर वाउचर अंक लिखे होने चाहिए।
4. आवश्यकता अनुसार ही बैंक से नकद का आहरण किया जाना चाहिए तथा शेष नकद राशि को बैंक में जमा रखना चाहिए।
5. विकास कोष/एसडीएमसी का बैंक खाता अध्यक्ष एवं सचिव के नाम से संयुक्त खाता होता है अतः एसडीएमसी/ विकास कोष की कैश बुक में
अध्यक्ष एवं सचिव
विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति
राउमावि...........
की मोहर लगेगी तथा अध्यक्ष एवं सचिव दोनों के हस्ताक्षर होंगे।
6. बिल वाउचर पर paid and entered in sdmc/boy'fund cash book page no.....date........ का प्रमाण पत्र अंकित करना होगा।
7 बिल वाउचर की सामग्री का इंद्राज संबंधित भंडार पंजिका में स्टोर कीपर द्वारा किया जाएगा।
8. जब कैश बुक अंतिम पृष्ठ तक भर जाती है तो अंतिम पृष्ठ पर राशियों का संपूर्ण डिटेल लिखी जाएगी तथा एक प्रमाण पत्र अंकित करना होगा कि कैश बुक संख्या ....के समस्त पृष्ठ भर जाने के कारण निम्न राशि का इंद्राज कैश बुक संख्या.... पर स्थानांतरित किया गया ।
9. कैश बुक के पहले रिक्त पृष्ठ पर प्रमाण पत्र अंकित करना होगा इस कैश बुक संख्या ... में कुल 1 से 100 तक पृष्ठ है जो कि सही है, जिसे प्रमाणित किया जाता है । नीचे कार्यालय अध्यक्ष/डीडीओ तथा संबंधित लिपिक के हस्ताक्षर होंगे ।
प्रश्न- चाइल्ड केयर लीव (CCL) के बारे में पूरी जानकारी दीजिए।
उत्तर- वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक F.1(6)FD/Rules/2011 दिनांक 22.May.18, संशोधित दिनाक 31/07/20, एवं ज्ञापन प.1(6)वित्त/नियम/2011 दिनांक 10.Sep.18 के द्वारा RSR 1951 103C संशोधन अनुसार राजकीय महिला कर्मचारी तथा राजकीय एकल पुरुष कर्मचारी को अपने संपूर्ण सेवाकाल में दो बड़ी संतान के पालन बीमारी एवं परीक्षा आदि में देखभाल हेतु 2 वर्ष (730 दिन) की चाइल्ड केयर लीव (CCL) स्वीकृत की जा सकेगी।
सीसीएल की प्रकृति उपार्जित अवकाश के समान होगी अतः 1951 नियम 91(3) के अनुसार एक समय में अधिकतम 120 दिन तथा मान्यता प्राप्त अस्पताल से टीबी कोढ़ कैंसर आदी बीमारी के इलाज हेतु अधिकतम 300 दिन सीसीएल स्वीकृत की जा सकती है।
स्वीकृतकर्ता-
संतान के पालन परीक्षा एवं बीमारी हेतु 120 दिवस सीसीएल कार्यालय अध्यक्ष(DDO) द्वारा स्वीकृत की जा सकेगी।
कर्मचारी द्वारा 120 दिन से अधिक सीसीएल या 120 दिन सीसीएल के साथ अन्य अवकाश उपभोग करने की स्वीकृति विभागाध्यक्ष द्वारा दी जा सकेगी।
एकल पुरुष से आशय- अविवाहित विदुर तलाकशुदा पुरुष कर्मचारी
दो बड़ी संतान में संतान से आशय-
(१) 18 वर्ष से कम उम्र की संतान
(२) कम से कम 40% दिव्यांग संतान
(सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की विस्तृत अधिसूचना 2001 अनुरूप)
CCL पर वेतन- कर्मचारी द्वारा सीसीएल का उपभोग करने पर प्रथम 365 दिन के लिए अवकाश पर जाने से पूर्व के वेतन का 100% तथा द्वितीय 365 दिन के लिए अवकाश पर जाने से पूर्व वेतन का 80% वेतन आहरित होगा।
CCL को अन्य प्रकार के अवकाश के साथ लिया जा सकेगा। (आकस्मिक एवं क्षतिपूर्ति अवकाश के अलावा)
CCL आवेदन के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी निश्चित प्रार्थना पत्र में सक्षम अधिकारी को स्वीकृति हेतु करना होगा।
CCL का उपभोग सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृति से पूर्व नहीं किया जा सकेगा।
CCL कर्मचारी का अधिकार नहीं होगा।
अनाधिकृत कर्तव्य से अनुपस्थिति पर सीसीएल स्वीकृत नहीं होगी।
कर्मचारी द्वारा उपभोग किए गए अथवा उपभोग किए जा रहे अवकाश को सीसीएल में परिवर्तित नहीं किया जा सकेगा।
सीसीएल को किसी भी प्रकार के अवकाश के रूप में नामे/शेष नहीं किया जाएगा केवल राज्य सरकार द्वारा जारी प्रपत्र को सेवा पुस्तिका में चस्पा कर उपभोग किए गए अवकाश का संधारण किया जाएगा।
सीसीएल स्वीकृति से राजकीय कार्य/ सेवाएं सुचारू रूप से संचालन में बाधा हो रही हो तो सक्षम अधिकारी द्वारा आवेदन अस्वीकृत किया जा सकता है।
एक ही कार्यालय/इकाई में एक ही समय पर 20% से अधिक कार्मिकों की सीसीएल स्वीकृत नहीं की जा सकेगी तथा एक ही समय अवधि के प्राप्त आवेदनों को निम्न प्राथमिकता अनुसार स्वीकृत किया जा सकेगा-
१ संतान की गंभीर बीमारी /विकलांगता के कारण पालन एवं देखभाल
२ संतान के सीनियर/सेकेंडरी परीक्षा में देखभाल
३ संतान के सीनियर/ सेकेंडरी परीक्षा के अतिरिक्त शिक्षण कार्य में देखभाल
४ संतान की 3 वर्ष आयु पर देखभाल
किसी भी कर्मचारी को एक कैलेंडर वर्ष में 3 बार (Spell में) सीसीएल स्वीकृत की जा सकेगी।
एक कैलेंडर वर्ष में आरंभ होने वाली सीसीएल अगले कैलेंडर वर्ष तक उपभोग की जाती है तो उस सीसीएल की गणना (Spell) आरंभ होने वाले कैलेंडर वर्ष में की जाएगी।
5 दिनों से कम सीसीएल स्वीकृत नहीं की जा सकेगी।
परिवीक्षा काल के दौरान केवल विशेष परिस्थितियों में ही सीसीएल स्वीकृत की जा सकेगी तथा परिवीक्षा काल में सीसीएल का उपभोग करने पर कर्मचारी का परिवीक्षा काल सीसीएल की अवधि तब आगे बढ़ेगा।
CCL उपभोग करने के पूर्व एवं पश्चात के रविवार एवं सार्वजनिक अवकाश सीसीएल के साथ नहीं जोड़े जाएंगे किंतु सीसीएल उपभोग के दौरान आने वाले राजकीय अवकाश जोड़े जाएंगे।
दिव्यांग संतान की देखभाल हेतु सीसीएल आवेदन के साथ सक्षम स्तर (ऑथोरोटी) अथवा मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी निर्भरता प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा।
विदेश में रह रही संतान के परीक्षा या बीमारी मैं देखभाल हेतु सीसीएल के लिए संबंधित शिक्षण संस्थान या संबंधित चिकित्सक का प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा तथा संपूर्ण प्रक्रिया विदेश यात्रा के समान अपनानी होगी। जिसमें 80% अवकाश की अवधि विदेश में बितानी होगी।
भारत या विदेश में छात्रावास में रह रही संतान की परीक्षा में देखभाल हेतु सीसीएल के लिए कर्मचारी को स्पष्ट करना होगा कि संतान को किस प्रकार से कर्मचारी द्वारा देखभाल की आवश्यकता है।
नोट:- सीसीएल सरोगेसी को देय नहीं है व आवश्यक शर्तों में स्वीकृत की जा सकती है।
प्रश्न -अगर कोई कार्मिक GPF 2004 में अंशदान करना चाहता है तो इसकी क्या प्रक्रिया होगी ?
उत्तर -इस बाबत सर्वप्रथम कार्मिक SSO पोर्टल से SIPF में लॉगिन होगा उसके बाद ट्रांजेक्शन में Misc online payment टैब पर क्लिक करने के बाद अगला टैब खुलेगा।
personal online payment पर क्लिक करने पर Gpf 2004 का अकॉउंट खुलेगा उसमें कार्मिक मापदंड के अनुसार अंशदान राशि को ऑनलाइन या offline मोड से अंशदान कर सकता है।
(नोट:- अब कोई भी ग्रुप सदस्य अपनी पोस्ट तैयार करके भेज सकता है। एडमिन पैनल से अप्रूव होने पर वह पोस्ट शेयर की जाएगी)
प्रश्न:- SI लोन हेतु ऑन लाइन अप्लाई कैसे किया जाए ? इसके लिए कार्मिक तथा डीडीओ द्वारा किये जाने वाले कार्य बताइए।
उत्तर:-कार्मिक द्वारा निम्नलिखित कार्य किये जाने है।👇
1. सर्वप्रथम sso आईडी में लॉगिन करें।
2. SIPF ऐप पर क्लिक करें।
3. SIPF एप के मेनू पर transaction पर क्लिक करे।
4. SI लोन पर क्लिक करे।
5. SI लोन में आपके पिछले सभी लोन की डिटेल और वर्तमान में आप कितने लोन के लिए एलिजिबल है, शो होगा।
6. जितने लोन की आवश्यकता हो राशि भरें।
7. डॉक्यूमेंट अपलोड करें।
(SI डायरी का पहला पेज, SI बॉण्ड और निरस्त चेक की पीडीएफ फ़ाइल)
(अधिकतर कार्मिकों के एस आई डायरी का पहला पेज व बोंड पोर्टल पर पहले से अपलोड किए हुए हैं । यदि आपके आवश्यक दस्तावेज पोर्टल पर मौजूद हैं तो उन्हें डाउनलोड कर अपलोड करें अन्यथा अपने फोन में पहले से पीडीएफ फॉर्मेट में स्कैन करके रखें)
8. SI Passbook की 2015 तक की सभी प्रविष्टियाँ TV NO सहित अद्यतन की हुई pdf फ़ॉर्मेट में Upload करें।
9. फोरवर्डिंग एप्लिकेशन डाऊनलोड कर सेव करें।
10 एप्लिकेशन को एडोब रीडर में खोलकर साइन वलिडेट करें।
(साइन वैलिडेट करने हेतु माउस पर राइट क्लिक कर सिग्नेचर वैलिडेट पर क्लिक करें और आगे दिए गए निर्देशों पर ओके करें)
11 लोन प्रपोजल डीडीओ को फॉरवर्ड करें।
डीडीओ द्वारा निम्नलिखित कार्य किये जाने है।👇
1. सर्वप्रथम sso आईडी में लॉगिन करें।
2. SIPF ऐप पर क्लिक करें।
3. डीडीओ रोल सेलेक्ट करें।
4. पेंडिंग टास्क क्लिक करे।
5. प्राप्त SI लोन प्रोपोजल पर क्लिक करे।
6. डॉक्यूमेंट डाऊनलोड कर चेक करें।
7. यदि अन्य डॉक्यूमेंट आवश्यक हो तो अपलोड करें।
8.फोरवर्डिंग एप्लिकेशन डाऊनलोड कर सेव करे।
10 एप्लिकेशन को एडोब रीडर में खोलकर साइन वलिडेट करें।
11 लोन प्रपोजल ओटीपी द्वारा फॉरवर्ड करें।
प्रश्न-एक कार्मिक का बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता है और अब वह पेमेनेजर पर SBI खाता नम्बर ऐड कराना चाहता है तो इसके लिए पूरा प्रोसेस बताये।
उत्तर:-कार्मिक का बैंक खाता पे मैनेजर पर अपडेट करने हेतु एम्प्लोयी लॉगिन से बैंक detail updation की request generate कर ddo को फॉरवर्ड करें उसके पश्चात DDO लॉगिन से उस request को approved करें इससे वो रिक्वेस्ट कोषालय को फॉरवर्ड हो जायेगी कोषालय द्वारा उसे approve करने पर paymanager पर संशोधित बैंक detail show हो जाएगी।
यह भी ध्यान रखे कि कार्मिक का आवेदन व पासबुक या निरस्त चेक की प्रति आवश्यक रूप से अपलोड की जानी है।
Request DDO लॉगिन से भी generate की जा सकती है।
नोट;-Paymanager में कार्मिक का नाम एव new बैंक खाते में लिखा नाम match होना आवश्यक है नही तो कोषालय से रिकवेस्ट को reject किया जा सकता है।
प्रश्न:- पेमैनेजर पर एलआईसी कटौती एडिट करने की चरणबद्ध प्रक्रिया बताये।
उत्तर:- पेमैनेजर पर डीडीओ लॉगइन करके निम्न प्रोसेस अपनाए।
1★➡️ बिल प्रोसेसिंग में सैलरी प्रिपरेशन और सैलरी प्रिपरेशन में एम्पलाई पे डिटेल ओपन करे।
2★➡️ Employee Pay detail में ★ select month ★ select year औऱ select group करने पर employee के नाम प्रदर्शित होंगे जिस एम्प्लोयी की LIC कटौती एडिट करनी है उसका नाम सेलेक्ट करे।
3★➡️ अब Add allowance में Add Lic सेलेक्ट करे जिसमें पहले से चालू एलआईसी नंबर प्रदर्शित होंगे जिसमें एक्शन के नीचे डिलीट का चयन करने पर डाटा अपडेट सक्सेसफुली का मैसेज आ जाएगा जिसे ओके करे।
4★➡️ अब होम पर जाकर मास्टर में डिडक्शन मास्टर सेलेक्ट करे।
5★➡️ deduction master मैं एल आई सी डिटेल ओपन करने पर employee search किसी एक तरीके से by name, By Employee id या By account number करे।
6★➡️ एम्प्लोयी का नाम प्रदर्शित होने पर एक्शन के नीचे Add पर क्लिक करने पर पॉलिसी डिटेल policy number, नया amount, start date to end date भरकर सबमिट कर ओके पर क्लिक करे। इस प्रकार कर्मचारी एलआईसी अमाउंट अपडेट हो जाएगा।
प्रश्न:- Death Claim के लिए एनपीएस भुगतान की ऑनलाईन प्रक्रिया बताये।
उत्तर:- सर्वप्रथम डीडीओ द्वारा cra-nsdl.com साइट को ओपन करने के पश्चात नोडल ऑफिस बॉक्स में यूजर नेम और पासवर्ड लगाकर अकाउंट ओपन करना है।
(डीडीओ के लिए यदि प्रथम बार लॉगिन करता है तो user id-ddo registration number के साथ last में दो जीरो लगानी हैं और Password-nsdl@123 होगा)
➡️पोर्टल ओपन करने के बाद exit withdrawal request में जाकर क्लेम के लिए जो डिटेल मांगी जाती हैं, उनका दस्तावेजों से मिलान (जैसे नॉमिनी डिटेल, बैंक अकाउंट नंबर, एड्रेस आदि) कर अंत में क्लेम सबमिट करें।
सबमिट करने के बाद 103 जीडी फॉर्म दो प्रतियों में प्रिंट लेना है।
➡️फॉर्म भरने के पश्चात निम्न दस्तावेजों को दो दो प्रतियों में अपने जिला राज्य बीमा एवं प्रावधायी विभाग में जमा करवाएं।
1. 103 जीडी फार्म
2. 401 एएन फार्म
3. मूल प्राॅन कार्ड
4. मूल डैथ सर्टिफिकेट
5. मूल सेवा समाप्ति आदेश
6. जन्म दिनांक प्रुफ-पेन कार्ड
7. एडैस प्रुफ-आधार कार्ड
8. फोटो आईडी प्रुफ-वोटर आईडी कार्ड
9. इन्डेमिनिटी बॉन्ड
10. बैंक अकाउंट प्रूफ-बैंक पास-बुक व कैन्सलड चैक
11. सम्पूर्ण कटौतियों का जीए- 55 डीडीओ द्वारा प्रमाणित
12. प्रपत्र-कक
13. परिवार विवरण प्रुफ-राशन कार्ड
प्रश्न:- जब कार्मिक पेमैनेजर से एलपीसी निकालता है और वो खाली निकलती हैं तो उसे सही केसे निकाले ?
उत्तर: 1.सबसे पहले कार्मिक पेमैनजर पर लॉगिन करे।
2.उसके बाद बिल प्रोसेसिंग टैब पे जाए और उसमे सैलरी प्रिपरेशन में जाए और उसके बाद एम्पलाई पे डिटेल्स में जाए।
3. वहा करंट मंथ ईयर और कार्मिक का ग्रुप सेलेक्ट करे।
4.उसके बाद उस कार्मिक को लिस्ट में से सेलेक्ट करे जिसकी एलपीसी खाली आ रही थी और उसका पेमेंट स्टॉप कर दे।
5. उसके बाद रिपोर्ट्स टैब में जाकर डीडीओ रिपोर्ट से एम्पलाई रिलेटेड रिपोर्ट्स और फिर लास्ट पे सर्टिफिकेट पे क्लिक करे।
6. उसमे उस कार्मिक का बिल ग्रुप सेलेक्ट करे और उसका नाम सेलेक्ट करे और सबमिट कर दे इस प्रकार कार्मिक की एलपीसी सही और भरी हुई आयेगी।
प्रश्न - मुझे 5000 रुपये के डाक टिकट खरीदने है। पेमेनेजर पर ये बिल कैसे बनेंगे ?
उत्तर- डाक टिकट का बिल बनाते वक्त bill allocation सामान्य FVC की तरह ही करना है। बिल allocation के बाद authorisation में reason for offline permision को चयन करना है।
पोस्टेज बिल के लिए आपको मात्र तीन कॉलम की पूर्ति करके चैक द्वारा भुगतान प्राप्त करने के लिए FVC मास्टर तैयार करना होगा।
FVC मास्टर में आपको Name में GPO POSTMASTER करना है। ID/SI/GPF में SERVICEPOSTSTAMP करना है और MOBILE NO. में 9549800111 करना है।
MASTER तैयार करने के बाद BILL NO. ALLOCATION> AUTHORIZATION> REASON FOR OFFLINE PAYMENT में OPTION का चयन करें।
Reason में service postage stamp(2) पर क्लिक करे फिर other info में service postage stamp for Govt use लिखकर submit करे।
उसके बाद FVC process में जाकर समस्त कॉलम की पूर्ति करते हुए Non-reimburse ment करके GPO के नाम से सर्च करे।
नाम सर्च होने के बाद आप ऐड पर जाए और amount में आप जितने रुपये के पोस्टेज खरीद रहे है उतने रुपये अंकित करके सबमिट कर दे।
फिर other bill report में जाकर इनर चेक करे कि बिल सही है या नही। सही होने पर ddo और ट्रेजरी फारवर्ड करे और other bill report में जाकर Advice inner और outer report का प्रिंट कर ले।
नोट:-बिल पारित होने के बाद कोषालय DDO के नाम से चेक जारी करता है जिसको कोषालय से प्राप्त करना DDO के जिम्मे होता है। उसको सीधे पोस्ट आफिस या DD बनाकर जो भी व्यवस्था पोस्ट आफिस वाले कहते है, उसके अनुसार देना होता है।
प्रश्न:- किसी एक मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के पीडी अकाउंट से दूसरे मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के पीडी अकाउंट में बजट स्थानांतरण कैसे करें ?
उत्तर:- जब एक CBEO के पीडी अकाउंट से दूसरे CBEO के पीडी अकाउंट में बजट ट्रांसफर करना हो तो हमें निम्न सोपान से गुजरना होगा। सर्वप्रथम तो हम यह जान लें कि यह पेमैनेजर पर ही एडवाइजरी जारी होगी प्री पेमैनेजर पर नहीं। Bill allocation- इसमें PD Payment सलेक्ट करेंगे।
Bill sub type इसमें हमें PD to PD पेमेंट सलेक्ट करना है। Object head में 00 करे व बिल मंथ और डेट में वर्तमान माह बिल नंबर भरे। ग्रुप में पीडी हेड के ग्रुप का अलोकेशन पूर्व में ही कर ले जिसमें पीडी बजट हेड फीड हो वह सलेक्ट करे।
बिल अलोकेशन के बाद हमें other बिल में जाना है और सबसे नीचे पीडी प्रोसेस पर क्लिक करना है। अब एक डिडेक्शन विंडो खुलेगी उसमें हमें बजट हेड ऐड करना है जैसे -8443-00-106-00-00 उसके बाद ऑब्जेक्ट हेड ऐड करना होगा जो कि पीडी के लिए हमेशा 00 होता है।
BFC & Head Type में NA सेलेक्ट करें। सेक्शन नंबर लिखें और सेक्शन डेट लिखें तथा अमाउंट जितनी राशि ट्रांसफर करनी है वह राशि लिखें। पीडी अकाउंट नंबर जिस CBEO को राशि ट्रांसफर कर रहे हैं उसका पीडी अकाउंट नंबर ऐड करना है और सबसे नीचे सेलेक्ट ट्रेजरी में उस जिला ट्रेजरी का नाम सलेक्ट करना है जिसके अधीनस्थ दोनों CBEO OFFICE आते हैं तथा सबमिट कर दे।
इस प्रकार पीडी to पीडी बजट स्थानांतरण के लिए हमारा बिल तैयार हो गया है अब रिपोर्ट में एक बार जांच लें कि जिन्हें राशि ट्रांसफर की जा रही है उनका बजट हैड, उनका पीडी अकाउंट नंबर तथा उन्हें स्थानांतरण की जा रही राशि का सही इंद्राज हो गया है या नही। इस प्रकार अब आपका बिल प्रोसेस हो गया है अब अन्य बिल के तरह ही इसमें डॉक्युमेंट्स अपलोड करने हैं जिसमें इसकी राशि ट्रांसफर करने की स्वीकृति हो।
तत्पश्चात DDO फॉरवर्ड, रिपोर्ट डाउनलोड, डिजिटल सिगनेचर और अंततः फारवर्ड टू ट्रेजरी करे। अब हमें अपने कोष अथवा उपकोष कार्यालय के संपर्क में रहना है और बिल पास करवा कर उसके टीवी नंबर अलॉट करवाने हैं जैसे ही टीवी नंबर अलाट होंगे आपकी राशि बजट संबंधित पीडी खाते में स्थानांतरण हो जाएगा।
प्रश्न:- एक कार्मिक का नाम सतीश चंद शर्मा है। उसका सर्विस बुक में सतीश शर्मा है। बैंक खाता सतीश चन्द्र शर्मा के नाम से है। पेमेनेजर पर सतीश शर्मा है और शाला दर्पण पर सतीश चन्द शर्मा है।
अर्थात एक ही कार्मिक के विभिन्न नाम अलग अलग दस्तावेज में अंकित है। अब क्या समाधान होगा जिससे सेवानिवृति में दिक्कत न आये।
उत्तर:-(1) दसवीं बोर्ड़ के प्रमाण पत्र के आधार पर सेवापुस्तिका में नाम, पिता का नाम एवं जन्मतिथि अंकित किये जाने के निर्देश है यदि किसी पद की योग्यता 10 वी से कम है तो कार्मिक की शैक्षणिक योग्यता हेतु स्कूल की TC के अनुसार नाम, पिता का नाम एवं जन्म तिथि सेवा पुस्तिका में दर्ज करने चाहिए।
(2) यदि महिला कार्मिक विवाह के बाद अपना सरनेम संशोधित करवाना चाहती है तो नियुक्ति अधिकारी से नाम संशोधन हेतु आदेश जारी करवा कर DDO से सेवा पुस्तिका में नाम अपडेट करवा सकती है।
(3) किसी कार्मिक में बन्ध पत्र एवं गजट के आधार पर विभागाध्यक्ष से नाम परिवर्तन के आदेश करवाया है तो DDO उस आदेश अनुसार सेवा पुस्तिका में नाम अपडेट कर सकते है।
(4) कार्मिक का नाम एवं पिता का नाम 10 कक्षा के प्रमाण पत्र / TC के अनुसार ही कार्मिक की सेवा पुस्तिका एवं प्रथम नियुक्ति आदेश, पे मैनेजर, शाला दर्पण, बैंक खाते, पेन कार्ड, आधार कार्ड आदि में समान होना चाहिए।
इस प्रकार कही भी मिस मैच है तो उसे समय रहते सभी जगह एक जैसा नाम अपडेट करवा देवे अन्यथा आगे ऑनलाइन पेमेंट में बहुत परेशानी हो सकती है।
राज्य कर्मचारियों के लिए पेंशन सम्बन्धित उपयोगी जानकारी FAQ
प्रश्न:- पेंशन, ग्रेच्युटी व कम्युटेशन गणना की जानकारी देवे।
उत्तर:- Pension, Gratuity एवं Commutation निकालने का फॉर्मूला
1. Monthly Pension amount formula-
अंतिम मूल वेतन÷2×सेवा की पूर्ण कुल छमाही(56 अधिकतम)÷56= pension
For example-33700÷2×56÷56=16850 RS
2. Gratuity amount formula-
अंतिम मूल वेतन+DA÷1×सेवा की पूर्ण कुल छमाही(66 अधिकतम)÷4= Gratuity
For examp-33700+ 4044÷1×66÷4=622776 RS
(Note-3 months को 1 छमाही माना जाता है)
अथवा 33700+4044×16.5=622776 RS
3. Commutation formula-
(1/3 of monthly pension)
मासिक पेंशन का 1/3 भाग (Round off) ×12 × रूपांतरण फैक्टर
For example-
यदि कोई कार्मिक 60 वर्ष की आयु पर सेवानिवृत्त होता है और उसकी मासिक स्वीकृत पेंशन राशि=45000 RS है तो 15000 RS तक commutation करा सकता है जैसे-
15000×12×8.194=1474920 RS
रूपांतरण फैक्टर में आयु की गणना आगामी जन्म तिथि पर पूर्ण होने वाले वर्षों के अनुसार की जाती है। जैसे उपरोक्त गणना किए गए कार्मिक की आगामी जन्म तिथि पर आयु 61 वर्ष होने के कारण 8.194 से गुणा किया गया है।
रूपांतरण तालिका-
आगामी जन्म दिन पर आयु रूपांतरण फैक्टर
46 8.971
47 8.943
48 8.913
49 8.881
50 8.846
51 8.808
52 8.768
53 8.724
54 8.678
55 8.627
56 8.572
57 8.512
58 8.446
59 8.371
60 8.287
61 8.194
पेंशन में आयु अनुसार वृद्धि
पेंशनर की आयु मूल वेतन / पारिवारिक पेंशन में वृद्धि
80-84 20%
85-89 30%
90-94 40%
95-99 50%
100 या अधिक 100% (नियम-54ए)
नोट:-(1)DA की वर्तमान दर को नियमानुसार अपडेट कर ग्रेच्युटी की गणना करे।
(2) DA हमेशा मूल पेंशन पर मिलता है फिर मूल पेंशन प्लस DA में से कॉम्युटेशन पेंशन की राशि घटा कर शेष प्रतिमाह राशि का भुगतान पेंशनर को मिलता है।
प्रश्न:- गर्भपात अवकाश के बारे में नियमो सहित पूरी जानकारी देने का कष्ट करें।
उत्तर:-वित्त विभाग राजस्थान द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 14.07.2006 एवं राजस्थान सेवा नियम 1951 भाग-1 के नियम 103 मातृत्व अवकाश के अंतर्गत दी गई टिप्पणी के अनुसार - दो से कम उत्तरजीवी संतानों वाली किसी महिला सरकारी कर्मचारी को गर्भस्राव सहित पूर्ण गर्भपात के मामले में सम्पूर्ण सेवाकाल के दौरान अधिकतम कुल छह सप्ताह (42 दिन तक) का गर्भपात अवकाश देय होगा।
कार्मिक गर्भपात अवकाश को एक बार में (42 दिन एकसाथ) या दो बार में (21 दिन एक बार मे) ले सकेगी, परन्तु गर्भपात अवकाश आवेदन के साथ में प्राधिकृत चिकित्सक का प्रमाण पत्र अवश्य लगा होना चाहिए जिसमें स्पष्ट रूप से अकस्मात गर्भपात होने या महिला कार्मिक के जीवन को खतरा होने की आशंका से विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह पर गर्भपात करवाने का उल्लेख किया गया हो।
स्पष्टीकरण - गर्भपात (Abortion) शब्द में गर्भपात की आशंका (Threatended abortion) को सम्मिलित नहीं माना जावेगा। अतः शंका वाले गर्भपात में उक्त अवकाश स्वीकृत नहीं किया जावेगा।
यह निर्णय चिकित्सक को करना है कि कार्मिक के जीवन को बचाने के लिए गर्भपात करवाना आवश्यक है या नही। विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह पर गर्भपात करवाने पर विश्राम के लिए अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है और यदि गर्भपात अकस्मात हो जावे तो भी नियमानुसार विश्राम के लिए अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।
अवकाश स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी को अवकाश स्वीकृति के समय यह देखना है कि चिकित्सक ने गर्भपात पर विश्राम के लिए अवकाश स्वीकृति की स्पष्ट अनुशंसा की है एवं कारण में पूर्ण गर्भपात (Complete Abortion) लिखा है। गर्भ स्राव (मिस केरिज) होने पर उक्त अवकाश नियमानुसार देय नही है।
गर्भपात हेतु अवकाश अवधि के दौरान नियम 103 के अनुसार कार्मिक को मातृत्व अवकाश के समान अवकाश पर प्रस्थान से पूर्व देय वेतन की दर से नियमित वेतन का भुगतान किया जाएगा।
प्रश्न:- राजकोष से Encashment Expenditure रिपोर्ट निकालने का पूरा प्रोसेस चरणबद्ध तरीके से समझाए।
1. सर्वप्रथम हम ifms.raj.nic.in वेबसाइट को गूगल पर सर्च करेंगे, इसके बाद ओपन होने वाले होम पेज पर राजकोष को सलेक्ट करेंगे।
2. तत्पश्चात लोगिन आईडी एवं पासवर्ड डालेंगे। इसका लॉगइन आईडी एंड पासवर्ड guest होता है।
3. यूजर आईडी और पासवर्ड डालने के बाद कैप्चा डालकर इसे सबमिट करेंगे तो अब आप राजकोष की साइट के मुख्य होम पेज पर आ जाएंगे।
4. वहां पर सबसे पहले बाए तरफ मेनू में Transaction status पर क्लिक करेंगे और DDO Wise Report Expenditure को सेलेक्ट करेंगे।
5. इसे सलेक्ट करने के बाद एक न्यू विंडो ओपन होगी जिसमें From Date से To Date में माह की पहली और आखिरी तारीख को भरना है।
6. इसके बाद Treasury Code में जिला कोषालय को सलेक्ट करना है जैसे - Baran 0400
7. इसके बाद Criteria On मे Office ID को सलेक्ट करना है और Value में ऑफिस आईडी दर्ज करनी है।
8. इसके बाद नीचे Report Type में pdf को सलेक्ट करना है और इसे सबमिट कर देंगे। आपके विद्यालय/कार्यालय की बजट एक्सपेंडिचर की रिपोर्ट पीडीएफ में डाउनलोड हो जाएगी।
प्रश्न:- PLZ Check DSC setting का msg आने पर internet exploler की setting सही करने का प्रोसेस बताये।
उत्तर-1:arrow_right:internet के सेटिंग बटन पर क्लिक करे।
2:arrow_right:क्लिक ऑन internet option
3:arrow_right:security टेब पर जावे।
4:arrow_right:नीचे की ओर Enable protected mode के आगे दिए गए चेक बॉक्स को untick करे।
5:arrow_right:Custom level पर क्लिक करे।
6:arrow_right:फिर Active X Controls and plug-ins एवं Scripting इन दो के सभी Options को Enable कर ok बटन क्लिक कर सैटिंग अपडेट कर लेवे।
7:arrow_right:जब भी बिल Dsc से esign करने पर setting check करने का msg प्राप्त होने पर यह सैटिंग वापस चेक कर सैटिंग सही करे फिर esign बिल पर हो जायेंगे।
8:arrow_right:यदि फिर भी समस्या बनी रहती है तो पहले वाली Esign Pdf (Active X) को Control Panel से Uninstall कर [email protected] से new link मंगवाएं एवं उसे PC में Download कर Install कर PC को Restart कर Esign की प्रक्रिया पूर्ण करें।
नोट-कम्प्यूटर में अपडेटेड esign pdf फ़ाइल इंस्टाल होनी चाहिए अन्यथा शेड्यूल पर डिजिटल सिग्नेचर नही होंगे।
प्रश्न:- क्वारन्टाइन लीव क्या है और ये किसको देय होगी ?
🅰️राजस्थान सरकार के वित विभाग के आदेश क्रमांक -No.FJ(1)FD/Rules/2012 दिनांक 12may2020 के तहत राजकीय कार्मिकों को कोविड-19 संक्रमित होने पर क्वारन्टाइन लीव के रूप मे विशेष आकस्मिक अवकाश दिया है
ये अवकाश निम्न रूप मे प्रदान किया जाता है और सर्विस बुक मे भी इंद्राज किया जाएगा।
1️⃣कंडीशन 👉🏼कोई राजकीय सेवक जिसकी सेवा 3 साल से कम हुई हो।
इस स्थिति मे राजकीय सेवक के खुद या अन्य पारिवारिक जन के कोविड 19 संक्रमित होने पर (कार्मिक को होम क्वारन्टाइन किया गया हो) तो उसे सेवा@
नियमो के अनुसार क्वारन्टाइन लीव देय होगा।
(1) सरकारी प्रावधानों के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों को क्वारंटाइन अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है जो COVID - 19 के कारण चिकित्सा द्वारा क्वारन्टाइन किया गया है। क्वारंटाइन अवकाश भी ऐसे सरकारी कर्मचारी को स्वीकृत किया जाएगा जिसने तीन वर्ष की सेवा पूरी नहीं की है और वह / वह COVID - 19 से संक्रमित है या इसके कारण चिकित्सा अधिकारियों द्वारा क्वारंटाइन है।क्वारंटाइन को उनके द्वारा अनुशंसित अवधि के लिए सम्बन्धित सीएमएचओ / प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज की सिफारिश पर अनुमोदित किया गया है।
2️⃣कंडीशन कोई राजकीय कर्मचारी जिनकी सेवा अवधि 3 साल से ज्यादा हो गयी हो।
👉🏼कार्मिक के परिवार मे कोई सदस्य कोविड 19 पॉजिटिव पाया जाता है और कार्मिक को होम क्वारन्टाइन किया गया हो (सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र) तो उसको क्वारन्टाइन लीव देय होगी !
👉🏼कार्मिक स्वय कोविड 19 पॉजिटिव हो (लेकिन वो कोविड ड्यूटी पर ना हो) तो उनको क्वारन्टाइन लीव देय नही होगी उनको चिकित्सा अवकाश या pl अवकाश स्वीकृत किया जाएगा।
👉🏼कार्मिक स्वय कोविड पॉजिटिव पाया गया हो लेकिन इस अवधि मे कोविड 19 ड्यूटी के दौरान ही कोविड पॉजिटिव हुआ हो तो कार्मिक को क्वारन्टाइन लीव देय होगी।
प्रश्न - मृत राज्य कार्मिकों के आश्रितों को नियुक्ति के सम्बन्ध में क्या नियम हैं ?
उत्तर - राजस्थान राज्य में मृत राज्य कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति के क्रम में राज्य सरकार के द्वारा जारी समस्त आदेशो एवं अधिसूचना को इस लेख में संलग्न किया गया है। इस सम्बन्ध में सबसे महत्वपूर्ण बात है कि किसी राज्य कार्मिक की राज्य सेवा के दौरान मृत्यु हो जाने पर सबसे पहले उसकी “मृत्यु का प्रमाण पत्र” सम्बन्धित विभाग में आवेदन के साथ प्रस्तुत करके उसकी सेवा समाप्ति का आदेश जारी करवा लेना चाहिए। मृत्यु होने के पश्चात पारिवारिक स्तर पर सहमति/विचार विमर्श पश्चात योग्य उत्तराधिकारी का आवेदन समयसीमा (मृत्यु के बाद 90 दिन) में विभाग के समक्ष निर्धारित प्रपत्र में निम्नलिखित जांच के बाद प्रस्तुत कर देना चाहिए।
1. आवेदन पत्र नियमों में निर्धारित प्रारूप में पूर्ण भरकर भिजवावे।
2. आवेदक को नियुक्ति देने में सहमति का आश्रित परिवार के समस्त व्यस्क सदस्यों का शपथ-पत्र।
3. पेंशन राशि सहित परिवार की कुल आय का अलग अलग मदवार आवेदक का शपथ-पत्र ।
4. नियुक्ति उपरान्त कोई अन्य आश्रित नियुक्ति का हकदार नही होने का आवेदक का शपथ-पत्र।
5. मृतक आश्रित परिवार के समस्त वयस्क सदस्यों के नियम-5 के अनुसार निम्न शपथ-पत्र निर्धारित भाषा में ही देवें:-
स्व० श्री………….के आश्रित परिवार का कोई भी सदस्य केन्द्र या राज्य सरकार अथवा केन्द्रीय/ राज्य सरकार के कानूनी बोर्ड, सगठन/निगम जो पूर्णतः या भागतः केन्द्र/राज्य सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण में हो, के अधीन सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के समय तथा वर्तमान में भी नियमित आधार पर नियोजित नही है, एवं ना ही पूर्व में किसी आश्रित को नियुक्ति प्रदान की गई है।
6. आक्षेप संख्या-5 में अंकित भाषा में जिला शिक्षा अधिकारी अधिकारी द्वारा प्रदत्त प्रमाण-पत्र।
7. नियुक्ति उपरान्त आश्रित परिवार के भरण-पोषण करने के सम्बन्ध में आवेदक का शपथ-पत्र स्पष्ट अंकित करावें कि भरण-पोषण नही करने की स्थिति में नियुक्ति समाप्त कर दी जावे।
8. आवेदक पुत्री होने पर अविवाहित होने का शपथ-पत्र प्रस्तुत करें।
9. आवेदक यदि पत्नी है तो पुनः विवाह नही करने का शपथ-पत्र।
10. मृतक कर्मचारी की सेवायें नियमित एवं निरन्तर होने का क्रमांक/दिनांक सहित जि.शि.अ. कर प्रमाण-पत्र।
11. प्रार्थी की जन्मतिथि/शैक्षिक योग्यता के प्रमाण-पत्रों की पठनीय प्रमाणित प्रति।
12. मृत्यु प्रमाण-पत्र की मूल प्रति।
13. शिथिलन की स्थिति में मृतक परिवार की दयनीय आर्थिक स्थिति होने का आवेदक का शपथ पत्र।
14. प्रकरण में शिथिलन की स्थिति में मृतक परिवार की दयनीय आर्थिक स्थिति का जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा संतुष्ट होने की स्थिति में प्रदत्त प्रमाण पत्र।
15. मृतक राज्य कर्मचारी के सेवा समाप्ति आदेश की पठनीय प्रमाणित प्रति।
16. मृतक राज्य कर्मचारी प्रारम्भिक शिक्षा विभाग का होने की स्थिति में जि.शि.अ.स्पष्ट प्रमाण-पत्र देवे- “यह प्रमाणित किया जाता है कि मृतक कर्मचारी स्व श्री…………राजकीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालय……….जिला………….में कार्यरत थे ये प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के कार्मिक होते हुए राज्य कर्मचारी थे। ये पंचायती राज के कर्मचारी नही थे।”
17 आवेदक द्वारा आवेदन विलम्ब से प्रस्तुत करने पर औचित्य सहित शपथ-पत्र।
18. विभाग द्वारा आवेदन पत्र विलम्ब से भिजवाया जा रहा है तो औचित्य सहित कारण स्पष्ट करते हुए दोषी के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करावे।
19. परिशिष्ट-1 पूर्ण भरकर परीक्षण उपरान्त जिशिअ तथा उप निदेशक की स्पष्ट अभिशंषा सहित भेजे।
20. आवेदक के विवाहित होने पर बच्चों का जन्मतिथि सहित विवरण का शपथ-पत्र।
21. मृतक कार्मिक के शिक्षा विभाग में चयनित/नियुक्ति आदेश की प्रमाणित प्रति संलग्न करें।
प्रश्न:- एक रिटायर्ड राजकीय कार्मिक को मेडिकल बिल पारित कराने की क्या प्रक्रिया रहेगी ? बिल offline होंगे या online होंगे साथ ही यह बताये कि बिल कहाँ पर देने होंगे ?
उत्तर:- ऑफलाइन मेडिकल परिशिष्ट प्रपत्र मय बिल डॉक्टर से प्रमाणित करवा कर जिला ट्रेजरी में जमा करावे। साथ मे मेडिकल डायरी के प्रथम व अंतिम पेज की फोटोकॉपी संलग्न करे।
बिल पर हस्ताक्षर पत्नी या बेटा/ बेटी करेंगें। DC के साथ क्लेम करने वाले का बैंक डिटेल (बैंक पासबुक फोटो प्रति) भी प्रस्तुत करना है।
प्रश्न- ऑनलाईन प्रान जनरेट कैसे करें?
(राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली {NPS} में ऑनलाईन प्रान जनरेट करना)
उत्तर- राज्य सरकार के राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंशदाताओं को प्रान (Permanent Retirement Account Number) जारी किये जाने के सम्बन्ध में समसंख्यक परिपत्र दिनांक 13.04.2011 के अनुसार अंशदाता द्वारा हार्डकॉपी में निर्धारित प्रपत्र भरकर सम्बन्धित आहरण एवं वितरण अधिकारी के माध्यम से राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के सम्बन्धित जिला कार्यालय को भेजा जाता है। बीमा विभाग द्वारा प्राप्त प्रपत्रों की आवश्यक जॉच पश्चात् उक्त फॉर्मस सेन्ट्रल रेकार्ड कीपिंग एजेन्सी (सीआरए) को प्रेषित किये जाते है। सीआरए के द्वारा उक्त प्रपत्र प्राप्त होने पर प्रान जारी किये जाते है। उक्त प्रक्रिया के तहत आज दिनांक तक एनपीएस अंशदाताओं को प्रान जारी किये जा रहे है।
डिजिटल इण्डिया इनिशियेशन को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंशदाताओं को सीआरए द्वारा अब ऑनलाईन प्रान जनरेट किये जा रहे है। इस हेतु सीआरए द्वारा OPGM (Online PRAN Generation Module) विकसित किया गया है। उक्त प्रक्रिया अब राजस्थान में भी प्रारम्भ की जा रही है, जिसके अन्तर्गत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंशदाताओं हेतु ऑनलाईन प्रान जनरेशन की नवीन प्रक्रिया निम्नानुसार रहेगी:
1. नवनियुक्त कर्मचारी www.npscra.nsdl.co.in से कॉमन सब्सकाइबर रजिस्ट्रेशन फॉर्म (सीएसआरएफ) डाउनलोड कर उसके प्रत्येक कॉलम की पूर्ति करके सम्बन्धित आहरण एवं वितरण अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे। सीएसआरएफ की चेकलिस्ट के आधार पर निम्नलिखित दस्तावेज संलग्न किया जाना आवश्यक है।
• स्थायी पते सम्बन्धी दस्तावेज
• जन्म तिथि प्रमाणीकरण हेतु दस्तावेज
• पेनकार्ड
• केन्सल्ड चेक
2. सम्बन्धित आहरण एवं वितरण अधिकारी अपने नवनियुक्त कर्मचारियों के सीएसआरएफ स्वयं के लोगिन से www.cra-nsdl.co.in पर लॉगिन कर सबस्क्राइबर रजिस्ट्रेशन ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन को क्लिक करेंगे। प्रानजनरेशन डिटेल कैप्चर स्क्रीन में निम्न बिन्दुओं का लिंक प्रदर्शित होगा जिसकी पूर्ति अंशदाता द्वारा उपलब्ध कराए गए फॉर्म के आधार पर पूर्ण सावधानी से की जावेगी
a) Core details
b) Contact details
c) Bank & employment details
d) Scheme & nominee details
e) Photo and signature details
3. उक्त प्रक्रिया में सम्बन्धित आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा सुनिश्चित किया जावेगा कि :
a) ऑनलाईन सीएसआरएफ फॉर्म में अग्रेषित समस्त सूचनाएं यथा-जन्म दिनांक (DOB),नियुक्ति दिनांक (DOJ), मनोनीत का विवरण (Nominee Detail) एवं बैंक विवरण (Cancelled cheque) आदि सही एवं पूर्ण है।
b) सम्बन्धित कर्मचारी की फोटो एवं हस्ताक्षर को स्केन (12 kb) करके डिजिटली सेव किया जावे तथा अंशदाता द्वारा प्रस्तुत फॉर्म भी स्केन करके डिजिटली अपलोड किया जावे।
c) कर्मचारी की कॉन्टेक्ट डिटेल, बैंक डिटेल, एम्पलॉयमेन्ट डिटेल, फोटो एवं हस्ताक्षर इत्यादि की सावधानीपूर्वक जॉच की जावे।
4. आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा उपर्युक्तानुसार सम्पूर्ण विवरण दर्ज करने के पश्चात एकनॉलेजमेन्ट नम्बर (17Numeric digit) जनेरट होगा एवं "DATA HAS BEEN SAVED SUCCESSFULLY” मेसेज प्रदर्शित होगा। उक्त कार्यवाही पूर्ण होने पर कर्मचारी का सीएसआरएफ बीमा विभाग के सम्बन्धित जिला कार्यालय (डीटीओ) को फॉरवर्ड हो जायेगा तथा हार्डकॉपी विभाग के जिला कार्यालय को भेजी जायेगी।
5. राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के जिला कार्यालय को ऑनलाईन सीएसआरएफ प्राप्त होने www.cra-nsdl.co.in u dit Subscriber Registration Online Subscribers Registration Verification के लिंक पर क्लिक करके वांछित सूचना भरने पर एकनॉलेजमेन्ट नम्बर (17Numeric digit) प्रदर्शित होगा जिसे (हाइपर लिंक पर क्लिक करने के पश्चात अंशदाता का विवरण प्रदर्शित होगा, जिसमें संलग्न दस्तावेजों में अपलोड फॉर्म को डाउनलोड कर उसमें से जन्म दिनांक एवं नियुक्ति दिनांक को वेरिफाई कर ऑनलाईन ही सीआरए को अग्रेषित किया जावें।
6. सीआरए द्वारा ओपीजीएम पद्धति से प्राप्त सीएसआरएफ की समुचित जॉच पश्चात अधिकतम 72 घण्टे के भीतर अंशदाता को प्रान(Permanent Retirement Account Number) आवटंन किये जाकर, सूचना अंशदाता को जरिये ई-मेल/रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर एसएमएस द्वारा भिजवायी जाएगी, तथा प्रान किट पूर्ववत भेजा जाएगा। सम्बन्धित डीडीओ एवं डीटीओ भी Subscriber Registration Online Registration Request Status में PRAN का स्टेटस देख सकते हैं
7. प्रान जनरेशन की उक्त प्रक्रिया में आहरण एवं वितरण अधिकारी से सीएसआरएफ की हॉर्डकॉपी विभाग के जिला कार्यालय में प्राप्त की जावेगी तथा FOR STORAGE ONLY दर्ज करके इन्हे माह में एक बार सीआरए/एफसी सेन्टर को ऑफलाईन जरिये रजिस्टर्ड डाक से भिजवायी जावेगी।
PRAN ONLINE PROCESS-Step By Step
नव नियुक्त कार्मिक का प्रान ( PRAN) बनवाने की प्रक्रिया :-
1. Cra_nsdl.com की Site पर जाए
2. Nodel officer में Id में SGV no + 00 ( जैसे आपके स्कूल का DDo Registration no - SGV118094A है तो इसके साथ 2 शून्य जोड़े, तो आपकी Id - SGV118094A00 होगी।
3. Password - nsdl@123 लगाना है फिर कैप्चा भरे और Password Change के लिए कहेगा आप अपने अनुसार Password Change करे।
4. अब पुनः लॉगिन करे नए password के साथ।
5. Login के बाद Subscriber Registration पर Click करे और online registration पर क्लिक करे।
6. New Registration को सेलेक्ट कर submit कर दे।
7. फिर आपको Core Detail भरनी है और generated Acknowledgement no पर click करना है , फिर आपको जो Acknowledgement शो होगा उसे Note कर लेना है। फिर Save कर दे। इस प्रकार आपको सभी step complete करनी है।
नोट - Acknowledgement No. जारी होने के बाद आगे की प्रक्रिया आप कभी भी कर सकते है लेकिन उसके लिए आप Login करने के बाद Subscriber Registration पर click के बाद आप online registration पर click के बाद Existing Registration पर click कर के Acknowledge No. भरने के बाद Submit पर Click करना है आपका Form पुनः Open हो जाएगा।
8. अंतिम Step में आपको फ़ोटो, sign और Document Upload करना है।
9. Document में क्या Upload करना है - जो जो Document आपने Core Detail में Select किये है वो (जैसे - आधार, पेन कार्ड, 10th मार्कशीट आदि) + बैंक पासबुक्स या cancelled heque + CSRF फॉर्म (Mannual भरा हुआ) + S 5 (Ddo Covering Letter इन सब को scan कर 2 MB की Pdf File बनाकर Upload करना है।
10. अब Submit कर देना है।
11. इसके बाद Online भरा हुआ form S1 का प्रिंट लेकर DDO की Seal Sign करना है।
12. अब आपने जो Scan किये वो सभी document और online भरा S1 फॉर्म का प्रिंट Sipf कार्यालय में जमा करना ( ध्यान रखे Ddo Covering letter S5 पर आपको Acknowledgement no. जरूर लिखना है।
इसके बाद 2-3 दिन में आपको PRAN का Message आ जायेगा।
प्रश्न :- किसी भी विद्यालय के प्रधानाचार्य या अन्य कार्मिक के मोबाइल नंबर कैसे प्राप्त करे ?
उतर 1️⃣ प्रधानाचार्य के मोबाइल नंबर और ई मेल प्राप्त करने का तरीका ⤵️
👉🏼सबसे पहले आपको गूगल मे शालादर्पण टाइप करना है , शाला दर्पण मे citizen window पर क्लिक करना है।
👉🏼citizen window मे school search पर क्लिक करना है यंहा आप pin code /sd nic code/dise code से विद्यालय की डिटेल प्रधानाचार्य के मोबाइल नंबर ई मेल एड्रेस प्राप्त कर सकते है।
(चूंकि ट्रांसफर ऑर्डर मे विद्यालय नाम के साथ nic code लिखे आते है इसलिए आप आसानी से प्रधानाचार्य के नंबर प्राप्त कर सकते है)
🔷जिन प्रधानाचार्य के मोबाइल नंबर शाला दर्पण पर अपलोड नही है , उस विद्यालय के अन्य कार्मिकों के मोबाइल नंबर प्राप्त कर संपर्क कर सकते है तरीका निम्न है।👉🏼
2️⃣किसी भी कार्मिक के मोबाइल नंबर और डिटेल प्राप्त करने का तरीका ⤵️
👉🏼सबसे पहले sd के निम्न लिंक पर क्लिक करे ⬇️
https://rajshaladarpan.nic.in/SD1/Home/Public/EmployeeSearch.aspx
👉🏼इस लिंक को ओपन करने के बाद आप इन बिंदुओं मे से किसी एक पर क्लिक करे ⤵️
🔸By Employee Name & Designation
🔸By Employee Id
🔸By Employee Name & DOB
🔸By Mobile No
इसके बाद जिला और ब्लॉक और पद सलेक्ट कर कार्मिक की डिटेल प्राप्त कर सकते है।
जब हमारे पास कार्मिक की कोई डिटेल पता नही है लेकिन विद्यालय का नाम और nic code और ब्लॉक, जिला पता है क्योकि ये ट्रांसफर ऑर्डर मे लिखे है तो उस विद्यालय के कार्मिकों के नाम केसे पता करे ?
👉🏼सबसे पहले शाला दर्पण के स्टाफ़ विंडो मे जाए वहां
👉🏼know staff details पर क्लिक करे
👉🏼विद्यालय की nic id डाले और सर्च करे यंहा आपको उस विद्यालय के सब स्टाफ़ के नाम शो होंगे
👉🏼इन नाम मे से किसी भी कार्मिक का नाम कॉपी कर ऊपर 2️⃣नंबर पर दिए गए लिंक मे नाम पद और जिला ब्लॉक डाल कर किसी भी कार्मिक के मोबाइल नंबर, ई मेल , एम्पलॉई id प्राप्त कर सकते है
प्रश्न:- प्रमोशन पर पी एल देय है या नहीं ? कृपया एडमिन पैनल मार्गदर्शन करें ?
उत्तर:- पदोन्नति पर निम्न शर्तों के अन्तर्गत ही योगकल देय है -
1. कार्मिक का मुख्यालय परिवर्तन होना ।
2. पद स्थापन्न काउंसलिंग के द्वारा नहीं होना चाहिए ।
3. नवीन पदस्थापन स्थान कार्मिक की स्वेच्छा से या उसके आवेदन पर नहीं होना चाहिए ।
प्रश्न - राजकीय सेवा से त्यागपत्र देने की क्या प्रक्रिया है ? त्यागपत्र किस अधिकारी को भेजा जाएगा ? कृपया उचित जानकारी प्रदान करें।
1. इस्तीफा स्वीकार करने हेतु सक्षम प्राधिकारी - संबंधित सेवा अथवा पद पर नियुक्ति करने वाले प्राधिकारी उस सरकारी कर्मचारी का इस्तीफा स्वीकार करने हेतु सक्षम प्राधिकारी है।
2. परिस्थितियां जिनके तहत त्यागपत्र स्वीकृत नही किया जाना चाहिए -
(i) जब कार्मिक के पास महत्वपूर्ण प्रभार हो एवं पद को भरने में समय लगता हो या वैकल्पिक व्यवस्था होने तक।
(ii) जब कार्मिक निलंबित हो या अनुशासनात्मक कार्यवाही/विभागीय कार्यवाही के सामना कर रहा हो और कार्मिक के विरुद्ध मजबूत साक्ष्य हो।
(iii) जब सरकारी कार्मिक द्वारा यह बॉण्ड भरा गया हो कि वह अमुक अवधि तक सेवा पूर्ण करेगा।
निर्धारित सेवा पूर्ण नही करने पर निश्चित दण्ड राशि (बॉण्ड के अनुसार) जमा करने के बाद ही त्यागपत्र स्वीकृत किया जा सकेगा।
3. दिनांक जब से त्यागपत्र प्रभावी होता है- सक्षम प्राधिकारी को यह निर्णय लेने का अधिकार है कि त्यागपत्र किस दिनांक से प्रभावी होगा। बिंदु 2(i) के मामलों में त्यागपत्र उस दिन से प्रभावी होगा जिस दिन से पद भरने हेतु वैकल्पिक व्यवस्था हो जाती है। यदि कोई कार्मिक अवकाश पर हो तो सक्षम प्राधिकारी अवकाश समाप्ति पश्चात या तुरंत प्रभाव से इस्तीफा स्वीकार कर सकता है। सक्षम प्राधिकारी को त्यागपत्र स्वीकृति की प्रभावी दिनांक का अंकन सेवा समाप्ति आदेश में अवश्य करना चाहिए।
4. त्यागपत्र वापस लेने संबंधी प्रावधान - सेवा से पदत्याग उस समय से लागू माना जाएगा जब से राज्य कर्मचारी को उसके कार्यभार से मुक्त किया जाता है। राज्य कर्मचारी द्वारा कार्यभार मुक्ति एवं पद त्याग के बाद यदि सेवा में पुनः लेने की प्रार्थना की जाती है तो उस पर विचार नहीं किया जाकर अस्वीकृत किया जाएगा। अर्थात एक बार त्यागपत्र स्वीकृति के बाद कार्मिक को उसी पद पर पुनः नही लिया जा सकता है।
5. त्यागपत्र हेतु नोटिस/पूर्व सूचना अवधि - राजस्थान सेवा नियम 23ए के अनुसार एक अस्थाई सरकारी कार्मिक को सेवा या पद से इस्तीफा देने से एक माह पूर्व नोटिस/लिखित सूचना सक्षम प्राधिकारी को देनी चाहिए। अस्थाई कार्मिक की सेवा एक माह के बराबर वेतन का भुगतान कर तुरंत भी समाप्त की जा सकती है।
स्थाई कर्मचारी को अपनी सेवा या पद से इस्तीफा देने के लिए तीन माह पूर्व नोटिस/लिखित आवेदन करना आवश्यक है या तीन माह के बराबर वेतन का भुगतान कर तुरंत प्रभाव से भी सेवानिवृत किया जा सकता है।
नियुक्ति प्राधिकारी जो इस्तीफा स्वीकार करने हेतु सक्षम अधिकारी हैं, अपने स्वविवेक के आधार पर नोटिस की अनुपस्थिति में भी इस्तीफा स्वीकार कर सकता है या सरकार के प्रावधानों के अनुसार कार्मिक को निर्धारित नोटिस अवधि के लिए पाबंद कर सकता है। चुनाव लड़ने के लिए त्यागपत्र देने हेतु नोटिस अवधि में शिथिलता दी जाती है।
6. अनिवार्य सेवानिवृत्ति संबंधी प्रावधान एवं नियम - कार्मिक विभाग के आदेश दिनांक 02.02.2000 एवं राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1996 के नियम 53(1) के अनुसार सक्षम प्राधिकारी ऐसे कार्मिक जिन्होंने 15 वर्ष की राजकीय सेवा या 50 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली हो और अकर्मण्यता, संदेहास्पद सत्यनिष्ठा, असक्षमता एवं अकार्यकुशलता या असंतोषजनक कार्य निष्पादन के कारण जनहितार्थ/लोकहित में 3 माह का नोटिस देकर सेवानिवृत्त होने हेतु सूचित करेगा या ऐसे कार्मिकों को 3 माह के बराबर वेतन भत्तों का भुगतान कर तुरंत प्रभाव से राज्य सेवा से निष्काषित किया जा सकेगा।
7. राजपत्र प्रकाशन तिथि से सेवानिवृत्ति प्रभावी - नियुक्ति अधिकारी द्वारा जारी नोटिस तामील न होने पर नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा राजस्थान राजपत्र में सेवानिवृत्ति आदेश प्रकाशित करवाने पर राजपत्र प्रकाशन की दिनांक से ही कार्मिक को सेवानिवृत्त माना जाएगा।
प्रश्न- कार्मिकों के आचरण सम्बन्धी नियम क्या है ?
Rajasthan Civil Service Conduct Rules 1971
(राजस्थान सिविल सेवा आचरण नियम 1971)
अनुचित तथा अशोभनीय आचरण (Improper and Unbecoming Conduct)
उत्तर:- राजस्थान सिविल सेवा आचरण नियम 1971 में वर्णित नियम तथा इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी आदेश न्यायिक निर्णय के द्वारा निम्नांकित कृत्य अनुचित तथा अशोभनीय आचरण की श्रेणी में माने जायेंगे, जो आचरण नियमों के विरूद्ध है।
कोई सरकारी कर्मचारी जो इन नियमों का अतिक्रमण करता है अनुशासनिक कार्यवाही का दायी होगा। (आ.दि.5.3.2008)
1. कोई भी सरकारी कर्मचारी जो-
(i) किसी ऐसे अपराध का दोषी करार दिया गया हो, जिसमें नैतिक पतन शामिल हो।
(ii) जनता के बीच पद की गरिमा के विरुद्ध अशोभनीय व्यवहार, लोकहित के विरुद्ध कार्य करना ।
(iii) किसी प्राधिकारी को बेनाम/नाम से पत्र व्यवहार करना।
(iv) अनैतिक जीवन व्यतीत करना।
(v) स्थानान्तरण पर नही पहुंचना, जान बूझकर गलत उद्देश्य से अनुचित कार्य करना, गलत बयानी करना, उच्चाधिकारी को धमकी देना।
(vi) सेवा संबंधी मामलों में राजनैतिक दबाव।
(vi) वरिष्ठ अधिकारी के विधिपूर्ण आदेशों या अनुदेशों की अवज्ञा करता है या वरिष्ठ अधिकारी की अवज्ञा करता है।
(नियम 4(9) आ.दि. 17.8.01)
(viii) बिना किसी पर्याप्त और युक्तियुक्त कारण के अपने पति या पत्नी, माता पिता, अव्यस्क या निशक्त संतान का, जो अपना भरण पोषण स्वयं करने में असमर्थ है, भरण-पोषण करने में उपेक्षा करता है या इससे इन्कार करता है या उनमें से किसी की भी देखभाल जिम्मेदारी पूर्वक नहीं करता है। (नियम 4 (v)आ.दि. 17.8.01)
(ix) लोकोपयोग जैसे बिजली और जल की व्यवस्था करने वाले किन्हीं विभागों/कम्पनियों को वित्तीय नुकसान कारित करने
की दृष्टि से जानबूझकर मीटर या किसी भी अन्य उपस्कर या बिजली जल की लाईन में गड़बड़ करता है।
(नियम 4 (vi) आ.दि. 9.10.2002)
2. सरकारी आवास, सर्किट हाउस, ट्रांजिट होस्टल, डाक बंगला आदि में अनाधिकृत निवास। (नियम 4 क)
3. सरकारी भूमि पर अधिक्रमण – 15.8.98 को या इसके पश्चात् सरकारी भूमि या स्थानीय निकायों/ नगर विकास न्यासों/जयपुर विकास प्राधिकरण/ राजस्थान आवासन मण्डल/ पंचायती राज संस्थाओं या किसी भी अन्य सरकारी उपक्रम की किसी भी भूमि पर किसी भी गति से, किसी भी अधिक्रमण में अंतर्वलित होता है या अधिक्रमण करता है।
4. प्रत्येक कर्मचारी अपने नियंत्रक अधिकारी को अपने बारे में एफ.आई.आर दर्ज किये जाने, पुलिस द्वारा गिरफ्तारी या किसी न्यायालय द्वारा किसी दोष सिद्धी के सम्बन्ध में तात्विक जानकारी (आ.दि. 5.3. 2008 नियम 4 घ)
5. अवकाश के समय किसी प्रकार की सेवा या नियोजन सक्षम अधिकारी की पूर्व स्वीकृति बिना स्वीकार करना। (नियम 6)
6. राजनीति और चुनावों में भाग लेना। (नियम 7)
7. जमात-ए-इस्लामी/सिम्मी/आनंद मार्ग के कार्यकलापों में भाग लेना।
8. गैर कानूनी हड़ताल में भाग लेना।
9. सरकार की पूर्व अनुमति के बिना दूरदर्शन, रेडियो, समाचार पत्र, पत्रिका में वक्तव्य लेख देने पर, परन्तु ऐसा प्रकरण/लेख जो शुद्ध रूप से साहित्यिक कलात्मक या वैज्ञानिक प्रकार का हो पर प्रतिबन्ध नहीं है। (नियम 10)
10. अनाधिकृत रूप से संसूचना देना – कोई सरकारी कर्मचारी, सरकार के किसी सामान्य या विशेष आदेश के अनुसरण में के सिवाय या उसे सौंपे गये कर्तव्यों के सद्भावनापूर्ण अनुपालन के सिवाय, किसी ऐसे सरकारी कर्मचारी या किसी अन्य व्यक्ति को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई शासकीय दस्तावेज या उसका कोई भाग अथवा कोई सूचना नहीं देगा जिसे वह ऐसा दस्तावेज या सूचना देने के लिये प्राधिकृत नहीं है। (नियम 13)
11. एक राज्य कर्मचारी एवं उसका परिवार तथा अन्य कोई व्यक्ति उसकी ओर से कोई उपहार स्वीकार नहीं करेगा। उपहार में निःशुल्क परिवहन सुविधा, आवास व्यवस्था एवं अन्य आर्थिक लाभ शामिल हैं। वैवाहिक, वर्षगांठ एवं अन्य सामाजिक समारोह के अवसर पर एक कर्मचारी निम्न सीमा तक उपहार स्वीकार कर सकता है –
रिश्तेदारों से मित्रों से अन्य से
(i) राज्य सेवा 1000/- 400/ – 150/-
(ii) अधीनस्थ एवं 500/- 200/- 50/ –
लिपिक वर्गीय सेवा
(i) च.श्रे. सेवा 200/- 100/- 50/-
उक्त अधिक राशि के उपहार प्राप्त करने पर सरकार को सूचित करेगा। (नियम 15 प.4(1)कार्मिक/क-3/94 दि, 17.8.01)
12. विभागाध्यक्ष की पूर्व अनुमति के बिना अध्ययन करना। (नियम 17)
13. परोक्ष या अपरोक्ष रूप से व्यापार/वाणिज्य अन्य संस्थाओं में नियोजन व पत्नी के नाम से बीमा व्यवसाय। (नियम 18)
14. 5000/- रु. से अधिक लेन-देन की सूचना सक्षम अधिकारी को नहीं देने पर । (नियम 19)
15. चल-अचल सम्पत्ति क्रय की सूचना – प्रत्येक सरकारी कर्मचारी अपने स्वयं या अपने परिवार के सदस्य के नाम धारित चल अचल सम्पत्ति के प्रत्येक लेन-देन की सूचना विहित प्राधिकारी को करेगा। यदि ऐसी सम्पत्ति का मूल्य निम्न से अधिक है –
राज्य सेवा के अधिकारी। 10,000/- रु.
अधीनस्थ एवं लिपिक वर्गीय सेवा। 5000/- रु चुतुर्थ श्रेणी कर्मचारी। 2500/- रु. (नियम 21 (3)
16. च.श्रे. क. से अधिकारियों के घर पर निजी कार्य लिया (आ. दि. 13.1079)
17. सेवा सम्बन्धी मामलों में राजनैतिक दबाव डलवाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकेगी। (प.4(6)कार्मिक/क- 2/78 दि. 7.5.99)
18. कार्यरत महिलाओं के यौन उत्पीड़न का प्रतिषेध कोई सरकारी कर्मचारी किसी महिला के साथ उसके कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के किसी कृत्य में लिप्त नहीं होगा।
(i) यौन उत्पीड़न में ऐसा अवांछनीय यौन संबंधी नियत व्यवहार चाहे प्रत्यक्षत हो या अन्यथा सम्मिलित है, जैसे-
(क) शारीरिक सम्पर्क और अग्रसरता
(ख) यौन सम्बन्धों की सहमति की माँग या उसके लिये अनुरोध
(ग) यौन सम्बन्धी फब्तियाँ
(घ) कोई अश्लील साहित्य दिखाना
(ड) यौन प्रकृति का कोई अन्य अवांछनीय शारीरिक, मौखिक व्यवहार प्रत्येक सरकारी कर्मचारी जो किसी कार्यस्थल का प्रभारी है, उसके प्रसंज्ञान में आने पर ऐसे कार्यस्थल पर किसी महिला को यौन उत्पीड़न से बचाने के लिये समुचित कदम उठायेगा। (नियम 25 कक, आ. प.9(2)59/कार्मिक/क-3/97 दि. 14.6.2000)
(ii) यौन उत्पीडन मामले में जांच की विशेष प्रक्रिया निर्धारित। (प9(2)(59)कार्मिक/क-3/97 पार्ट 1 दि.14.2.2006, लेखानियम अप्रैल 06, पृ.11)
(ii) यौन उत्पीड़न की शिकायत के सम्बन्ध में जिला स्तर पर शिकायत समितियों के गठन के निर्देश। (एफ16(1)(44) निम /मसूसके/10/पार्ट 14/5358/दि 10214) (लेखानियम, अप्रैल, 14 पृष्ठ 27)
19. निजी कम्पनी/संगठन के व्यापार के उत्थान के लिये आयोजित समारोह में राज्य कर्मचारी पूर्वानुमति से ही भाग ले (एफ.4(6)कार्मिक/क-3/78 दि. 11.82000)
20. एम-वे नामक कम्पनी व इस प्रकार की अन्य कम्पनियों का राज्यकर्मी द्वारा प्रचारप्रसार करना आचरण नियमों के विरुद्ध माना जायेगा। प9(5)(9)कार्मिक/क-3/2001 दि. 20.3.01)
21. दूसरा विवाह – कोई सरकारी कर्मचारी पति/पत्नी के जीवित होते हुए दूसरा विवाह नहीं करेगा, परन्तु यदि व्यक्तिगत विधि के अधीन यदि विवाह अनुझेय है तो वह दूसरा विवाह कर सकेगा। (नियम 25)
22. प्रत्येक सरकारी कर्मचारी अपनी नियुक्ति होने पर पदग्रहण के समय या यथास्थिति अपने विवाह के एक माह के भीतर अपने नियंत्रक अधिकारी को अपने पिता, एवं श्वसुर द्वारा हस्ताक्षरित इस प्रभाव की घोषणा प्रस्तुत करेगा कि उसने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष और किसी भी रूप में दहेज नहीं लिया है। (आ.दि. 5.3.2008 नियम 25 क(2)
23. 1 जून, 2002 को या इसके पश्चात् दो से अधिक बच्चे होने पर अनुशासनिक कार्यवाही करने का प्रावधान समाप्त ! (एफ 9(5)(30कार्मिक/क-3/2004 पार्ट दि. 5) 11.5. 2016 बाल विवाह को प्रोत्साहित करने पर भी अनुशासनिक कार्यवाही के लिये दायी होगा। (नियम 25 घ)
24 .अधिकारीगण का शिलान्यास व उद्घाटन करना दुराचरण की श्रेणी में समझा जायेगा। (प.19(16).सु. /सम.(अनु1 95 दि. 23.4.02)
25. राज्य कर्मचारी बैंक एवं अन्य संस्थाओं से ऋण लेकर चल-अचल एवं अन्य परिसम्पतियां सृजित करते हैं उसका विवरण तथा ऋण की कुल राशि एवं भुगतान किश्तों का विवरण अपने नियंत्रण अधिकारी को अनिवार्य रूप से देंगे।(प.4(1)का/क-3/जांच/05 दि. 18.11.2005)
26. अधिकारी/राज्य कर्मचारी राज्य सरकार की अनुमति से ही सोसायटी, संस्था एवं क्लब से सम्बद्धता रख सकेंगे। (प.9(50)कार्मिक/क-1/98 दि.7.6.2006)
27. उच्च अध्ययन की स्वीकृति वांछित शर्तों पर ही स्वीकृत होगी। (प.9.(5)(30)कार्मिक/क-3/जांच/2004 दि.18.11.2006, लेखा नियम नवम्बर 06, पृ. 10)
28. राजसेवक के नशीले पदार्थ का आदी होने के दोषी होने पर मासिक वेतन का 50% परिजन के बैंक खाते में सीधे ही स्थानान्तरत कर दी जावेगी। नियम 26डी) (प.9(5)(30)कार्मिक/क-3/जांच/2004 दि.20.09.2013)
प्रश्न:- मेडिक्लेम आवेदन ऑनलाइन के साथ कौन कौनसे दस्तावेज अपलोड करने है ? कृपया जानकारी प्रदान करें।
उत्तर - मेडिक्लेम पोलिसी हेतु ऑनलाइन आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज अपलोड करना आवश्यक है -
1. मेडिक्लेम पोलिसी कार्ड एवं अन्य दस्तावेज - जैसे रोगी का आधार कार्ड,भामाशाह कार्ड, राशनकार्ड, कार्मिक बैंक डायरी या कैंसिल चेक प्रति (270 KB)
2. अस्पताल संबंधित दस्तावेज - रोगी भर्ती पर्ची, डिस्चार्ज टिकट, मेडिकल डायरी, कैश मीमो/लेनदेन पर्ची/राशि जमा पर्ची/अस्पताल का बिल मय अस्पताल एवं डॉक्टर द्वारा प्रमाणित एवं हस्ताक्षरित (2MB)
3. मेडिकल सम्बन्धित बिल - समस्त प्रकार की दवाइयों के व्यय बिल/राशि जमा पर्ची मय अस्पताल एवं डॉक्टर द्वारा प्रमाणित एवं हस्ताक्षरित (2MB)
4. जांच एवं परीक्षण सम्बन्धित दस्तावेज - रोगी की समस्त प्रकार के टेस्ट/चेकअप एवं रिपोर्ट्स आदि के व्यय बिल/कैशमीमो/जमा पर्ची मय अस्पताल एवं डॉक्टर द्वारा प्रमाणित एवं हस्ताक्षरित (1MB)
5. आपातकालीन चिकिस्ता हेतु प्रमाणपत्र - गैर अनुमोदित अस्पताल में आपातकालीन परिस्थितियों में इलाज करवाने पर विभाग द्वारा निर्धारित परिशिष्ट-6 में आपातकालीन प्रमाणपत्र मय अस्पताल एवं डॉक्टर द्वारा प्रमाणित एवं हस्ताक्षरित (270KB)
6. मेडिक्लेम दावा प्रपत्र- विभाग द्वारा निर्धारित मेडिक्लेम दावा प्रपत्र एवं परिशिष्ट-5 मय अस्पताल एवं डॉक्टर द्वारा प्रमाणित एवं हस्ताक्षरित (270KB)
नोट :- रोगी के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के दिन से 90 दिन की अवधि के अंदर ऑनलाइन क्लेम भरना आवश्यक है।
प्रश्न:- सेवानिवृत्त कार्मिकों का माह मार्च देय अप्रैल 2020 के आस्थगित वेतन का भुगतान प्रोसेस Paymanager पर किस प्रकार से किया जाना है ?
उत्तर:- इसके लिए निम्नलिखित चरणबद्ध प्रक्रिया अपनावे।
1️⃣ इसके लिए कर्मचारी का स्टेटस रिटायर्ड होना अनिवार्य है।
2️⃣ इसके बिल को बनाने के लिए अन्य बिलों की तरह बिल अलोकेशन सैलरी एवं सैलरी सब टाइप में रेगुलर सैलरी होगी।
3️⃣अगर री-एम्प्लाईमेन्ट है तो री-एम्प्लाईमेंट सेलेक्ट करें।
4️⃣माह मार्च 2020 एवं कर्मचारी का नाम जिस ग्रुप में है उस ग्रुप को सेलेक्ट करें एवं वर्तमान बिल नंबर देने है।
5️⃣तत्पश्चात बिल प्रोसेसिंग में मंथली सैलेरी डिफर्मेंट एक सबसे नीचे ऑप्शन शुरू किया है उस पर क्लिक करें। इंडिविजुअल सैलरी प्रोसेस के लिए बॉक्स में सेलेक्ट करें। अब आपके सामने उस ग्रुप में सेवानिवृत्त कार्मिक का नाम आ जाएगा उसे सेलेक्ट करें और प्रोसेस कर दें।
Bill Processing के बाद Report को मार्च के प्रथम बिल वाली Report से अच्छी तरह से मिलान कर लें ताकि पूरे माह के वेतन से अधिक भुगतान व कटौतियां न हों।
6️⃣प्रोसेस करने के पश्चात प्रक्रिया वही है जिसमे सबसे पहले डॉक्युमेंट्स अपलोड में कार्यालयाध्यक्ष का एक स्वीकृति आदेश जिसमें वित्त विभाग के आदेश का हवाला देते हुए जितने दिन का वेतन रोका गया था उसका उल्लेख हो, कार्मिक का सेवानिवृत्ति आदेश और कार्मिक का इस सत्र का GA-55 एवं ट्रेजरी के पीपीओ नंबर (यदि उपलब्ध हो) की पीडीएफ बनाकर अपलोड करें।
7️⃣ तत्पश्चात डीडीओ फॉरवर्ड करे फिर रिपोर्ट आउटर, इनर एवं यदि इनकम टैक्स कटा है तो शेड्यूल व तत्पश्चात डिजिटल साइन करे व treasury forward करे।
नोट:- इसमें हमें मैनुअली कुछ नहीं करना है सब ओटो अपडेट है।
प्रश्न- क्या किसी कार्यालय के कार्यालयाध्यक्ष अर्थात DDO के स्थानांतरण होने पर digital signature वाले dongle बेकार हो जायेगा ? नए आने वाले DDO के लिए नया डोंगल बनाने की आवश्यकता रहेगी या नही।
उत्तर- किसी DDO के स्थानांतरण होने पर उनका digital signature को काम मे नही लेना है। उसेकोषालय /उपकोषागार को पत्र लिखकर diactivate करावे और वह dongle उनको आगामी कार्यालय में प्रयोग हेतु सुपुर्द करदे।
नए आनेवाले DDO के पंजीकरण के लिए सर्वप्रथान DDO infomation को अपडेट कर उसके बाद साथ लाये digital signature dongle को paymanger पर registered कर कोषालय से aporoved करावे। अब आपका digital signature dongle प्रयोग के लिए तैयार है।
इसमे मुख्य बात ये ध्यान रखनी है कि आपके paymanager से जाने वाले DDO का dongle disactive हो जाये एवं आने वाले DDO का dongle भी पूर्व कार्यालय से diactive होकर आया है अन्यथा digital signature already registred का error आएगा।
कई मामलों में DDO के स्थानांतरण होने पर पद रिक्त रहता है एव अन्य DDO को अतिरिक्त चार्ज देने पर अपने paymanger से digital signature diactive करे उसके बाद कोषालय/उपकोषागार को अतिरिक्त चार्ज लेने वाले DDO की office id से आपकी ID को maping के लिए पत्र लिखे।
पत्र के साथ अतरिक्त चार्ज order की प्रति, दोनो कार्यालयों की office id आवश्यक रूप से अंकित करें। अतिरिक्त चार्ज के आदेश सक्षम स्तर से जारी होने चाहिए। Maping होने पर DDO information को भी अवश्य update करे।
प्रश्न - शाला दर्पण पर प्रपत्र-10 अपडेट करने हेतु पेमैंनेजर से PayManager NIC-UID कहाँ से और कैसे प्राप्त करें ?
उत्तर:- पे-मैंनेजर साइट लिंक https://paymanager2.raj.nic.in/ पर कार्मिक/कार्मिकों की Paymanager NIC-UID दो प्रकार से ज्ञात की जा सकती है :
1- कार्मिक के व्यक्तिगत लॉगिन द्वारा (केवल कार्मिक का स्वयं का NIC-UID)
2- DDO लॉगिन द्वारा (कार्यालयाधीन समस्त कार्मिकों का NIC-UID)
1- कार्मिक लॉगिन पर निम्न सोपान (Steps) अपनाएं :
Enter User Name (Employee ID in 16 Digits)
Insert Password
Then Enter Captcha
To select ‘User Type’ Click on Employee
Then click on ’Login’
Now you are on Home Page
Select Employee Corner
Click on Master Data Request
Then clock on ’Personal Details Update’
Here you can see your NICUID (in 7 Digits) under the Heading in top left side.
2- DDO लॉगिन पर निम्न सोपान (Steps) अपनाएं :
(कार्यालय अधीनस्थ समस्त कार्मिकों का NIC-UID एक साथ ज्ञात किया जा सकता है)
Enter User Name (DDO Login ID)
Insert Password
Enter Captcha
To select ‘User Type’ please click on DDO
Click on ‘Login’
Select Master
Then click Employee Detail
Select Personal Details
Click on Select Employee from the List (with NICUID with Name)
Here you can see your NICUID in 7 Digits under the Heading.
प्रश्न- आहरण वितरण अधिकारीगणों हेतु paymanager पर बिलों से सम्बन्धित ध्यान देने योग्य बातें बतायें।
उत्तर:- DDO बिल बनाते समय निम्नलिखित बिंदुओं पर जरूर ध्यान देवे।
1. बिल प्रोसेस कराने की प्रक्रिया पूर्व की भांति ही है उसमें कोई संशोधन नहीं हुआ है।
2. बिल पर डिजिटल हस्ताक्षर बिल को DDO फॉरवर्ड करने के पश्चात् करने होंगे अन्यथा बिल कोषालय फॉरवर्ड करने हेतु उपलब्ध नहीं होगा।
3. बिल को DDO फॉरवर्ड करने के पश्चात् सर्व प्रथम रिपोर्ट्स में Inner, Outer व Schedule generate करने होंगें तभी डिजिटल हस्ताक्षर हो पायेंगे. जिन बिलों में कोई कटौती नहीं की गयी हो उनके schedule generate करने की आवश्यकता नहीं है।
4. वेतन बिल में Schedule generate करने हेतु all schedule option का प्रयोग करें।
5. रिपोर्ट्स generate करने के पश्चात् बिल पर डिजिटल हस्ताक्षर करने हैं।
6. डिजिटल हस्ताक्षर होने पर sign reports option से हस्ताक्षर की गयी रिपोर्ट्स डाउनलोड की जा सकती है।
7. डिजिटल हस्ताक्षर करने के पश्चात बिल को कोषालय फॉरवर्ड करना है।
8. कोषालय को बिल फॉरवर्ड करते ही वो बिल कोषालय में टोकन एंट्री हेतु Automatically प्रदर्शित हो जायेगा इसलिये बिल की हार्ड कॉपी अथवा सॉफ्ट कॉपी (ईमेल से) प्रेषित नहीं करनी है।
9. कोषालय द्वारा बिल पारित अथवा आक्षेप करने सम्बन्धी जानकारी paymanager पर सम्बन्धित DDO login में Authorization menu में View Bill Status option द्वारा देखी जा सकती है।
10. कोषालय द्वारा आक्षेप करने पर बिल DDO login में बिल रिवर्ट ऑप्शन में प्रदर्शित होगा जहाँ से सर्वप्रथम बिल को रिवर्ट लेना होगा उसके पश्चात View bill objection status ऑप्शन द्वारा उस बिल में लगाये गये ऑब्जेक्शन को देखा जा सकता है।
11. यदि बिल में कोई ऐसा आक्षेप है जिससे बिल को पुनः प्रोसेस करवाया जाना आवश्यक ना हो (Inner, outer, schedule में कोई संशोधन ना हो) तो View bill objection status ऑप्शन द्वारा सम्बन्धित बिल की आक्षेप पूर्ति कर आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर बिल को पुनः कोषालय को प्रेषित कर दिया जावे।
12. यदि बिल में कोई ऐसा आक्षेप है जिसकी पूर्ति हेतु बिल को delete कर पुनः प्रोसेस करवाया जाना आवश्यक हो तो उस स्थिति में बिल को पुनः प्रोसेस करवाने के पश्चात View bill objection status द्वारा आक्षेप पूर्ति कर सम्बन्धित दस्तावेज अपलोड करें तत्पश्चात बिल को DDO फॉरवर्ड करें। इसके बाद बिंदु संख्या 3 के अनुसार रिपोर्ट्स generate कर डिजिटल हस्ताक्षर करने होंगें।
13. यदि बिल पर डिजिटल हस्ताक्षर करते समय sign रिपोर्ट्स डाउनलोड नहीं की गयी हों तो sign रिपोर्ट्स Authorization menu offline bill submission download sign reports Treasury Level द्वारा भी डाउनलोड की जा सकती हैं।
14. यहाँ ये उल्लेखनीय है कि जिन बिलों को View bill objection status option द्वारा आक्षेप का Reply दिये बिना ही कोषालय को पुनः फॉरवर्ड किया जा रहा है वे बिल Automatically कोषालय में प्रदर्शित नहीं हो रहे हैं. ऐसे बिलों के टोकन नम्बर / reference नम्बर कोषालय को उपलब्ध कराने पर ही उन बिलों को Manually पुन: इनवर्ड किया जाना संभव हो पाता है अत: सभी आक्षेपित बिलों की आक्षेप पूर्ति करने के पश्चात उसका Reply “View bill objection status” option द्वारा आवश्यक रूप से करावें जिससे वो बिल .Automatically कोषालय में प्रदर्शित हो सके।
प्रश्न:- सेवा-निवृति पर खाते में शेष उपार्जित अवकाशों के बदले नगद भुगतान के नियम 91- ख की जानकारी देवे।
1. किसी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति पर उस दिन उसके उपार्जित अवकाश के लेखों में बकाया (अधिकतम 300 दिवस) अवकाशों के बदले में उनके समान अवकाश वेतन की राशि उसे दी जाएगी। परंतु जिन कर्मचारियों को राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण,नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के अधीन दंड (पेनल्टी) के रूप में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है, उन्हें यह लाभ देय नहीं होगा।
2. सेवानिवृत्ति पर अनुपयोजित उपार्जित अवकाशों (अनयूटीलाइज्ड पीएल) के अवकाश वेतन का नगद भुगतान एक मुश्त एवं एक ही समय सेवानिवृत्ति पर किया जाएगा।
3. अनुपयोजित उपार्जित अवकाश के बदले में देय अवकाश वेतन की गणना कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के दिन उसको प्राप्त वेतन की दर तथा उसी दिन लागू महंगाई भत्ते की दर के आधार पर की जाएगी। इसके साथ शहरी क्षतिपूरक भत्ता या मकान किराया भत्ता नहीं दिया जाएगा।
4. अनुपयोजित उपार्जित अवकाश के बदले में देय अवकाश वेतन की गणना के लिए सेवानिवृत्ति के दिन मासिक वेतन की दर तथा महंगाई भत्ते की प्रभावी दर को 30 से भाग देने पर प्राप्त राशि को कर्मचारी के अवकाश लेखों में बकाया उपार्जित अवकाशों की संख्या से गुणा किया जाता है।
5. कार्यालय अध्यक्ष सेवानिवृत्ति पर अनुपयोजित उपार्जित अवकाश के बदले नगद भुगतान की स्वीकृति देने तथा 300 दिन की सीमा तक एकमुश्त भुगतान करने के लिए सक्षम है।
6. जिन कर्मचारियों को अधिवार्षिकी आयु (सेवा-निवृति आयु) के बाद सेवा वृद्धि स्वीकृत की जाती है उन्हें अनुपयोजित उपार्जित अवकाशों के बदले एकमुश्त नकद भुगतान, सेवा वृद्धि की अवधि की समाप्ति पर अंतिम रुप से सेवानिवृत्त होने पर दिया जाएगा।
7. निलंबन अनुशासनिक या आपराधिक कार्यवाही लंबित रहते हुए अधिवार्षिकी आयु (सेवा-निवृति आयु) प्राप्त कर सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारी के प्रकरण में अवकाश स्वीकृति प्राधिकारी उपार्जित अवकाश के बदले नगद की संपूर्ण या आंशिक राशि को रोक सकेगा यदि उसकी राय में कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही समाप्त होने पर उससे कुछ राशि वसुली योग्य निकलने की संभावना हो तो कार्यवाही समाप्त होने पर सरकारी देयताओं का समायोजन करने के बाद रोकी गई धनराशि का शेष भाग उस कर्मचारी को दिया जा सकेगा।
राजस्थान सरकार का निर्णय
संबंधित कर्मचारी से आवेदन पत्र प्राप्त होने पर सक्षम प्राधिकारी सेवानिवृत्ति तिथि से 1 माह पूर्व नगद भुगतान की स्वीकृति के आदेश जारी करेगा ताकि कर्मचारी को भुगतान में अनावश्यक विलम्ब से बचा जा सके लेकिन यह भुगतान सरकारी कर्मचारी के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद ही किया जाएगा। नगद भुगतान स्वीकृत करने एवं सेवानिवृत्ति की वास्तविक तिथि के बीच की अवधि में साधारणतः कोई उपार्जित अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा। यदि अत्यावश्यक परिस्थितियों में कोई अवकाश स्वीकृत किया जाए तो नगद भुगतान के लिए पूर्व में जारी किए गए आदेशों को भी सक्षम प्राधिकारी द्वारा संशोधित कर दिया जाएगा।
कार्यालय कार्यविधि के अनुसार अभिलेखों को निम्नलिखित वर्गों में विभक्त किया गया है-
1. वर्ग 1- एक वर्ष तक रखे जाने वाले अभिलेख।
2. वर्ग 2- पांच वर्ष तक रखे जाने वाले अभिलेख।
3. वर्ग 3- दस वर्ष तक रखे जाने वाले अभिलेख।
4. वर्ग 4- तीस वर्ष तक रखे जाने वाले अभिलेख।
5. वर्ग 5- स्थाई रूप से रखे जाने वाले अभिलेख।
आवश्यक अभिलेखों को सुरक्षित रखने का पूर्ण विवरण निम्न प्रकार से है-
वर्ग 1- एक वर्ष तक रखे जाने वाले अभिलेख।
(i) छात्र प्रगति पुस्तिका।
(ii स्मरण पत्र जारी करने का रजिस्टर।
(iii) उत्सव एवम समारोह अभिलेख।
वर्ग 2- पांच वर्ष तक रखे जाने वाले अभिलेख।
(i) शुल्क प्राप्ति रजिस्टर।
(ii) छात्रवृत्ति वितरण रजिस्टर।
(iii) पत्र प्रेषण/पत्र प्राप्ति रजिस्टर।
(iv) छात्रोपस्तिथि रजिस्टर।
(v) स्थानीय परीक्षा परिणाम सम्बंधित रिकॉर्ड।
(vi) नियुक्ति के आवेदन-पत्र। ( जिनको नियुक्ति नही मिली हो, 2 वर्ष हेतु)
(vii) आकस्मिक अवकाश रजिस्टर व पियोन बुक (तीन वर्ष)
(viii) आकस्मिक अवकाश प्रार्थना पत्र। (दो वर्ष)
(ix) राज्य कर्मचारियों से किराया वसूली।
(x) विभागीय वाहन मरम्मत।
(xi) अतिरिक्त विषय खोलना।
(xii) परीक्षा केंद्र (दो वर्ष)
(xiii) निरीक्षण प्रतिवेदन।
(xiv) विधानसभा प्रश्न।
(xv) मण्डल अधिकारी बैठके।
(xvi) कार्यालय बजट अनुमान।
(xvii) बजट आवंटन, पुनः आवंटन (दो वर्ष)
(xviii) जांच एवम निरीक्षण प्रतिवेदन
(ixx) गबन चोरी के मामले, (जांच के निस्तारण के दो वर्ष तक)
(xx) जांच एवम निरीक्षण प्रतिवेदन।
(xxi) अराजपत्रित कर्मचारियों के छुट्टी का खाता। (मृत्यु या सेवानिवृत्ति के 3 वर्ष तक)
वर्ग 3- दस वर्ष तक रखे जाने वाले अभिलेख।
(i) छात्रकोष रोकड़ बही, प्रयोज्य वस्तुओं का रजिस्टर, प्रतिभूति राशि रजिस्टर, रसीद बुकों को जारी करने का रजिस्टर।
(ii) विभागीय परीक्षाओं के अनुज्ञा आवेदन-पत्र।
(iii) विभिन्न प्रशिक्षणों में नियुक्ति।
(iv) नियुक्ति एवम स्थानांतरण।
(v) ऋण अग्रिम आवेदन पत्र।
(vi) भवन का दान एवम भवन निर्माण हेतु राजकीय सहायता।
(vii) जन्मतिथि में परिवर्तन।
(viii) बोर्ड की मान्यता।
(ix) छात्रवर्ती , वर्तिका एवम अध्ययन ऋण।
(x) प्रशासनिक अधिकारी सम्मेलन।
वर्ग 4- तीस वर्ष तक रखे जाने वाले अभिलेख।
(i) राज्य एवम राष्ट्रीय पुरस्कार स्वीकृतियां।
(ii) संस्थापन रजिस्टर।
(iii) शाला रजिस्टर।
(iv) विभागीय परीक्षा परिणाम रजिस्टर।
वर्ग 5- स्थाई रूप से रखे जाने वाले अभिलेख।
(i) भवन के पट्टे/नक्शे।
(ii) फीस परिपत्र।
(iii) विद्यालयों की विभिन्न स्तरों पर मान्यता।
(iv) विद्यालय खोलना।
(v) परीक्षा/ कक्षोंन्नति।
(vi) अनुदान रिकॉर्ड।
(vii) विभागीय परीक्षाओं के प्रमाण-पत्रों के अनुपर्ण।
निम्नलिखित अभिलेख किसी भी कारण से नष्ट नही होने चाहिए-
व्यय से सम्बंधित अभिलेख, अपूर्ण परियोजनाओं से सम्बंधित व्यय अभिलेख, व्यक्तिगत मामलो के कलेमो से सम्बंधित अभिलेख, स्थाई प्रकृति के आदेश।
कुछ विशेष-
स्थापना वर्ग की पुस्तकें- 40 वर्ष, फूटकर व्यय रजिस्टर-5 वर्ष, फुटकर व्यय वाउचर- 3 वर्ष, डिटेल्ड बजट- 5 वर्ष, राज्य कर्मचारियों के वेतन बिल-35 वर्ष।
विशेष- एक राज्य अधिकारी को सदैव राज्य हितानुकूल कार्य करना चाहिए एवम अपने कार्य को सिद्ध करने हेतु अभिलेख संधारित रखने चाहिए।
अभिलेख समाप्त करने की पूर्ण विधि आवश्यकता के अनुसार अपनाई जानी चाहिए।
अभिलेख आधार पर ही प्रशासनिक व न्यायिक निर्णय होते है अतः इनकी सुरक्षा हमारा प्राथमिक दायित्व है।
एक राजकीय विद्यालय में रखे जाने वाले अभिलेख व उनकी हेडवाइज सूची।
विद्यालयों में सामान्यतः पुराने अभिलेख सुरक्षित एवम सुव्यवस्थित ढंग से नही रखे जाने के कारण, कभी कभी विद्यालय, छात्र, अभिभावक एवम विभाग के सामने गम्भीर परिस्थिति उपस्तिथ हो जाती है, विशेष रूप से तब जबकि कोई अभिलेख माननीय न्यायालय द्वारा तलब कर लिया जाता है।
इस लेख में एक सीनियर विद्यालय अथवा कार्यालय द्वारा संधारित अभिलेखों की हेडवाइज सूची लिखी गई है। आधुनिक समय मे वेतन विपत्र पे-मैनेजर द्वारा निर्मित होने के कारण कुछ अभिलेख अब नवीन प्रकार से संधारित किये जाने लगे है।
शीघ्र ही एक आलेख में आपको कार्यालय कार्य प्रणाली के तहत चालू अभिलेख व पूर्ण हो चुके अभिलेखों के रिकॉर्ड को रखने का तरीका आपके लिए प्रस्तुत किया जाएगा-
1.1 वितीय एवम लेखा सम्बंधित रजिस्टर:
1. रोकड़ बही (राज्यकोष)
2. रोकड़ बही ( छात्रकोष) जी.ए. 48
3. रसीद बुक रजिस्टर।
4. शुल्क प्राप्ति रजिस्टर।
5. डाक टिकट स्टॉक रजिस्टर। (जी.ए. 114)
6. डाक टिकट व्यय रजिस्टर। (जी.ए. 115)
7. चैक, ड्राफ्ट, मनीऑर्डर प्राप्ति रजिस्टर। (जी.ए. 51)
8. पोस्टल आर्डर, मनीऑर्डर/बैंक ड्राफ्ट प्रेषण रजिस्टर। (जी.ए. 103)
9. त्यौहार अग्रिम वसूली रजिस्टर। (जी.ए. 185) ए
10. पेशगी रकम का रजिस्टर। (जी.ए. 53)
11. राजपत्रित अधिकारियों का वेतन, भत्ता रजिस्टर। (जी.ए. 73)
12. अराजपत्रित अधिकारियों का वेतन, भत्ता रजिस्टर। (जी.ए. 74)
13. अवितरित वेतन भत्तों का रजिस्टर। (जी.ए. 102)
14. विशेष वसूलियों का रजिस्टर। (जी.ए. 61)
15. यात्रा भत्ता रजिस्टर। (जी.ए. 98)
16. चिकित्सा व्यय पुर्नभरण रजिस्टर।
17. बजट कंट्रोल रजिस्टर। (जी.ए. 19)
18. बिल रजिस्टर। (जी.ए. 59)
19. वाच रजिस्टर फ़ॉर एनकेशमेंट ऑफ बिल्स। (जी.ए. 173)
20. कोष/उपकोष में जमा कराई गई राशि का रजिस्टर। (जी.ए. 58)
21. छात्रवृत्ति वितरण रजिस्टर।
22. ऋणों ओर गरिमा का रजिस्टर। (जी.ए. 185)
23. प्रतिभूति राशि(काशन मनी) रजिस्टर।
24. रेलवे/ट्रांसपोर्ट पार्सल/प्राप्ति व प्रेषण रजिस्टर।
25. दुरभाष(टेलीफोन) रजिस्टर। (जी.ए. 116)
26. महालेखाकार / विभागीय अंकेक्षण दलों द्वारा उठाये गए एतराजों का रजिस्टर।
27. स्थाई सामग्री भंडार रजिस्टर। (जी.ए. 162)
28. स्थाई तथा उपयोज्य सामान का अवदान रजिस्टर।
29. अस्थाई सामग्री भंडार रजिस्टर।
30. विज्ञान, खेलकूद, कृषि-वाणिज्य
1.2 संस्थापन सम्बन्धी रजिस्टर।
1. कर्मचारी उपस्थिति रजिस्टर। (जी.ए. 159)
2. संस्थापन रजिस्टर।
3. आकस्मिक अवकाश रजिस्टर। (जी.ए. 160)
4. वेतन वर्द्धि रजिस्टर। (जी.ए. 193)
5. सेवा पुस्तिका/ सेवा रोल रजिस्टर।
6. पेंशन/ग्रेज्युटि/कम्युटेशन ऑफ पेंशन आवेदन प्राप्ति व निर्णय रजिस्टर। (जी.ए. 152)
7. वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन रजिस्टर।
8. अनुशासनात्मक कार्यवाही रजिस्टर।
1.3 छात्र सम्बन्धी रजिस्टर/पुस्तिका।
1. छात्रोपस्तिथि रजिस्टर।
2. स्कॉलर रजिस्टर।
3. परीक्षा परिणाम रजिस्टर।
4. स्थानांतरण प्रमाणपत्र रजिस्टर।
5. छात्र प्रगति पुस्तिका।
6. छात्र-दण्ड रजिस्टर।
7. शुल्क-मुक्ति पुस्तिका।
8. पुस्तक परिग्रहण रजिस्टर।
9. पुस्तक इश्यू रजिस्टर।
10. छात्र ड्यूज़ रजिस्टर।
1.4 अध्यापक सम्बन्धी रजिस्टर व पुस्तिका।
1. सार्वजनिक परीक्षा अनुज्ञा रजिस्टर।
2. अध्यापक डायरी।
3. प्रधानाध्यापक/प्रधानाचार्य परिवीक्षण पुस्तिका।
4. अध्यापक परीक्षा-फल रजिस्टर।
1.5 सामान्य रजिस्टर एवम पुस्तिका।
1. आदेश सूचना रजिस्टर।
2. पत्रावली पुस्तिका।
3. पत्र-पत्रिका रजिस्टर।
4. रजिस्टरोंकी विषयवार सूची का रजिस्टर।
5. विद्यालय इतिहास रजिस्टर।
6. पुस्तकालय एवम वाचनालय में पढ़ने आने वालों के हस्ताक्षर का रजिस्टर।
7. पत्र-प्राप्ति रजिस्टर।
8. पत्र-प्रेषण रजिस्टर।
9. अभिदर्शक (विज़िटर्स) रजिस्टर।
10. पत्र-वाहक रजिस्टर।
11. निरीक्षण पुस्तिका
1.6 छात्रावास सम्बन्धी पत्रिका।
1. प्रवेश पंजिका।
2. उपस्तिथि पंजिका छात्र/कर्मचारी।
3. रोकड़ बही।
4. स्टॉक रजिस्टर।
5. भोजनशाला लेखा पंजिका।
6. आदेश/सूचना पंजिका।
7. अभिदर्शक पंजिका।
8. स्वास्थ्य जांच पंजिका।
9. प्रतिभूति राशि( काशन मनी) रजिस्टर।
1.7 प्रमुख पँजिकाये-
1. विद्यालय स्टाफ की व्यक्तिगत पँजिकाये।
2. स्थानांतरण/नियुक्ति/पदोन्नती पंजिका।
3. वेतन भुगतान पंजिका।
4. आय-व्यय पंजिका।
5. अनुशासन कार्यवाही।
6. विभागीय आदेश/परिपत्र।
7. अवकाश (आकस्मिक अवकाश के अतिरिक्त)
8. खेलकूद/स्काउटिंग।
9. सहशैक्षणिक प्रवर्तिया। (प्रत्येक के लिए अलग-अलग)
10. प्रवेश प्रार्थना पत्र।
11. बजट पंजिका। (योजना-योजना भिन्न)
12. छात्रवर्ती/शिक्षण वृतियाँ।
13. विद्यालय भवन/खेलकूद के मैदान।
14. महालेखाकार अंकेक्षण पंजिका।
15. पेंशन पंजिका।
16. विभागीय अंकेक्षण पंजिका।
17. चार्ज रिपोर्ट।
18. वार्षिक सत्यापन।
19. एफवीसी बिल पंजिका।
20. निरीक्षण।
21. छात्र प्रार्थना पत्र।
22. छात्रावास।
23. वार्षिक प्रतिवेदन।
24. विद्यालय योजना।
25. सामग्री क्रय पंजिका। (टेंडर, कोटेशन, मांगपत्र)
26. यात्रा बिल पंजिका।
27. चिकित्सा व्यय परिपूर्ति बिल।
28. उत्सव व समारोह।
29. मासिक संस्थापन रिपोर्ट।
30. अल्प बचत/ रेडक्रॉस एवम अन्य मुत्फ़रिर्क पत्रादि।
31. सार्वजनिक परीक्षा पंजिका।
32. समय विभाग चक्र पंजिका।
प्रश्न:- राजस्थान सेवा नियम 1951 के भाग -1 के नियम 92(बी) के तहत क्षतिपूर्ति उपार्जित अवकाश अर्जित करने व जोड़ने की विद्यालयों में प्रक्रिया व सावधानियां क्या है ?
उत्तर:- विश्रामकालीन विभागों में कार्यरत कार्मिकों (शिक्षकों) को विश्रामकालीन अवधि में यदि राजकीय कार्य हितार्थ, उन्हें अवकाश से वंचित रखा जाता है, तो राजस्थान सेवा नियम 1951 के भाग -1 के नियम 92(बी) के तहत तीन कार्य दिवसों के एवज में एक क्षतिपूर्ति उपार्जित अवकाश देय होगा। विद्यालयों में इसके लिए एक सामान्य प्रक्रिया निम्न प्रकार है।
➡️---कार्य के लिए ड्यूटी लगाने वाले सक्षम अधिकारी (सामान्यतया सक्षम अधिकारी से मतलब एसडीएम, डीएम, डायरेक्टर, सचिव होता है) का आदेश, जिसमें ये स्पष्ट रूप से लिखा हो कि उक्त कार्य अवधि के एवज में आरएसआर के नियम 92(बी) के तहत उपार्जित अवकाश देय होगा।
--- उक्त आदेश के तहत जिस अधिकारी के नियंत्रण में कार्य किया, उस अधिकारी द्वारा जारी मूल उपस्थिति प्रमाण पत्र के आधार पर कार्मिक (शिक्षक) अपने कार्यालय अध्यक्ष (डीडीओ) को क्षतिपूर्ति उपार्जित अवकाश सेवा पुस्तिका में जोड़े जाने हेतु प्रार्थना पत्र देगा।
--- कार्यालय अध्यक्ष ड्यूटी आदेश व मूल उपस्थिति प्रमाण पत्र के आधार पर आरएसआर के नियम 92(बी) के तहत तीन कार्य दिवसों के एवज में एक क्षतिपूर्ति उपार्जित अवकाश कार्मिक के अवकाश लेखा में जोड़े जाने की स्वीकृति जारी करेगा।
सावधानियां ----
1. ड्यूटी आदेश जारी करता अधिकारी द्वारा ड्यूटी आदेश में अथवा उसके बाद आरएसआर के नियम 92(बी) के तहत उपार्जित अवकाश देय होने का, आदेश जारी होना चाहिए।
2. कार्मिक द्वारा जिस अधिकारी के अधीन कार्य किया गया है, उस अधिकारी द्वारा जारी मूल उपस्थिति प्रमाण पत्र।
3. कार्यालय अध्यक्ष स्पष्ट रूप से तीन कार्य दिवसों के एवज में एक क्षतिपूर्ति उपार्जित अवकाश जोड़ेगा, उससे कम कार्य दिवसों पर नहीं। जैसे 8 कार्य दिवसों के एवज में 2 उपार्जित अवकाश देय होगा न कि राउंड्स फिगर में तीन अथवा 2.66 ।
4. 1995-96 के बाद विद्यालय के संस्था प्रधान स्वंम के स्तर किसी अध्यापक की अवकाश अवधि में कार्यालय अथवा अन्य कार्य के लिए ड्यूटी आदेश जारी कर उपार्जित अवकाश नहीं दिया जा सकता। जब तक उक्त ड्यूटी आदेश सक्षम स्तर से अनुमोदित न हो।
5. एक कलेंडर वर्ष में आरएसआर के नियम 92(बी) के तहत अधिकतम 15 उपार्जित अवकाश अर्जित किया जा सकेंगे, उससे अधिक उपार्जित अर्जित करने पर कार्मिक के अवकाश लेखों में नहीं जोड़े जाएंगे।
6. दिनांक 01-01-2004 के बाद नियुक्त कार्मिकों को परिविक्षाधिन अवधि में आरएसआर के नियम 122(ए) के तहत इस प्रकार से क्षतिपूर्ति उपार्जित अवकाश अर्जित नहीं किए जा सकते।
7. कई बार cbeo/cdeo कार्यालय द्वारा शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर कार्यालयों में लगाया जाता है, इस प्रकार प्रतिनियुक्ति अवधि के दौरान आरएसआर के नियम 92(बी) के तहत उपार्जित अवकाश अर्जित नहीं किए जा सकते।
उक्त जानकारी का स्रोत --- श्रीगंगानगर में गबन प्रकरण के बाद चल रही उपार्जित अवकाश ऑडिट
प्रश्न:- मुझे e filling साइट पर मेरे आयकर की जानकारी करनी है कि मेरे द्वारा काटा गया आयकर show हो रहा है या नही ? इसके लिए 26 AS पर जानकारी मिल जाती है। यह जानकारी कैसे मिलेगी ? कृपया इसका प्रोसेस बताये।
उत्तर- इन्कम टैक्स विभाग के e-Filling Home Page https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/home
पर यूजर आई डी में अपना PAN दर्ज करते हुए अपने पासवर्ड से लॉगइन कीजिए।
1️⃣होम पेज पर My Account सेक्शन में View Form 26AS(Tax Credit) पर क्लिक कीजिए।
2️⃣Disclaimer के नीचे Confirm पर क्लिक कीजिए। यहाँ से अब साइट रीडिरेक्ट करेगी।
3️⃣ अब खुली Traces साइट पर फ्लैश हुए पॉप अप के चेक बॉक्स में ✔️ दर्ज कर Proceed पर क्लिक कीजिए।
4️⃣ तदुपरान्त View Tax Credit(Form 26 AS) पर क्लिक कीजिए।
5️⃣असेसमेंट ईयर 2021-22 व View As में HTML सेलेक्ट कर VIEW/DOWNLOD पर क्लिक कीजिए।
6️⃣खुले पेज के Part A में TDS विवरण में सभी Deductors यथा DDO, बैंक्स आदि द्वारा काटे गए TDS की जानकारी मिलेगी।
7️⃣ Deductor के नाम के आगे बने हुए + पर क्लिक करने से उस Deductor द्वारा काटे गए TDS की दिनाँकवार जानकारी मिल सकती है।
प्रश्न :-1 अचल संपत्ति विवरण ऑनलाइन कैसे करे? इसे ऑनलाइन भरने की प्रक्रिया चरणवार बताने का कष्ट करें?
उत्तर - अगर आपने RAJ SSO पर अपना पंजीकरण नहीं करवाया हैं तो सबसे पहले अपना रजिस्ट्रेशन पूर्ण करें।
इसके बाद RAJSSO पर लॉगिन करना होगा जहां राजपत्रित कार्मिक अपने स्वयं की SSO ID (एम्प्लोयी आईडी) व पासवर्ड दर्ज करके केप्चा दर्ज करेगा और उसके बाद LOGIN पर क्लिक करें।
लॉगिन करने पर आपको कई सारें APPS दिखाई दें रहें होंगे जिसमें से राज काज के एप्प ऑइकन पर क्लिक करना होगा जिसके बाद एक विंडो ओपन होगी। इस विंडो में आपको MANAGE IMMOVABLE PROPERTY पर क्लिक करना होगा।
अगर आप पहली बार अपनी सम्पति का विवरण ऑनलाइन कर रहे हैं तो अपना पंजीकरण RAJ KAJ के IPR सॉफ्टवेयर में कर लेवे। पेज के पूरे खुलने के बाद आप पेज पर दी गयी सारी जानकारी ऑनलाइन भरे तथा अंत में आधार OTP से डिजिटल SIGN कर देवे।
अगर आप पहले से पंजीकरण कर चुके हैं तो आपको वर्तमान सेलेरी की बेसिक अपने प्रोफाइल में UPDATE PROFILE पर क्लिक करके अपडेट करनी होगी एवं साथ ही अन्य परिवर्तन भी अपडेट कर सकते हैं।
यदि आप पहले ऑनलाइन अचल संपत्ति जानकारी भर चुके है तो आपको SELECT FROM PREVIOUS PROPERTY ऑप्शन पर क्लिक करना हैं। क्लिक करने पर जो पेज खुलेगा उसमे आप पेज पर दी गयी सारी जानकारी को चैक करें और आवश्यकतानुसार परिवर्तन कर अचल संपत्ति विवरण को सबमिट कर दे और आधार OTP के द्वारा इसे वेरीफाय करें।
नोट - कार्मिक विभाग के आदेश क्रमांक-प.13(76)का./क-1/गो.प्र./2011 दिनांक 13.01.2016 व 03.02.2016 तथा 18.05.2016 के अनुसार समस्त राजपत्रित कर्मिकों को अपनी अचल संपत्ति का विवरण ऑनलाइन कर अपने कार्यालयाध्यक्ष/नियुक्ति अधिकारी/विभागाध्यक्ष को प्रस्तुत करना आवश्यक है।
अचल संपत्ति विवरण ऑनलाइन प्रस्तुत नही करने पर कार्मिको को विजिलेंस क्लियरेंस के साथ साथ पदोन्नति एवं वेतनवृद्धि भी स्वीकृत नही की जाएगी।
निदेशक महोदय बीकानेर के आदेशानुसार दिनांक 31.01.2021 तक अचल संपत्ति विवरण ऑनलाईन भरना अनिवार्य है।
प्रश्न-अंतिम वेतन प्रमाण पत्र (LPC) क्या होता है ? इसे कौन, कब और क्यों जारी करता है ?
उत्तर- राज्य कर्मचारी के एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में स्थानांतरण हो जाने पर आहरण वितरण अधिकारी (DDO) द्वारा GA-62 (New Form GA-35) में अंतिम वेतन प्रमाण पत्र (LPC) जारी करता है जिसमें कर्मचारी द्वारा उसके कार्यालय से आहरित किए गए अंतिम वेतन-भत्तें, वेतन से की जा रही कटौतियों, ऋण आदि की वसूलियों का ब्यौरा दर्ज होता है। अंतिम वेतन प्रमाण पत्र 4 प्रतियों में तैयार किया जाना चाहिए।
अंतिम वेतन प्रमाण पत्र जारी करने का उद्देश्य अगले आहरण वितरण अधिकारी द्वारा कार्मिक को वेतन भत्तों के दोहरे भुगतान से बचाव, कटौतियों व ऋण वसूलियों की सही जानकारी देना होता है।
सामान्य वित्त एवं लेखा नियम 145-147 के अनुसार LPC चार्ज रिपोर्ट प्राप्त होने से 4 दिन के अंदर व अधिकतम 10 दिन के अंदर जारी किया जाना चाहिए। ऐसा न होने पर कर्मचारी को मामलें की रिपोर्ट विभागाध्यक्ष को करनी चाहिए।
सामान्य वित्त व लेखा नियम 148 के अनुसार सामान्यतः कार्मिक का अंतिम वेतन प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं होने की स्थिति में प्रथम बार में 3 माह की अवधि के लिए कर्मचारी द्वारा दिए गए विवरण के आधार पर वेतन आहरित किया जा सकता है।
गत वर्षों से पे मैनेजर से वेतन विपत्र बनने से कार्मिक की पे मैनेजर आई डी प्राप्त हो जाने पर भी उसके अंतिम वेतन-भत्तों , कटौतियों, वसूलियों आदि की जानकारी GA 55 से प्राप्त की जा सकती है।
नोट:- सेवानिवृत कार्मिको को भी अंतिम माह के वेतन का भुगतान होने के बाद DDO द्वारा एलपीसी जारी की जाती है जिसके आधार पर ट्रेजरी में ग्रेच्युटी का भुगतान GPO के अनुसार किया जाता है ।
Pay मैनेजर से ऑन लाइन एलपीसी कैसे निकाले ?
(1 ) सर्व प्रथम उस कार्मिक की emlpoyee pay डिटेल्स में सैलरी stop करे। इस हेतु उचित कारण जैसे ट्रांसफर, सेवानिवृत आदि लिखे।
(2) Report टेब में DDO Report :point_right:employee Related Report :point_right:Lpc
इस प्रोसेस से एलपीसी जनरेट करे।
प्रश्न:- यदि कोई कर्मचारी प्रोबेशन पीरियड के दौरान अवैतनिक अवकाश ग्रहण करता है तो उसके स्थायीकरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
उत्तर- वित्त विभाग के आदेश दिंनाक 08.01.2020 के अनुसार 30 दिन तक अवैतनिक अवकाश लेने पर प्रोबेशनकाल में कोई वृद्धि नही होगी लेकिन 31 दिन होते ही प्रोबेशन पूरे 31 दिन तक आगे खिसक जाएगा।
प्रश्न:- प्रोबेशन पीरियड में कितने दिनों का अवैतनिक अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है?
उत्तर - एक माह तक का अवैतनिक अवकाश नियुक्ति अधिकारी स्वीकृत करेंगे इससे अधिक अवैतनिक अवकाश (आपातकालीन परिस्थितियों में) प्रशासनिक विभाग द्वारा स्वीकृत होंगे।
प्रश्न:- अवैतनिक अवकाश लेने की प्रक्रिया क्या रहेगी?
उत्तर-प्रोबेशन में 30 दिन तक अवैतनिक अवकाश उचित निजी कारण से एवं इससे अधिक स्वयं अथवा परिवार के किसी सदस्य की बीमारी के आधार अपने डीडीओ को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करके पूर्व स्वीकृति (नियुक्ति अधिकारी/ प्रशासनिक विभाग) के आधार पर लिया जा सकता है।
नोट :- प्रोबेशन काल मे 15 आकस्मिक अवकाश एवं अवैतनिक अवकाश के अलावा ( मातृत्व,पितृत्व एवं विशेष परिस्थितियों में CCL अवकाश को छोड़कर) अन्य अवकाश देय नही है। उच्च अध्ययन या परीक्षा तैयारी हेतु अवैतनिक अवकाश देय नहीं है।
प्रश्न:- सेवानिवृत कार्मिक के अनुपयोजित उपार्जित अवकाशों (PL) के नकदीकरण हेतु पेंशन विभाग से PPO नम्बर जारी होने के बाद विभाग से अलग से बजट की मांग करनी होती है। इसी क्रम में जो कार्मिक 12% DA Rate पर अगस्त 2019 में सेवानिवृत हुए थे और बाद में 17% DA के आदेश जुलाई- 2019 से भुगतान करने के किए गए, उन कार्मिको के 5% एरियर बकाया है। इसके लिए बजट प्रावधान क्या रहेगा ? क्या उसी प्रकार अलग से बजट मांगना होगा या फिर नियमित बिल की तरह बनाया जा सकता है ?
उत्तर:- (1) जुलाई 19 से फरवरी 20 तक सेवानिवृत होने वाले कार्मिको को सेवानिवृत्त के बाद अनुप्रयोग उपार्जित अवकाश (PL) का भुगतान 12% DA की दर से किया गया था। उसके बाद DA 12% से 17% बढ़ जाने से सेवानिवृति कार्मिकों को PL भुगतान के बकाया 5% DA एरियर का भुगतान किया जाना है।
(2) इस हेतु सम्बन्धित पेंशन विभाग से बजट हेड 2071-01-115-01-01 में निर्धारित प्रपत्र भर कर बजट की मांग करे।
(3) फिर IFMS पर उक्त Head में बजट चेक करते रहें। पेंशन विभाग से 2071 हेड में बजट प्राप्त होने के बाद पेमैनेजर पर Leave Encashment Arrear टेब से बिल बनाएं।
(4) Pension विभाग के E-mail Address निम्नानुसार है।
1.Pension dept Jaipur
2. JD Office Jodhpur
3. JD Office Bikaner
4. JD Office Ajmer
5. JD Office Udaipur
6. JD Office Bharatpur
7. JD Office Kota
प्रश्न:- NPS कार्मिक के मेडिक्लेम कार्ड खो जाने पर नए कार्ड बनाने तथा परिवार में नए सदस्य को मेडिक्लेम से कवर कराने की प्रक्रिया क्या है ?
उत्तर:- इसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाए।
(1) मेडिक्लेम का रिक्त कार्ड GPF कार्यालय से प्राप्त करे।
(2) कार्ड की पूर्ति करे एवं परिवार के फोटो उस पर लगावे।
(3) कार्ड को DDO से प्रमाणित करावे।
(4) पुराना कार्ड खो गया है इस आशय का शपथ पत्र बनवा कर नोटरी से प्रमाणित करावे।
(5) उसके बाद शपथ पत्र मय नया प्रमाणित कार्ड Duplicate कार्ड के आवेदन पत्र सहित GPF आफिस में जमा करावे।
(6) उसके बाद 4-5 दिन बाद नया डुप्लीकेट कार्ड GPF आफिस से प्राप्त करे।
(7) पूर्व के कार्ड में नया मेंबर ऐड करना हो तो रिक्त कार्ड ले कर नये मेम्बर को ऐड करते हुए सभी परिवार के सदस्यों का विवरण सहित उनके फोटो लगा कर DDO से प्रमाणित कर GPF आफिस में जमा करावे ।
प्रश्न-1:- एक कार्मिक ने छात्रावास अधीक्षक (L-5) के पद पर 05.12.2017 को कार्यग्रहण किया। उसे परिवीक्षा काल मे 17 सीसी नोटिस मिल जाने के कारण आदिनांक तक स्थायीकरण/नियमितीकरण नही हुआ। अब 17 सीसीए कार्यवाही एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने के साथ प्रकरण समाप्त कर दिया गया है। उक्त कार्यवाही से परिवीक्षाकाल/स्थायीकरण एवं वेतन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर - परिवीक्षाकाल में 17 सीसीए के नियमों के अन्तर्गत कार्यवाही होने से परिवीक्षाकाल एवं वेतन नियमितीकरण पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा। आपका स्थायीकरण दो वर्ष पश्चात दिनांक 05.12.2019 को ही L-5 के प्रथम सेल में 20800 पर किया जाएगा। आगामी वेतनवृद्धि तिथि 01.07.2020 रहेगी।
चूंकि सीसीए नियम 17 की कार्यवाही के तहत आपकी एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। अतः 01.07.2020 से देय वेतनवृद्धि ₹ 21400 का नकद लाभ आपको देय नही होगा केवल नोशनल लाभ ही देय होगा अर्थात 01.07.2020 से 30.06.2021 तक आपको मूल वेतन 20800 के अनुसार ही वेतन भुगतान किया जाएगा।
आगामी वेतनवृद्धि जो 01.07.2021 से मिलेगी उसका नकद लाभ आपको मूल वेतन 22000 के हिसाब से देय होगा।
नोट -असंचयी प्रभाव से वेतनवृद्धि रोकने पर वेतनवृद्धि नियमित की तरह ही स्वीकृत होती है परन्तु उसका आर्थिक लाभ उस वर्ष में नही मिलता है। इसमे कार्मिक को एक साल का आर्थिक नुकसान होता है।
संचयी प्रभाव से वेतनवृद्धि रोकने पर उस वर्ष की वेतनवृद्धि नही लगती है जिसका आजीवन आर्थिक नुकसान होता है।
जितने वर्ष के लिए संचयी या असंचयी प्रभाव से वेतनवृद्धि रोकी जाती है, एसीपी एवं पदोन्नति भी देय दिनांक के उतने वर्ष बाद ही मिलती है।
प्रश्न - एक शिक्षक के 300 से अधिक पीएल होने पर उन्हें खर्च करने का समय मिलता है अथवा नहीं ?
उत्तर- अगर शिक्षक के 31 दिसंबर को पी एल 300 प्लस हो रही है तो ऊपर की लैप्स होकर (अर्जित होने के कारण) वापस 300 हो जाती है।
मंत्रालय कर्मचारियों के 1 जनवरी और 1 जुलाई को 15 पीएल (अग्रिम जमा करने कारण) उपभोग करने के लिए छह माह की वैधता मिलती है।
नोट-कुछ कर्मचारी पीएल को लैप्स होने से बचाने के लिए अर्जित पीएल को जानबूझकर समय पर सेवा पुस्तिका में अंकित न करवाके पहले उपभोग कर बाद में एंट्री करवाते हैं जो कि नियमानुसार गलत है। पीएल के अर्जन एवं उपभोग का अंकन उनके जारी होने की दिनांक को सेवा पुस्तिका में करना चाहिए। अन्यथा बाद में रिकवरी होगी।
प्रश्न-1:- मेरे द्वारा HOD से एसआई नम्बर अपडेट कराने पर PRAN नम्बर हट गए। अब प्राण नम्बर कैसे अपडेट करें? प्रक्रिया बताने का कष्ट करें।
उत्तर :- सबसे पहले मोजिला ब्राउज़र में DDO की SSO ID ओपन करें और Employee में संबंधित कार्मिक को सर्च करें।
अब कार्मिक की स्कीम डिटेल में जायें। स्कीम में एनपीएस/जीपीअफ नंबर का काॅलम बंद होगा। आपको एनपीएस स्टार्ट होने की तिथि एवं फाइल लोकेशन में अपना जिला भरकर सबमिट करना है।
सबमिट सक्सेजफुली होने के बाद आप स्वत: कांटेक्ट डिटेल पर पहुंच जायेंगेे। आप वापस स्कीम पर आए और एनपीएस/जीपीएफ नंबर भरे एवं सबमिट करें।
इसे सबमिट करने के बाद सर्विस डिटेल भरने का मैसेज आयेगा। डिटेल भरकर स्कीम को एकबार फिर जांच लें, एनपीएस नंबर लिखा हुआ है कि नहीं।
अब आप कार्मिक के पर्सनल पे-मैनेजर पर जांच करें। यदि प्राण नम्बर शो हो रहे है तो रिक्वेस्ट जनरेट कर डीडीओ को भेंजे। डीडीओ लॉगिन से एचओडी को फारवर्ड करवाए।
नोट :- यदि उक्त प्रक्रिया के बाद भी पर्सनल पेमेनेजर पर प्राण नम्बर शो नही हो रहे है तो SIPF कार्यालय से सम्पर्क कर SSO में अपडेट करवाए।
HOD से रिक्वेस्ट APPROVE होने पर मास्टर डेटा में प्राण नम्बर शो होने लग जाएंगे।
- आयकर में लेने वाली छुटो से सम्बन्धी प्रश्नोत्तरी
प्रश्न- 1:- एनपीएस अंशदान हेतु कर छूट के संबंध में क्या प्रावधान है और यह कर छूट किन धाराओं के तहत मिलती है?
उत्तर - एनपीएस 01.01.2004 के बाद नियुक्त सभी कार्मिको की सकल आय में जोड़ा जाता है, जिस पर आयकर नियमों के तहत विभिन्न धाराओं में कर छूट का लाभ भी देय है। आज हम एनपीएस योगदान के बदले में मिलने वाली कर छूट के प्रावधानों के बारे में जानते है।
(i) 80CCD1 - कार्मिक द्वारा एनपीएस का योगदान (अधिकतम - वेतन+डीए का 10%)
नोट - उक्त कटौती धारा 80C के अधीन 1,50,000 की सीमा में ही की जा सकती है।
(ii) 80CCD2 - नियोक्ता द्वारा कार्मिक अंशदान के बराबर एनपीएस का अंशदान (अधिकतम - वेतन+डीए का 10%)
नोट - उक्त कटौती धारा 80C के अन्तर्गत 1,50,000 के अलावा अलग से की जाएगी।
(iii) 80CCD(1B) - इसमें 01.01.2004 के बाद नियुक्त कार्मिक एनपीएस अंशदान पर 50,000 की अतिरिक्त कर छूट प्राप्त कर सकते है। यह सुविधा बजट प्रावधान 2015-16 के तहत दी गई है।
नोट:- इसमें कार्मिक अपने एनपीएस की कटौती को दो भागों में विभाजित भी कर सकता है। उक्त सुविधा केवल एनपीएस के टियर-1 एकाउंट में निवेश पर ही प्राप्त की जा सकती है।
उदाहरण 1- एक कार्मिक की एनपीएस कटौती 65000 है व अन्य कटौतियां (LIC, PLI,SI, PPF, TUTION FEES, NSC) 120000 है। कार्मिक को कर छूट किस प्रकार मिलेगी।
धारा 80C में - 120000
धारा 80CCD1 - 30000 या 15000
-------------------------------------------------------
कुल योग 80C - 1,50,000 या 1,35,000
-------------------------------------------------------
80CCD(1B) - 35000 या 50000
कुल कर छूट योग्य कटौती - 185000/-
उदाहरण 2- एक कार्मिक की एनपीएस कटौती 75000 है व अन्य कटौतियां (LIC, PLI,SI, PPF, TUTION FEES, NSC) 130000 है। कार्मिक को कर छूट किस प्रकार मिलेगी।
धारा 80C में - 130000
धारा 80CCD1 - 20000 या 25000
-------------------------------------------------------
कुल योग धारा 80C - 1,50,000
-------------------------------------------------------
80CCD(1B) - 50000
कुल कर छूट योग्य कटौती - 2,00,000/-
नोट:- धारा 80CCD1 एवं 80CCD(1B) का योग धारा 80CCD2 के बराबर (नियोक्ता के अंशदान) के बराबर होना चाहिए।
- हितकारी निधि सम्बन्धी प्रश्नोत्तरी
प्रश्न-1 :- दिसम्बर माह में हितकारी निधि राशि वेतन से किस दर से कटौती की जानी है?
उत्तर- हितकारी निधि कटौती राशि राजपत्रित कार्मिको के लिए 500 रुपये और अराजपत्रित कार्मिको के लिए 250 रुपये वार्षिक निर्धारित है, जो वेतन बिल माह दिसम्बर (देय जनवरी) से करनी अनिवार्य है। यह कटौती प्रोबेशनर कार्मिक के वेतन से भी निर्धारित दरों के अनुसार अनिवार्यतः करनी है।
प्रश्न-2 :- पेमेनेजर/प्रिपेमेनेजर पर हितकारी निधि की कटौती करने की क्या प्रक्रिया है?
उत्तर - (i) इसके लिए सबसे पहले पेमेनेजर/प्रिपेमेनेजर लॉगिन कर MASTER > EMPLOYEE DETAILS > CORP DETAILS पर क्लिक करें। अब PAY NAME में HITKARI NIDHI लिखें एवं Corp A/C Number में 51020721611 लिखें और सबमिट कर दे। इस प्रकार कार्मिक के मास्टर में हितकारी कटौती Add हो जाएगी।
(ii) मास्टर में कार्मिक की हितकारी निधि अपडेट करने के बाद Bill processing > Salary preparation > Add Group Deduction या Employee Pay Detail > Add Deduction > HITKARI NIDHI में जाकर हितकारी निधि निर्धारित दर के अनुसार काटनी है।
प्रश्न -3 :- हितकारी निधि के शिड्यूल पर डिजिटल साइन नही हो रहें है? अब क्या करें ?
उत्तर - माह दिसम्बर 2020 के वेतन बिल प्रोसेस के बाद reports > Cooperative schedule में जाकर हितकारी निधि शिड्यूल का प्रिंट निकाल कर उसपर मैन्युअली हस्ताक्षर मय मोहर कर इसे other documents में अपलोड करना है।
प्रश्न -4 :- हितकारी निधि के शेड्यूल एवम ECS SLIP किस पते पर और कब भेजने है ?
उत्तर - माह दिसम्बर के वेतन विपत्र पारित होने एवं TV नम्बर जारी होने के पश्चात हितकारी कटौती शिड्यूल एवं ECS कॉपी डीडीओ हस्ताक्षर मय कार्यालय मोहर निम्नलिखित पते पर भेजें -
अध्यक्ष हितकारी निधि, माध्यमिक शिक्षा विभाग राजस्थान, बीकानेर
पिन कोड नम्बर - 334001
नोट :- हितकारी निधि वार्षिक कटौती है। अतः दिसम्बर माह के वेतन बिल पारित होने के पश्चात इसे कार्मिक पे डिटेल्स में से हटा देवें।
प्रश्न:- क्या एक महिला कार्मिक अपने सास ससुर के नाम से मेडीक्लेम कार्ड बनवा सकती है ?
उत्तर:- महिला कार्मिक को यह विकल्प दिया गया है कि वह अपने माता पिता या सास ससुर में से किन्ही एक को अपने परिवार में शामिल कर सकती है और मेडीक्लेम की सुविधा दिलवा सकती है बशर्ते कि उनकी मासिक आय 2000 रुपये से कम हो।
प्रश्न-:- एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को मई 2020 में निलंबित किया गया है। क्या उस कर्मचारी को वर्दी भत्ता देय है ?
उत्तर:-वर्दी भत्ता का Object Head -37 होता है और यह भत्ता सहायक कर्मचारियों को देय होता है।
उपरोक्त प्रकरण में सहायक कर्मचारी उस वित्तीय वर्ष में छः माह से कम अवधि में ही निलंबित हो गया है अतः उसे वर्दी भत्ता नही मिलेगा।
धारा 80U एक व्यक्ति को विकलांगता से पीड़ित होने पर कर लाभ प्रदान करता है| कोई व्यक्ति धारा 80 यू के तहत कटौती का दावा कब कर सकता है?
एकल व्यक्ति जिसके पास 40% विकलांगता या 80% विकलांगता के साथ निर्धारित विकलांगता है, वह आयकर अधिनियम की धारा 80 यू के तहत कटौती का दावा कर सकता है।
धारा 80 यू के तहत कटौती का दावा करने के लिए मुझे कौन सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना चाहिए?
व्यक्ति को आयकर रिटर्न के साथ धारा 80 यू के तहत एक मेडिकल प्रमाणपत्र की एक प्रति प्रस्तुत करनी चाहिए। चिकित्सा प्रमाण पत्र विकलांगता और निर्धारित चिकित्सा प्राधिकरण पर आधारित होना चाहिए।
धारा 80 यू के तहत कटौती की राशि क्या है?
विकलांग व्यक्ति के लिए उपलब्ध कटौती की राशि 75,000 रुपये है। 80% या अधिक विकलांगता के मामले में, कटौती 1,25,000 रुपये है।
धारा 80DD
यदि किसी करदाता के आश्रित परिवार के सदस्य विकलांगता से पीड़ित हैं, तो धारा 80DD कर लाभ प्रदान करती है।
प्रश्न:-किसी कार्मिक के सेवानिवृत्ति से पूर्व सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर हितकारी निधि एवं समूह दुर्घटना बीमा की राशि हेतु क्लेम करने की प्रक्रिया से अवगत कराएं।
उत्तर:-(1) समूह दुर्घटना के क्लेम फॉर्म को भर कर GPF आफिस जमा करावे। इसके साथ मृत्यु प्रमाण पत्र, FIR की कॉपी, पोस्टमार्टम की रिपोर्ट, नॉमिनी के बैंक A/C की कॉपी, कर्मचारी के GPA प्रस्ताव की कॉपी, 220 रु जिस बिल में काटा गया है उसके शेड्यूल् की कॉपी आदि सलग्न करे।
(2) हितकारी निधि के लिए निर्धारित फॉर्म भर कर बीकानेर भेजे उसके साथ उपरोक्त प्रमाण पत्र के साथ पिछले तीन वर्ष तक उनसे जो हितकारी निधि की राशि काटी गई है उसकी रसीद संलग्न करे यदि हितकारी निधि वेतन बिल से काटी गई है तो ECS स्लीप तथा शेड्यूल की कॉपी भी साथ मे लगावे।
प्रश्न:- क्या एक महिला कार्मिक अपने सास ससुर के नाम से मेडीक्लेम कार्ड बनवा सकती है ?
उत्तर:- महिला कार्मिक को यह विकल्प दिया गया है कि वह अपने माता पिता या सास ससुर में से किन्ही एक को अपने परिवार में शामिल कर सकती है और मेडीक्लेम की सुविधा दिलवा सकती है बशर्ते कि उनकी मासिक आय 2000 रुपये से कम हो।
प्रश्न:- मेडिक्लेम पॉलिसी में परिवार की क्या परिभाषा है ?
उत्तर:- परिवार में निम्नलिखित परिजन आते है।
(1) कर्मचारी के पति/पत्नी
(2) 21 वर्ष तक उम्र की दो सन्तान
(3) माता पिता जो सामान्यतया कार्मिक के साथ उसके पदस्थापन स्थान पर रहते है और उनकी मासिक आय 2000 रुपये से अधिक न हो।
प्रश्न:- डुप्लीकेट टी सी प्राप्त करने का क्या प्रोसेस है ?
उत्तर:- ₹10 के स्टाम्प पर TC गुम होने और पुनः मिल जाने पर दुरुपयोग ना करने का प्रमाण पत्र लिखकर नोटेरी करवायें व एक आवेदन पत्र पर आवश्यक जानकारी के साथ सम्बन्धित विद्यालय के संस्था प्रधान को जमा कराएं।
नोट-मूल टीसी के पश्चात अधिकतम दो बार डुप्लीकेट टीसी दी जा सकती है।
प्रश्न:- मेरी सेवानिवृत्ति सितंबर 2021 में है। मेरा राज्य बीमा की कटौती किस माह तक होगी और राज्य बीमा का पैसा कब मिलेगा ?
उत्तर:- नियमानुसार कार्मिक के सेवानिवृति तिथि से पूर्व आने वाले 1 अप्रैल को SI परिपक्व होने के कारण उसे 1 अप्रेल को क्लेम का अंतिम भुगतान कर दिया जाता है। इस केस में SI की अंतिम कटौती November 2020 तक होगी एवं दिसम्बर 2020 में अंतिम परिपक्वता दावा तैयार कर SIPF Office भेज देवें।
जबकि GPF की अंतिम कटौती नियमानुसार सेवानिवृति तिथि से तीन महीने पहले बन्द होती है अतः इनकी GPF की अंतिम कटौती जून 2021 तक होगी।
माननीय मुख्यमंत्री महोदय के अनुमोदन पश्चात आज दिनांक 18.12.2020 को वित्त विभाग ने पुनरीक्षित वेतनमान नियम 2017 की अनुसूची के बिंदु संख्या 6(iii) में संतान सम्बंधी एसीपी नियमों में संशोधन हेतु आदेश जारी कर दिया है। उक्त आदेश आज दिनांक 18.12.2020 से ही लागू होगा।
जारी आदेश में दिए गए स्पष्टीकरण के अनुसार अब तीसरी संतान होने पर एसीपी में कोई छूट नही मिलेगी अर्थात एसीपी देय तिथि से 3 वर्ष बाद ही स्वीकृत होगी, लेकिन तीसरी संतान होने पर एसीपी के प्रभाव में संशोधन किया गया है, जिसके अनुसार अब केवल तीसरी संतान के बाद वाली एसीपी ही प्रभावित होगी, बाकी एसीपी नियमित तिथि पर ही देय होगी।
जैसे एक कार्मिक (अधीनस्थ सेवा) के 9 वर्ष की सेवा से पूर्व तीसरी संतान होने पर पहले एसीपी 9, 18, 27 के स्थान पर 12, 21, 30 पर लगती थी, लेकिन अब उक्त संशोधन के बाद यह 12, 18, 27 वें वर्ष में ही देय होगी। तीसरी संतान होने का आगामी एसीपी के अलावा अन्य एसीपी पर पारिणामिक प्रभाव नही पड़ेगा।
वित्त विभाग द्वारा दिनांक 18.12.2020 को जारी एसीपी संबंधित आदेश के तीन मुख्य बिंदु
1. नियुक्ति प्राधिकारी को एसीपी लाभ देने से पहले 01.06.2002 को या उसके बाद केवल दो बच्चे होने के संदर्भ में कर्मचारी से एक हलफनामा पूर्ववत प्राप्त करना होगा।
2. एक कर्मचारी (जिसके 01.06.2002 को या उसके बाद दो से अधिक संतान हैं) को उस तारीख से तीन साल तक एसीपी लाभ नहीं दिया जाएगा, जिस दिन उसकी एसीपी बकाया हो जाएगी और इसका (तीसरी संतान) आगामी एसीपी पर कोई परिणामी प्रभाव नहीं होगा वह नियत तिथि पर ही देय होगी।
3. दो से अधिक संतान वाले कार्मिक को एसीपी के लिए अयोग्य नहीं माना जाएगा यदि उसकी संतान संख्या में 01.06.2002 को या इसके बाद कोई वृद्धि नहीं हुई है।
प्रश्न - एक महिला कार्मिक न्यायिक प्रक्रिया का पालन कर अनाथालय से बच्चा गोद लेती है, तो उसे मातृत्व अवकाश मिलेगा या नही?
यदि नही तो नियमानुसार कौनसा अवकाश देय होगा।
उत्तर - नियमानुसार मातृत्व अवकाश का लाभ उन महिला कार्मिको को देय है, जो एक संतान को जन्म देती है। यह अवकाश सम्पूर्ण सेवा काल मे अधिकतम दो जीवित बच्चो के लिए ही देय है। विशेष परिस्थितियों में (दो सन्तान होने के बाद किसी भी संतान के जीवित नही रहने पर) मातृत्व अवकाश का लाभ तीसरी बार भी दिया जा सकता है।
आपको मातृत्व (प्रसूति) अवकाश के स्थान पर राजस्थान सेवा नियम 1951 खण्ड प्रथम के नियम 103 (ख) के अनुसार बच्चा दत्तक ग्रहण अवकाश स्वीकृत किया जाएगा।
दत्तक ग्रहण अवकाश नियम 103(ख)(1) के अनुसार 2 से कम उत्तरजीवी संतान वाली किसी महिला कर्मचारी को एक वर्ष से कम आयु के बच्चे को विधि मान्य रूप से दत्तक ग्रहण करने पर विधि मान्य दत्तक ग्रहण की तारीख से 180 दिन की अवधि तक का बच्चा दत्तक ग्रहण अवकाश स्वीकृत किया जाएगा।
नियम 103(ख)(2) के अनुसार बच्चा दत्तकग्रहण अवकाश के दौरान कार्मिक को अवकाश पर प्रस्थान से ठीक पूर्व आहरित वेतन के बराबर वेतन नियमित रूप से भुगतान किया जाएगा।
3. इस अवकाश को आकस्मिक अवकाश के अलावा किसी भी अन्य प्रकार के अवकाश (PL/HPL) के साथ जोड़ा जा सकेगा।
4. इस अवकाश की प्रविष्टि सेवापुस्तिका में मातृत्व अवकाश के समान की जाएगी।
प्रश्न:- एक राज्य कर्मचारी की सेवा में रहते हुए मृत्यु हो जाने पर उसके पुस्तकालय एवं क्रीड़ा के चार्ज को अन्य राज्य कर्मचारी को देने की क्या प्रक्रिया है |
उत्तर:-【1】सर्व प्रथम कार्मिक के अचानक डेथ होने की सूचना अपने नियंत्रण अधिकारी को अविलंब देवे एवम उनके पास स्थित चार्ज हस्तांतरण के लिए पंचनामा बनाकर अलमारी का ताला तोड़ कर चार्ज अधिग्रहण करने के आदेश करावे।।
【2】आदेश जारी होने के बाद नियंत्रण अधिकारी जी के निर्देश अनुसार एक 5 सदस्यों की समिति का निमार्ण करे जिसमे राजपत्रित अधिकारी/ लेखा कार्मिक या अधिकारी/एक लिपिक वर्ग से कोई लिपिक/चार्ज जिसको देना है आदि अवश्य सदस्य बनावे।।
【3】समिति की देख रेख में पंचनामा बना कर चार्ज से सम्बंधित अलमारी का ताला तोड़े एवम स्टॉक रजिस्टर के अनुसार उपलब्ध सामग्री का भौतिक सत्यापन कर जो सामग्री उपलब्ध है उसकी सूची बना लेवे।।
【4】Ddo एवं समिति से प्रमाणित सूची अनुसार उपलब्ध सामग्री का चार्ज नये चार्ज प्रभारी को हैंड ओवर कर देवे
【5】जो सामग्री कम मिलती है उसकी अलग से सूची बना कर उस सामग्री के लिए नियमानुसार वसुली की राशि निर्धारित करें एवं कुल वसूली की राशि कार्मिक के नॉमिनी से वसूल कर राजकीय कोष में राशि चालान से जमा करवा देवे एवं सूची एवम चालान की कॉपी स्टॉक रजिस्टर में चस्पा कर देवे जिससे भविष्य में ऑटिड करवाते समय सुविधा रहे।।
【5】यदि नॉमिनी द्वारा वसूली की राशि भरने से इनकार कर देवे तो पारिवारिक पेंशन हेतु दिए जाने वाले अदेय प्रमाण पत्र में सामग्री बकाया है का उल्लेख कर सूची सलंग्न कर देवे एवं पेंशन कुलक में निर्धारित प्रपत्र में वसूली की राशि ग्रेच्युटी मेसे समायोजन किये जाने की अभिषशा अंकित कर देवे।।
नोट:- इस सम्बंध में नियंत्रण अधिकारी किसी को जांच अधिकारी भी नियुक्त कर सकते है उस स्थिति में जांच अधिकारी की उपस्थिति में सम्पूर्ण प्रक्रिया संपादित कर एक प्रतिवेदन भी तैयार किया जा सकता है।
प्रश्न :- सेवानिवृत होने वाले कार्मिक के लिए वेतन से रेगुलर कटौती कब बन्द कर देना चाहिए
राज्य बीमा
सेवानिवृत्ति माह से पूर्व आने वाले मार्च से पहले तीन महीने पूर्व बन्द करे। एवम क्लेम सब्मिट करे। ताकि क्लेम अप्रेल माह में ही मिल जाये।
सामान्य प्रावधायी निधि
सेवानिवृत्ति माह सहित अंतिम तीन माह में कटौती नही करनी। ताकि क्लेम सेवानिवृतिहोते ही मिल जाये।
आरपीएमएफ
सेवानिवृत्ति के अंतिम माह तक कटौती होती है इसका कोई क्लेम नही मिलता।
क्लेम समय पर मिल जाये इसके लिए कटौती बंद करते ही आवश्यक दस्तावेज के साथ फाइनल क्लेम sso id से ऑनलाइन सबमिट करे एवम Ddo उसे ऑनलाइन Gpf आफिस के लिए फोरवर्ड करेंगे ।
प्रश्न :- दिसम्बर माह में हितकारी निधि राशि वेतन से कटौती की जानी है। यह कितनी है और कैसे काटनी है ?
उत्तर- यह राशि राजपत्रित कार्मिको के लिए 500 रुपये और अराजपत्रित कार्मिको के लिए 250 रुपये कटौती करनी है इसके लिए सबसे पहले मास्टर डेटा में कार्मिक की Corp डिटेल्स अपडेट करे उसके बाद ।
Bill preparation> Salary preparation> Add group Dependent Deduction में जाकर हितकारी निधि निर्धारित दर के अनुसार काटनी है।
हितकारी निधि कटौती करने पर कार्मिक की मृत्यु हो जाने की स्थिति में 1.50 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है
इसके साथ ही हितकारी निधि के अंशधारक को पुत्री की शादी एवं बच्चों के उच्च अध्ययन पर भी आर्थिक सहायता मिलती है ।
नोट:- यह कटौती केवल शिक्षा विभागीय कार्मिको पर लागू होती है और प्रोबेशनर सहित सभी कार्मिको के कटौती करना अनिवार्य है।
1 - अपने निष्ठा एप को अपडेट करें।
2 - लाॅगिन करने के लिए अपनी कार्मिक शालादर्पण आईडी का उपयोग करें।
3 - कोर्स चयन के लिए राजस्थान के कोर्स का चयन करें।
4 - अपने मोबाइल की मेमोरी पर्याप्त रूप से खाली रख कर ही कोर्स जाॅइन करें।
5 - अपने मोबाइल के cached data को clear करें।
उपरोक्त चरण पूरें करनें पर भी आप प्रशिक्षण नहीं ले पा रहे हैं तो अपना कोर्स किसी अन्य हैंडसेट अथवा कंप्यूटर / लैपटॉप में चलाए।
6 - यदि आपने दीक्षा एप को अपनें मोबाइल नंबर से लाॅगिन किया है तो आपकों सर्टिफ़िकेट प्राप्ति के लिए समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
इसके लिए अपनी शालादर्पण आईडी से ही लाॅगिन करें।
7 - यदि कोर्स पूरे होने के बाद भी सर्टिफ़िकेट डाउनलोड नहीं हुआ है तो इंतजार करें। और कोर्स पूर्ण होने का स्क्रीन शोट अपने पास सुरक्षित रखें।
RSCERT उदयपुर
उत्तर:- सेवा निवृति से पूर्व के मामलों को छोड़ कर जिस कार्मिक ने तीन वर्ष की नियमित सेवा पूर्ण कर ली है उस कार्मिक के पास अन्य कोई अवकाश शेष नहीं हो तब लीव नॉट ड्यू स्वीकृत किया जा सकेगा।
इसमें जितने दिन का अवकाश लिया जाता है कार्मिक के अर्द्ध वेतन अवकाश लेखा में डेबिट किया जाएगा तथा भविष्य में अर्जित अवकाश में से समायोजित किया जाएगा।उदाहरण:- किसी कार्मिक के पास कोई अवकाश शेष नहीं है तथा वह बीमार ही गया और उसने चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर 20 दिन का लीव नॉट ड्यू चाहा है तो कार्मिक के अर्द्ध वेतन अवकाश में से (-20) लिखा जाएगा और जब कर्मचारी अर्द्ध वेतन अवकाश अर्जित करेगा तब इसमें से समायोजित कर अवकाश संख्या 00 कर दी जाएगी।
लीव नॉट ड्यू अवधि में कार्मिक को अर्द्ध वेतन ही प्राप्त होगा। नियम 93(3)(ग) के अनुसार संपूर्ण सेवाकाल में 360 दिन से अधिक का लीव नॉट ड्यू स्वीकृत नहीं किया जा सकेगा जिसमें एक समय में 90 दिन से अधिक का नहीं होगा तथा 180 दिन का अदेय चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर एवं शेष अन्य आधार पर स्वीकृत किया जा सकेगा।
- अध्ययन शुल्क - नियम 119
- अध्ययन भत्ता - नियम 117
- अध्ययन अवकाशों के साथ अन्य अवकाशों का समायोजन - नियम 116
- बोर्ड फीस का विवरण
- PLZ Check DSC setting का msg आने पर internet exploler की setting सही करने का प्रोसेस
- प्रोबेशन में CL की गणना
- स्थाईकरण आवेदन पत्र ऑन लाइन करने एवम अटेच डाक्यूमेंट्स की जानकारी
- एसीपी ऑनलाइन की प्रक्रिया एवं दस्तावेजों की जानकारी
- Quarantine Leave के बारे में आवश्यक जानकारी
इससे स्पष्ट है कि जो RSR में इस सम्बंध में प्रोविजन दिए गए हैं, वही कोविड 19 पर भी लागू रहेंगे ( अर्थात स्वयं कार्मिक पॉजिटिव है तो उपार्जित/परिवर्तित अवकाश जो अर्जित है वह अवकाश लेना होगा।
2. जबकि कार्मिक के परिजन के कोरोना संक्रमित होने या अन्य कारण से (As per Govt. Guidelines) Dr द्वारा कार्मिक को भी quarantine किया गया हो तो उसे चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर निरोधावकाश (Quarantine Leave) देय होगा।
3. लेकिन बिंदु संख्या 2 के द्वारा इस प्रोविजन में तीन वर्ष से कम सेवा वाले कार्मिकों को स्वयं संक्रमित होने पर भी ( जो केवल बिंदु संख्या 2 में ही लिखा हुआ है- HE/She is infected with COVID-19 ) क्वारेन्टीन लीव (QL)का प्रावधान कर दिया गया है, क्योंकि उनके पास लेने के लिए और कोई अवकाश जमा नहीं होता है।
4. Quarantine Leave CM&HO /principal Medical Hospital के प्रमाण पत्र के आधार पर ही स्वीकृत की जा सकेगी।
5. उपार्जित अवकाश स्वीकृत करने वाले सक्षमअधिकारी ही Qurantine Leve स्वीकृत करने हेतु अधिकृत होंगे।
- Steps to do digital signature as follows-
3. Reply Mail पर Esign pdf का जो नया link प्राप्त होगा,उसे download कर Install करें।
4. अपने PC/Laptop का Date Format m/d/yyyy एवं Language में English US Select कर Submit करें।
5. DotNet framework पुराना Version Uninstall कर का नया Version Microsoft.com से Download कर Install करें।
6. Digital Sign करते समय Services में जाकर ActiveX Service को Automatic delayed Start कर Apply कर OK करें।
7.Internet Explorer Browser की ActiveX Control and Plugins तथा Scripting के सभी Options को Enable कर नीचे की तरफ Security वाले Option को Untick कर Apply कर OK करें।
8. PC/Laptop को Restart कर Digital Sign करें।
यदि ये सब करने के बाद भी sign नहीं हो रहे हैं तो फिर Dongle को सम्बंधित Treasury से Deregistered करवाकर पुनः Registration कर Approve करवाएँ।
वित्त विभाग द्वारा पेंशनर एवं मृत कार्मिकों को वित्तीय वर्ष 2019-20 हेतु देय बोनस के बारे में जारी मार्गदर्शन एवं स्पष्टीकरण का सार
प्रश्न :- क्या कर्मचारी जो 01-04-2020 के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं, वे वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए तदर्थ बोनस के लाभ के लिए पात्र हैं?
उत्तर - हाँ। उक्त कर्मचारी 10-11-2020 को जारी बोनस आदेश में वर्णित नियम और शर्तों के अनुसार तदर्थ बोनस के हकदार हैं।
इन कर्मचारियों को 25% तदर्थ बोनस का भुगतान नकद में किया जाएगा और 75% तदर्थ बोनस को जीपीएफ या समकक्ष सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा किया जाएगा। एसआईपीएफ विभाग इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों के संबंधित जीपीएफ खाते को फिर से खोलेंगे। निदेशक एसआईपीएफ जीपीएफ /समकक्ष खाते में राशि जमा करने के लिए इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करेंगे।
प्रश्न :- क्या कर्मचारी जो 1-4-2020 के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं और जिनकी मृत्यु हो गयी है, वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए तदर्थ बोनस के लाभ के लिए पात्र हैं?
उत्तर - हाँ। उक्त कर्मचारी 10- 11-2020 को जारी बोनस आदेश में वर्णित नियम और शर्तों के अनुसार तदर्थ बोनस के हकदार हैं।
चूंकि इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है, इसलिए नियमों में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कानूनी उत्तराधिकारी को तदर्थ बोनस का भुगतान नकद में किया जाएगा।