mid day meal programme monthly expenditure statement, mdm monthly bill software ts, mdm milk excel program, mdm fruit excel program, milk distributio
सरकारी विद्यालयों हेतु मध्याह्न भोजन तथा मुख्यमंत्री बाल गोपाल दुग्ध योजना प्रोग्राम
Prepared By:-Ummed Tarad
(Teacher,GSSS Raimalwada)
Mob.No-9166973141
EmailAddress:[email protected]
1. सर्वप्रथम आपके सिस्टम में devlys010 फॉन्ट इन्स्टाल करें।
2. School Info तथा Data Entry शीट्स की अनलॉक सैल्स में आवश्यक पूर्तियां करें, ध्यान रहे यहाँ किसी ड्रॉप डाउन में अन्य विकल्प का विशेष परिस्थिति में ही चयन करें वरना छेङें नहीं।
3. मध्याह्न भोजन योजना हेतु आवश्यक प्रपत्र "MPR" में आवश्यक हो तो केवल पिंक रंग की सैल्स में ही पूर्तियाँ करें, शेष ऑटोमैटेड है।
4. अन्य सारे प्रपत्र यथा - ‘‘मासिक प्रगति रिपोर्ट‘‘,‘‘मासिक उपयोगिता प्रमाण-पत्र‘‘,‘‘दुग्ध वितरण एवं दुग्ध स्टॉक पंजिका‘‘, ‘‘खाद्यान्न स्टॉक पंजिका‘‘ तथा ‘‘दुग्ध गुणवता पंजिका‘‘ स्वतः ही तैयार हो जायेंगे, आवश्यकतानुसार प्रिंट लेवें।
Excel Program Download Link Fully Automatic::🙈🙈
मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के लिए आवश्यक दिशा निर्देश:-
1. प्रस्तावना:-
1.1 वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा की गयी बजट घोषणा अनुसार मिड डे मील योजनान्तर्गत राजकीय विद्यालयों, मदरसों एवं विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों के छात्र-छात्राओं को Powder Milk से तैयार दूध सप्ताह में दो बार उपलब्ध करवाया जाना है। इस योजना के अन्तर्गत पाउडर मिल्क का क्रय एवं आपूर्ति राजस्थान को- ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन लिमिटेड (RCDF) से / के द्वारा किया जाना है।
1.2 मिड डे मील योजनान्तर्गत "मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना" को प्रारम्भ करने का प्रमुख उद्देश्य विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के नामांकन, उपस्थिति में वृद्धि, ड्रॉप आउट को रोकना एवं पोषण स्तर में वृद्धि व आवश्यक मेक्नो व माइक्रो न्यूट्रिएन्ट्स उपलब्ध करवाया जाना हैं।
2. पात्रता:-
मिड डे मील योजना से वर्तमान में लाभान्वित समस्त राजकीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों, मदरसों, स्पेशल ट्रेनिंग सेन्टर्स में अध्ययनरत कक्षा 1 से 8 तक के छात्र-छात्राओं को सप्ताह में दो दिन दूध उपलब्ध करवाया जायेगा ।
3. योजनान्तर्गत दूध की मात्रा:-
कक्षा 1 से 8 तक के छात्र-छात्राओं को दूध नीचे अंकित निर्धारित मात्रा के अनुसार उपलब्ध करवाया जायेगा:-
क्र. सं. कक्षा स्तर पाउडर मिल्क की मात्रा (प्रति छात्र) तैयार दूध की मात्रा (प्रति छात्र) चीनी की मात्रा
1 प्राथमिक (कक्षा 1 से 5) 15 ग्राम 150 ml 8.4 ग्राम
2 उच्च प्राथमिक (कक्षा 6 से 8) 20 ग्राम 200 ml 10.2 ग्राम
4. योजना का संचालन:-
4.1 दूध की उपलब्धता के स्त्रोत:-
योजनान्तर्गत पाउडर मिल्क का क्रय राजस्थान को- ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन 'लिमिटेड (RCDF) से किया जायेगा। आयुक्तालय, मिड डे मील द्वारा जिलेवार पाउडर मिल्क का आवंटन किया जायेगा। RCDE द्वारा आवंटन अनुसार पाउडर मिल्क की विद्यालयों तक डोर स्टेप डिलीवरी की जायेगी।
4.2 प्रत्येक विद्यालय में विद्यार्थियों को निम्नानुसार निर्धारित दो दिवस दूध उपलब्ध 'करवाया जायेगा:-
1. मंगलवार
2. शुक्रवार
उक्त निर्धारित दिवस को विद्यालय में अवकाश होने की स्थिति में अगले शैक्षणिक दिवस को दूध उपलब्ध कराया जायेगा ।
4.3. प्रत्येक विद्यालय में छात्र / छात्राओं को प्रार्थना सभा के तुरन्त पश्चात् दूध उपलब्ध करवाया जायेगा ।
4.4 योजनान्तर्गत छात्र / छात्राओं को दूध उपलब्ध कराने का उत्तरदायित्व विद्यालय प्रबन्धन समिति (SMC) का होगा।
4.5 योजनान्तर्गत प्रत्येक विधालय में पोषाहार मेन्यु" को विद्यालय के मुख्य स्थान पर पेंट से अंकित करवाए जाने के निर्देश दिए हुए हैं। पोषाहार मेन्यु के अंकन के स्थान के साथ ही दूध उपलब्ध करवाए जाने वाले दिवस, दूध की मात्रा एवं Powder Milk के स्टॉक का विवरण भी आवश्यक रूप से अंकित किया जायेगा |
.6 विद्यालयों में राजस्थान राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन से प्राप्त पाउडर मिल्क का भुगतान राशि रू.400/- प्रति किलो की दर से किया जायेगा। पाउडर मिल्क की दरों में परिवर्तन होने की स्थिति में पुर्ननिर्धारण निम्नानुसार गठित कमेटी की अभिशंषा पर वित्त विभाग की सहमति से किया जावेगा :-
1. अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग अध्यक्ष
2 आयुक्तं, मिड डे मील - सदस्य
3 अति. आयुक्त, मिड डे मील - सदस्य सचिव
4 वित्त विभाग का प्रतिनिधि- (संयुक्त सचिव स्तर) सदस्य
5 प्रशासक एवं प्रबन्ध संचालक, राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड' (RCDF) - सदस्य
5. गुणवत्ता एवं गुणवत्ता का मापन:-
5.1 पाउडर मिल्क में पोषक तत्वों की मात्रा RCDF द्वारा उपलब्ध कराकर पैकेट पर अंकित की जायेगी तथा पाउडर दूध बनाने की विधि भी पैकेट पर अंकित की जायेगी।
5.2 दूध की गुणवत्ता का मापन RCDF एवं विद्यालय प्रबन्धन समिति द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा |
5.3 विद्यार्थियों को दूध पिलाये जाने से पूर्व 1 अध्यापक व 1 विद्यार्थी के अभिभावक / एस.एम.सी. के सदस्य द्वारा पोषाहार की भांति दूध को चखा जायेगा तथा इसका रजिस्टर भी संधारित किया जायेगा |
6 अन्य आवश्यक व्यवस्थायें:-
6.1 बर्तन :-
6.2 नवीन विद्यालयों/ डीमर्ज विद्यालयों में दूध वितरण की सुगम व्यवस्था हेतु प्रत्येक विद्यालय को दूध गर्म करने के लिए एक 18 गेज का स्टेनलेस स्टील का भगोना (20 लीटर, 30 लीटर, 40 लीटर ) नामांकन के अनुसार, एक 20लीटर की स्टेनलेस स्टील टोंटी युक्त टंकी, एक जग, पलटा एवं अन्य आवश्यक बर्तनों, गैस चूल्हे (ISI मार्क) की व्यवस्था नामांकन के अनुसार करनी होगी। उक्त आवश्यक बर्तन क्रय किये जाने हेतु अधिकतम राशि रू. 15000/- आंवटित किये जायेंगे।
6.3 गिलास क्रय हेतु प्रति विद्यार्थी राशि रू. 40/- की दर से अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जायेगी। बर्तन, गिलास इत्यादि की खरीद में राजस्थान लोक उपापन पारदर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013 के प्रावधानों का ध्यान रखा जावे |
6.4 विद्यालयों में आवश्यक बर्तन (भगोने, गिलास, गैस चूल्हा आदि) की उपलब्धता होने की स्थिति में राशि आवंटित नहीं की जावे। जिन विद्यालयों में नामांकन वृद्धि के कारण गिलास एवं अन्य बर्तन क्रय हेतु प्रस्ताव प्राप्त होने पर राशि उपलब्ध कराई जाये |
6.5 जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय, प्रारंभिक शिक्षा नामांकन के अनुसार प्रत्येक विद्यालय: में बर्तन क्रय हेतु योजनान्तर्गत विद्यालय प्रबंधन समिति के खातों में राशि का हस्तांतरण करेंगे। NGO / AMSS से संबंधित विद्यालयों में विद्यालय स्तर पर ही बर्तन.. 'विद्यालय प्रबन्धन समिति द्वारा कय किये जायेंगे।
6.6 ईंधन व्यवस्था :- मिड डे मील योजनान्तर्गत विद्यालयों में दूध गर्म करने के सिलेण्डर की व्यवस्था के लिये राशि रू. 1500/- प्रतिमाह की दर से राशि उपलब्ध कराई जायेगी। गैस सिलेण्डर एवं चूल्हा अधिकांश विद्यालयों में 'उपलब्ध है। नवीन विद्यालय / डीमर्ज विद्यालयों में गैस सिलेण्डर एवं चूल्हा उपलब्ध नहीं होने की स्थिति तुरन्त व्यवस्था की जाये।
6.7 दूध गर्म करने एवं विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था :- मिड डे मील योजनान्तर्गत समस्त विद्यालयों ( SMC /NGO / AMSS) में दूध तैयार कर गर्म करने, विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने, बर्तनों की साफ-सफाई के लिये SMC द्वारा एक व्यक्ति .की सेवाऐं ली जा सकती है। उक्त व्यक्ति को राशि रू. 500/- प्रतिमाह की दर से भुगतान किया जायेगा ।
6.8 चीनी:- विद्यार्थियों को उपलब्ध कराये जाने वाले दूध में कक्षा 1 से 5 के प्रत्येक विद्यार्थी को 8:4 ग्राम एवं कक्षा 6 से 8 के प्रत्येक विद्यार्थी को 10.2 ग्राम चीनी मिलाकर उपलब्ध कराया जायेगा। विद्यालय प्रबन्धन समिति द्वारा चीनी स्थानीय बाजार से वास्तविक दर (अधिकतम राशि रू. 45/- प्रति किलोग्राम के अधीन ) के अनुसार क्रय की जायेगी। जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय, प्रा.शि. द्वारा प्रत्येक विद्यालय को. नामांकन / औसत उपस्थिति के अनुसार राशि का हस्तान्तरण विद्यालय प्रबन्धन समिति को किया जायेगा।
6.9 दूध तैयार करने की विधि :-
6.10 पाउडर मिल्क से दूध तैयार करते समय पैकेट पर लिखी हुई विधि को ध्यान पूर्वक पढ़ें जिसके अनुसार सुरक्षा मानकों व स्वच्छता का ध्यान रखते हुए सर्वप्रथम पाउडर को हल्के गुनगुने स्वच्छ पानी में मिलाकर पेस्ट बनाना है फिर निर्धारित मात्रा अनुसार गर्म पानी में मिलाकर दूध बनाया जाना है जिससे तरल दूध में पाउडर की गांठें नहीं बने।
6.11 दूध को गर्म करते समयं चीनी मिलानी है ताकि चीनी अच्छी तरह से घुल सके।
6.12 दूध तैयार करने के लिये साफ पानी उपयोग में लिया जाना है।
6.13 यदि किसी पैकेट में निर्धारित दिन दूध बनाने के पश्चात मिल्क पाउडर शेष रहता है तो उसे तुरन्त सील कर दिया जाये अथवा Air tight डिब्बे में रखा जावे जिससे उसमें नमी न जा पाये। अगले निर्धारित दिवस को सर्वप्रथम इस पैकेट को उपयोग में लियां जाये। एफ.आई.एफ.ओ. (First in first out) सिद्धान्त के अनुसार प्राप्त दूध पाउडर का दूध बनाने हेतु उपयोग में लिया जाना है।
7. विद्यालयों में RCDF द्वारा पाउडर मिल्क की डोर स्टेप आपूर्ति की जा रही है । विद्यालय जिनमें विद्यालय प्रबन्धन समिति, केन्द्रीकृत रसोई घर, अन्नपूर्णा महिला सहकारी समिति के माध्यम से पोषाहार वितरित किया जा रहा है उन सभी विद्यालयों में विद्यार्थियों को दूध तैयार कर उपलब्ध कराने का दायित्व विद्यालय प्रबन्धन समिति का होगा।
8. "मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना" के लिए विभिन्न स्तरों पर सहभागियों (STAKE HOLDERS). के उत्तरदायित्व -
I. राज्य स्तर (आयुक्तालय, मिड डे मील) :- "मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना" के प्रभावी व सुव्यवस्थित क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर आयुक्त, मिड डे मील उत्तरदायी होंगे।. राज्य स्तर से योजना के क्रियान्वयन हेतु वर्तमान में पोषाहार कार्यक्रम की भांति ही त्रैमासिक रूप से दूध, चीनी, ईंधन एवं बर्तन क्रय के भुगतान हेतु अग्रिम राशि जिलों को हस्तान्तरित की जायेगी। बर्तन क्रय की राशि (अनावर्ती मद) योजना के प्रारम्भ में जिलों को हस्तान्तरित की जावेगी |
II. राजस्थान को- ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन लिमिटेड (RCDF) :-
(a) आवंटन अनुसार RCDF द्वारा पाउडर मिल्क के 1 किलोग्राम की (निर्धारित की गई डिजाईन) पैकिंग में विद्यालयों में आपूर्ति की जायेगी ।
(b) पाउडर मिल्क FSSAI के मानकों अनुसार हो इसकी सुनिश्चितता की जायेगी ।
(c) पाउंडर मिल्क आवंटित मात्रा अनुसार पैकेट्स को सुरक्षित रूप से प्रत्येक विद्यालय तक पहुंचाने का कार्य RCDF द्वारा किया जायेगा ।
(d) RCDF द्वारा पाउडर मिल्क के पैकेट्स को एक अन्य बैग अथवा कॉर्टन में रखकर कर विद्यालयों तक आपूर्ति की जायेगी।
(e) आपूर्ति करते समय Water Proof तिरपाल द्वारा अच्छे तरीके से ढक कर रखेंगे ताकि वर्षो आदि से भीगने की सम्भावना न रहे।
(f) पाउडर मिल्क की आपूर्ति पैकिंग में की जायेगी। यदि कोई पैकेट गीले, क्षतिग्रस्त, पैकेट फटा हुआ एवं किन्हीं कारणों से उपयोग लेने योग्य नहीं पाया गया तो संस्थाप्रधान / मिड डे मील प्रभारी द्वारा आपूर्ति नहीं ली जावेगी तथा उसके स्थान पर दूसरे पैकेट्स की पुनः आपूर्ति की जावेगी । ऐसी स्थिति में आपूर्ति के लिये लगने वाले अतिरिक्त परिवहन का भुगतान नहीं किया जायेगा।
(g) आपूर्ति किये जा रहे पाउडर मिल्क के पैकेट्स पर उत्पादन तिथि (Mfg. Date) एवं वैधता तिथि (Exp. date) अंकित होनी चाहिए।
(h) RCDF द्वारा पाउडर मिल्क विद्यालयों तक सुपुर्द करने के दौरान किसी भी प्रकार से खराब / नष्ट होता है अथवा मात्रा कम पाई जाती है तो इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी RCDF की होगी तथा तत्काल सम्बन्धित विद्यालय को पूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी ।
(i) विद्यालयों में पाउडर मिल्क की आपूर्ति कार्य दिवस में की जायेगी तथा संस्थाप्रधान को एक दिवस पूर्व परिवहन ठेकेदार द्वारा अवगत कराया जायेगा ।
(j) RCDF के अधिकृत परिवहन ठेकेदार पाउडर मिल्क के पैकट संस्थाप्रधान / मिड डे मील प्रभारी को उपलब्ध कराकर इसकी प्राप्ती रसीद / चालान पांच प्रतियों में प्राप्त करेगा। एक प्रति विद्यालय को उपलब्ध कराई जायेगी।
(k) संस्थाप्रधान / पोषाहार प्रभारी पैकेट्स एवं मात्रा की गणना, मिलान उपरान्त ही परिवहन ठेकेदार को प्राप्ति रसीद उपलब्ध करायेंगे। प्राप्ति रसीद पर विद्यालय का नाम, हस्ताक्षर मय सील, नाम एवं पदनाम एवं प्राप्त सामग्री की मात्रा एवं पैकेट संख्या स्पष्ट तौर पर. अंकित किये जायेंगे।
(l) पाउडर मिल्क की गुणवत्ता की पुष्टि में आपूर्ति किये जा रहे पाउडर मिल्क की एनालिसिस रिपोर्ट मय गुणवत्ता की पुष्टि हेतु राष्ट्रीय प्रयोगशाला अनुसंधान प्रत्यापन बोर्ड, (N.A.B.L.). द्वारा अनुमोदित प्रयोगशाला से कराकर इसकी रिपोर्ट की एक प्रति जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) प्रारम्भिक शिक्षा को प्रस्तुत करेंगे।
(m) RCDF विद्यालयों से प्राप्त प्राप्ति रसीद, बिल के साथ जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय, प्रा.शि. को प्रस्तुत करेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा रसीदों से मिलान उपरान्त भुगतान की कार्यवाही की जायेंगी।
(n) विभागीय अधिकारियों को पाउडर मिल्क के निरीक्षण करने का पूर्ण अधिकार होगा। . निरीक्षण के समय नमूनों की जांच में पाउडर मिल्क गुणवत्तापूर्ण नहीं पाये जाये, उन्हें रद्द किया जायेगा तथा निर्धारित अवधि में RCDF द्वारा अपनी स्वयं की लागत पर बदला जायेगा |
(O) RCDF के परिवहनकर्ता तौल मापक यंत्र (Bletronic Weighing Machine) सामग्री आपूर्ति के समय साथ में लेकर जायेंगे।
(p) राज्य/जिला / ब्लॉक स्तर के किसी भी अधिकारी द्वारा पाउडर मिल्क की जांच करने पर यदि प्रथम दृष्टया गुणवत्ता संतोषप्रद नहीं पाई जाती हैं एवं पाउडर मिल्क तौल में कम पाया जाता है तो उसे RCDF द्वारा शीघ्र बदला जायेगा।
III. जिला स्तर:- "मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना" के प्रभावी व सुव्यवस्थित क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर सम्बन्धित जिला कलक्टर उत्तरदायी होंगे। जिला स्तर पर मध्यान्ह भोजन योजनान्तर्गत जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समीक्षा एवं संचालन समिति का गठन किया हुआ है उक्त समिति की बैठक का आयोजन प्रतिमाह किया जाता है। यह समिति ही प्रतिमाह "मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना" की भी समीक्षा करेगी । मध्यान्ह भोजन योजना के क्रियान्वयन एवं संचालन के लिए जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय, प्रारम्भिक शिक्षा को नोडल अधिकारी नियुक्त किया हुआ है। "मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना" के लिए भी जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय, प्रारम्भिक शिक्षा नोडल अधिकारी होंगे। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा, पोषाहार योजना के अनुरूप ही "मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना" के लिए क्रियान्वयन एवं संचालन के लिए आवर्ती मद में राशि का हस्तान्तरण SMC के खातों में करेंगे एवं योजना के निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे।
IV. ब्लॉक स्तर:- "मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना" के प्रभावी व सुव्यवस्थित क्रियान्वयन के लिए ब्लाक स्तर पर सम्बन्धित मुख्य ब्लाक शिक्षा अधिकारी उत्तरदायी होंगे। ब्लाक स्तर पर मध्यान्ह भोजन योजना के लिए सम्बन्धित ब्लॉक के उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता: में ब्लाक स्तरीय समीक्षा एवं संचालन समिति का गठन किया हुआ है। जिसकी बैठक प्रत्येक माह आयोजित की जाती है। उक्त समिति ही "मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना" के • क्रियान्वयन की समीक्षा करेगी एवं योजना के निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे।
V. ग्राम पंचायत स्तर:- "मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना" के प्रभावी व सुव्यवस्थित क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर सम्बन्धित पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी (PEEO) उत्तरदायी होंगे।
VI. विद्यालय स्तर:- "मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना" के प्रभावी व सुव्यवस्थित क्रियान्वयन के लिए विद्यालय स्तर पर विद्यालय प्रबन्धन समिति उत्तरदायी होगी। विद्यालय प्रबन्धन समिति यह सुनिश्चित करेगी की निर्धारित दिवसों पर छात्रों को दूध उपलब्ध हो। छात्रों के नामांकन के अनुसार दूध व बर्तन की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करेंगी। केन्द्रीयकृत रसोईघर एवं अन्नपूर्णा महिला सहकारी समिति से संबंधित विद्यालयों में दूध वितरण की "व्यवस्था 'SMC द्वारा की जावेगी । “मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना" से सम्बन्धित समस्त लेखों (रिकॉर्ड) का संधारण विद्यालय प्रबन्धन समिति द्वारा किया जावेगा एवं योजना के निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे।
9. भुगतान व्यवस्था :- RCDF द्वारा विद्यालयों से प्राप्त प्राप्ति रसीद को इकजाही कर जिला 'शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय, प्रारम्भिक शिक्षा को बिल के साथ प्रस्तुत करेंगे। RCDF से क्रय किये गये पाउडर मिल्क का भुगतान जिला स्तर से जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय, प्रारम्भिक शिक्षा द्वारा राशि रू. 400/- प्रतिकिलो की अनुमोदित दर से नियमानुसार किया जायेगा |
10. अन्य निर्देश:-
I. " मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना" के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं को दूध उबालकर ही वितरित किया जावें ।
II. यह सुनिश्चित किया जावें कि दूध तैयार करने एवं वितरण हेतु आवश्यक बरतन (भगोना, टंकी, गिलास, आदि) धुले हुए एवं पूर्णतया स्वच्छ हो ।
III. दूध गर्म करने वाले बर्तनों को ढककर रखा जाये तथा दूध को छानकर ही उपयोग में लिया जावे। दूध तैयार एवं गर्म करने वाले स्थान को साफ-सुथरा रखा जाये।
IV. पाउडर मिल्क से दूध तैयार करने के लिये साफ एवं स्वच्छ पानी का इस्तेमाल किया जाये।
V. तैयार किया गया दूध यदि किन्ही कारणों से छात्रों को पिलाये जाने योग्य न हो, दूध 'उबालने पर खराब / फटने की स्थिति में विद्यार्थियों को उपलब्ध नहीं कराया जाये
VI. पाउडर दूध विद्यार्थियों को खाने के लिये नहीं दिया जाये।
VII. दूध तैयार करने, गर्म करने तथा विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने के लिये रखे गये व्यक्ति . किसी प्रकार के संक्रमित रोग से ग्रसित न हो इसकी सुनिश्चितता की जाये। दूध तैयार करने, गर्म करने तथा विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने से पहले साबुन से अच्छी तरह हाथ-धोने हेतु निर्देशित किये जायें।
VIII. प्रत्येक निर्धारित दिवस को पाउडर मिल्क से तैयार दूध के सैम्पल को उपयुक्त विधि से सील बन्द डिब्बे / गिलास में 24 घण्टे की अवधि तक विद्यालय में सुरक्षित रखा जाये।
IX. दूध अवधि पार होने की स्थिति में विद्यार्थियों को पीने के लिये नहीं दिया जाये |
X. दूध वितरित करने से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाये कि उसका तापमान कम हो ताकि दुर्घटनावश दूध के छात्रों के शरीर पर गिरने के कारण किसी प्रकार की हानि नहीं हो।
XI. दूध वितरित करते समय किसी अनहोनी घटना, छात्र के जलने अथवा दूध पीने के पश्चात छात्र की तबीयत बिगडने की स्थिति में तुरन्त छात्र को निकटवर्ती स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाकर उचित उपचार करवाया जाना सुनिश्चित किया जावे। विद्यालय में फर्स्ट एड की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जावे ।
XII. विद्यालयों में योजना के बाधित होने या अनियमितता पाये जाने की स्थिति में सम्बन्धित विद्यालयों के मिड डे मील प्रभारी / शाला प्रधान एवं पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी उत्तदायी होंगे। उक्त दोषी अधिकारी / कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी ।
XIII. दूध तैयार करने के उपरान्त छात्र - छात्राओं को निर्धारित मात्रा में उपलब्ध कराने हेतु नापने के लिये मेजरिंग (Measuring) कप क्रय किया जा सकता है |
XIV. जिस स्थान पर दूध गर्म किया जा रहा हो उस स्थान से छात्र-छात्राओं को दूर रखा जाये ताकि किसी प्रकार की अनहोनी घटना घटित न हो।
XV. पोषाहार कार्यक्रम के तहत ग्राम पंचायत स्तर, ब्लाक स्तर एवं जिला स्तर के अधिकारियों के लिए मासिक रूप से निरीक्षण के नियम निर्धारित किये हुये हैं, इनके - अनुरूप ही इस योजना का निरीक्षण भी सुनिश्चित किया जावे।
XVI. विभाग द्वारा योजना के लिये एक वेब पोर्टल विकसित किया जा रहा है जिस पर योजना की प्रगति की दैनिक रिपोर्ट अंकित की जायेगी ।
XVII. जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय, प्रा. शि. योजना की मासिक प्रगति रिपोर्ट इस कार्यालय को भिजवायेंगे।
For any Problem You can contact-
Ashwini Kuamr, Lecturer